कोरिया/कोरबा@क्या मतदान के ठीक पहले कोरिया जिले में बैकफुट पर है भाजपा जिला संगठन?

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रवि सिंह –
कोरिया/कोरबा 26 अप्रैल 2024(घटती-घटना)। लोकसभा चुनाव हेतु मतदान के लिए अब लगभग 10 दिन का समय शेष रह गया है, इसे ध्यान रखते हुए जहां अन्य पार्टियां बूथ स्तर तक दम खम लगा रही हैं तो वहीं कोरिया जिले में भाजपा के बड़े बड़े नेता घर पर बैठे हुए हैं,भाजपा का जिला संगठन जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में बैकफुट पर दिखलाई दे रहा है,बतलाया जाता है कि जब भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय का क्षेत्र में दौरा होता है तो भाजपा नेता सक्रिय हो जाते हैं और उनके जाते हीं फिर वे घर पर बैठ जा रहे हैं नेताओं के इस रवैये से फिर एक बार मोदी सरकार का नारा कैसे साकार होगा यह चिंतनीय विषय है। चुनाव सर पर है और नेताओं की सुस्ती समझ से परे और संदेहास्पद भी है। शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों पर नजर डालने से यह प्रतीत हो रहा है कि कोरिया जिले में कोई भी भाजपा नेता ईमानदारीपूर्वक काम नही कर रहा है, मंडल स्तर एवं जिला भाजपा कार्यालय में सिर्फ बैठक लेकर औपचारिकता पूरी की जा रही है,डोर टू डोर जनसंपर्क और नुक्कड़ नाटक सभा से भाजपा नेता कोसो दूर हैं। मै,मै कर हर कार्य का झूठा श्रेय लेने वाले भाजपा जिलाध्यक्ष दूसरे जिले में जाकर कार्यक्रम में शामिल होते दिख रहे हैं लेकिन खुद के जिले में उनकी सक्रियता एकदम शून्य है। नेताओं के निष्कि्रय रहने के कारण कार्यकर्ता भी अब सुस्त पडते दिखलाई दे रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में कोरबा संसदीय क्षेत्र की भाजपा प्रत्याशी का प्रचार विभाजित कोरिया जिले में सुस्त नजर आ रहा है वहीं कोरिया जिले की बात करें तो यहां संगठन का काम प्रचार के दैरान नजर नही आ रहा है वहीं विधायक की भी सक्रियता कम नजर आ रही है। भाजपा प्रत्याशी जब आती हैं तब भले ही संगठन के दो चार प्रमुख चेहरे सामने नजर आ जाते हैं लेकिन जमीनी हकीकत की बात की जाए तो इस बार लोकसभा प्रत्याशी के लिए कोई खास मेहनत संगठन नहीं कर रहा है वहीं बैठकों के अलावा जमीनी संपर्क अभी तक शून्य नजर आ रहा है। मौजूदा सांसद साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी के लिए इस बार जहां पूरा कांग्रेसी खेमा एकजुट है उनके लिए लगातार जन संपर्क कर रहा है वहीं भाजपा में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है और अधिकांश वरिष्ठ पदाधिकारी कार्यकर्ता शांत हैं। वैसे माना जा रहा है की भजापा संगठन और विधायक मोदी लहर के भरोसे हैं और वह यह मानकर चल रहे हैं की मोदी लहर में प्रत्याशी की जीत तय है उन्हे कुछ अलग से करने की जरूरत नहीं। जिले में खासकर कोरिया जिले में सोशल मिडिया में भी भाजपा का दमखम कम ही है अपने प्रत्याशी के पक्ष में,जिला संगठन प्रमुख सहित उनके एक दो खास केवल अपनी तस्वीर सामने आ जाए उन्हे लोग आगे देख पाएं इतने तक ही व्यस्त हैं वहीं काम के नाम पर जनसंपर्क के नाम पर वह कहीं आना जाना नहीं कर रहे हैं वहीं अन्य वरिष्ठ पुराने नेताओं को तो वर्तमान संगठन प्रमुख ने हाशिए पर ही डाल रखा है उन्हे क्या जिम्मेदारी दी जायेगी उनकी क्या उपयोगिता है पार्टी में यह उन्हे बताना भी मुनासिब नहीं समझते संगठन प्रमुख? वैसे कोरिया जिले में भाजपा के जिलाध्यक्ष साथ ही भाजयुमो के जिलाध्यक्ष के साथ एक कोई टीम में हो बड़ी ऐसा कभी नजर नहीं आया। भाजपा जिलाध्यक्ष जहां केवल एकला चलो की नीति पर काम कर रहे हैं वहीं उनके एक दो खास भी वही काम कर रहे हैं। भाजयुमो जिलाध्यक्ष का भी हाल इनसे अलग नहीं है।
सोशल मडिया से आगे उनका जमीनी हकीकत पकड़ शून्य
सोशल मडिया से आगे उनका जमीनी हकीकत पकड़ शून्य ही है और भाजयुमो कहीं न कहीं कमजोर हुआ है। कुल मिलाकर जिलाध्यक्ष भाजपा,भाजयुमो जिलाध्यक्ष के साथ काम करते हुए वर्तमान विधायक भी उन्ही की तरह हो जा रहे हैं और वह भी उस तत्परता से उत्साह से प्रचार करते नजर नहीं आ रहे हैं जैसा उन्हे प्रचार मामले में जाना जाता है। देखा जाए तो कोरिया जिले में भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी केवल मोदी लहर तक ही संघर्ष में हैं,संगठन सहित विधायक के प्रयासों से उन्हे कुछ हासिल होने जा रहा है लगता नहीं क्योंकि संगठन में दो चार ही लोग हैं जो अपनी चला रहे हैं जिलाध्यक्ष के साथ मिलकर वहीं अन्य पुराने वरिष्ठ भाजपाइयों को किनारे भी लगाने काम करते चले आ रहे हैं और पूरी तरह से वह लगे हुए हैं की उनके कार्यकाल में ही भाजपा का पुराना कुनबा नेस्तनाबूत हो जाए और केवल वही लोग बचें जो उनके लिए उनकी जी हुजूरी को तैयार रहें।
आखिर क्यों रुचि नही ले रहा भाजपा संगठन?
लोकसभा चुनाव में भाजपा का कोरिया जिला संगठन क्यों रुचि नहीं ले रहा है यह बड़ा सवाल है। कोरिया भाजपा संगठन वैसे भी जिलाध्यक्ष के एकला चलो की राह पर अग्रसर है और भगवान भरोसे ही संगठन चल रहा है उसके ऊपर लोकसभा चुनाव में संगठन की निष्कि्रयता जमीनी स्तर पर कहीं प्रत्याशी के लिए नुकसानदायक साबित न हो जाए।वैसे जिलाध्यक्ष की टीम जो एक दो लोगों की है के अलावा भाजपा का पूरा संगठन मौन साधे बैठा है और माना जा रहा है की उपेक्षा की वजह से कोई मन से काम नहीं कर रहा है प्रत्याशी के लिए केवल दिखावे के लिए ही प्रत्याशी के लिए काम हो रहा है। वैसे भाजपा प्रत्याशी की जीत मोदी लहर की ही वजह से ही सुनिश्चित मानी जा सकती है संभावित हो सकती है वरना संगठन खासकर जिलाध्यक्ष और अन्य के बीच बढ़ती दूरी को देखते हुए लगता नहीं की जीत तय है। जिस प्रकार से देखने में मिल रहा है कि बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में कोरिया भाजपा संगठन की सक्रियता एकदम शून्य है और संगठन के पदाधिकारी रूचि नही ले रहे हैं उससे मामला संदेहास्पद भी हो चुका है। हलांकि विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि कौन नेता काम कर रहा है और नही इसकी रिपोर्टिंग भी ऊपर तक हो रही है और भविष्य में इसी हिसाब से नफा नुकसान भी होना है।
नही दी गई है अन्य नेताओं को जवाबदारी
भाजपा संगठन ने अपने ही वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी नहीं दी है। जिलाध्यक्ष का अपना ही एक गुट है जो अकेले ही बैठक करते रहता है वहीं भाजपा के अन्य वरिष्ठ एवम आम कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।वर्तमान जिलाध्यक्ष सहित संगठन ने सभी जिम्मेदारी सीमित लोगों तक दे रखी है। पहली बार ऐसा लग रहा है की भाजपा एकजुट होकर नहीं लड़ रही है बल्कि मोदी लहर में प्रत्याशी मैदान में हैं वहीं संगठन अपनी एकला चलो नीति के साथ स्थिर बैठा हुआ है।
बिखरी हुई है भाजपा, एकजुट नजर आ रही है कांग्रेस
इस बार कोरिया जिले में भाजपा पूरी तरह बिखरी नजर आ रही है। जिलाध्यक्ष को लेकर बताया जाता है की वह बड़े नेताओं के अलावा पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं को लेकर अलग ही भाव रखते हैं और वह भरसक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखते हैं वहीं बड़े नेता मंत्री जब मंच पर होते हैं किसी कार्यक्रम में होते हैं तब जिलाध्यक्ष भाजपा अपने एक दो खास लोगों के साथ उन्हे घेरे रहते हैं जिससे कोई अन्य पदाधिकारी कार्यकर्ता बड़े नेताओं से मिल न सके करीब न जा सके। इस बार कुल मिलाकर भाजपा बिखरी नजर आ रही है वहीं बात कांग्रेस की करें तो कोरिया जिले में कांग्रेस संगठित नजर आ रही है। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का एक एक पदाधिकारी एकजुट होकर काम कर रहा है प्रत्याशी के लिए वहीं वरिष्ठ और एक आम कार्यकर्ता सभी को अलग अलग जिम्मा दिया गया है कहीं कोई ऐसी बात सुनने को नहीं मिल रही है जो यह साबित करे की कोई भी नाराज है या उपेक्षित है। इस बार कांग्रेस का लक्ष्य भी बताया जा रहा है की यह है की पिछली बार से ज्यादा मत वह प्रत्याशी को दिला सके। वैसे सोशल मिडिया में जहां भाजपा के कुछ नेता अपनी तस्वीर ही बड़े नेताओं के साथ साझा कर रहे हैं और प्रत्याशी की जीत और भाजपा के तरफ से कांग्रेस पर अक्रामक होने का प्रयास नही कर रहे हैं वहीं कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता भाजपा पर आक्रामक है सोशल मिडिया पर।कुल मिलाकर भाजपा के जो नेता जिलाध्यक्ष की टीम में हैं वह केवल बड़े नेताओं के आने पर घेरा बनाने में ही व्यस्त है जिससे उनकी ही तस्वीर सामने आ जाए बाकी पार्टी प्रत्याशी जीत जाए या हार जाए।
काम करने वाले कार्यकर्ताओं को दबाने की कोशिश?
कोरिया जिले में जो कार्यकर्ता काम करने वाला है उसे दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है यह कुछ भाजपाइयों का ही कहना है। आज भाजपा में भाजपाई ही घुटन महसूस कर रहे हैं उपेक्षित हैं यह कुछ भाजपाइयों का ही कहना है। बताया जा रहा है इसके पहले जितने भी जिलाध्यक्ष भाजपा में रह चुके हैं सभी ने सभी के साथ मिलकर भाजपा संगठन को आगे बढ़ाने का काम किया था वहीं वर्तमान जिलाध्यक्ष के कार्यकाल में संगठन नाममात्र का है जो किसी तरह चल रहा है जबकि चुनाव में जीत मोदी लहर की ही उम्मीद में है वरना जीत मुश्किल है। भाजपा के पार्षद, बीडीसी,डीडीसी सभी मैदान से नदारद हैं। अब ऐसी स्थिति में कैसे जीत संभव होगी यह सोचने वाली बात है।
प्रतिदिन होनी है कई सभा,
नुक्कड़ सभा, कोरिया जिले में नजर नहीं आ रहा कुछ भी
भाजपा की चुनावी रणनीति के तहत बताया जा रहा है की प्रत्याशी के पक्ष के प्रतिदिन नुक्कड़ सभा होनी है वहीं कई जगह सभा होनी है लेकिन कोरिया जिले में कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। कोरिया जिले में एक भी सभा अभी तक देखने को नहीं मिली,वहीं कांग्रेस कई सभा कर चुकी कई घरों में वह अपने कार्यकर्ताओं की बैठक कर चुकी है वहीं सााधारी भाजपा काफी पीछे है,।एक तरह से भाजपा संगठन ने प्रत्याशी को काफी पीछे ला खड़ा किया है। यदि मोदी लहर नहीं चली मामला प्रत्याशी के लिए गलत होगा।
फिल्ड से गायब भाजपा नेता
कोरबा लोकसभा में मतदान आगामी 7 मई को होना है इस लिहाज से अब लगभग 10 दिन का समय शेष रह गया है देखने मे मिला रहा है कि कोरिया जिले में खासकर बैकुंठपुर विधानसभा में भाजपा के बड़े बड़े नेता और संगठन के पदाधिकारी चुनावी मैदान से पूरी तरह से गायब हैं, किसी भी गांव में जनसंपर्क नही किया जा रहा है और ना ही साप्ताहिक बाजारों मे नुक्कड़ सभाएं। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे भाजपा नेताओं ने मोदी के भरोसे चुनाव छोड़ दिया है। पार्टी सूत्रो का कहना है कि संगठन के चुनिदा नेता सिर्फ बैठको तक सीमित हैं संगठन द्वारा मिले निर्देश को वे कागजों में पूरा कर रहे हैं जनसंपर्क और रोजाना दौरे की कोई रूपरेखा जानबूझकर नही बनाई जा रही है।
कार्यकर्ताओं को दबाने की कोशिश
बतलाया जा रहा है कि भाजपा का जिला संगठन एकदम शांत बैठा हुआ है,महिला मोर्चा एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के कुछ पदाधिकारी काम कर रहे हैं लेकिन किसी ना किसी प्रकार उन्हे भी दबाने और शांत करने की कोशिश की जा रही है। प्रत्याशी सरोज पांडेय के दौरे में भाजपा के बड़े नेता सक्रिय हो जाते हैं यहां तक कि हर बार सिर्फ गिनती के चार पांच नेता ही प्रत्याशी से मुलाकात कर पाते हैं बाकि नेताओं को किसी प्रकार की जानकारी तक नही दी जा रही है और उन्हे दूर किया जा रहा है।
निर्वाचित जनप्रतिनिधी भी घरो में बैठे
भाजपा मे इन दिनों निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की कमी नही है,वार्ड पार्षद से लेकर पंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य आदि अनेक जनप्रतिनिधी है लेकिन उन्हे संगठन द्वारा किसी प्रकार से कोई जिम्मेदारी नही दी गई है,जिससे कि निर्वाचित जनप्रतिनिधी भी घरो में बैठे हुए हैं। स्थानीय विधायक का दौरा भी कहीं देखने में नही मिल रहा है।
हाट बाजारो से भी गायब भाजपाई
प्रायः देखने में मिलता था कि चुनाव पूर्व हाट बाजारों में समय लेकर चुनावी सभांए होती थी पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपाई बाजारो मे जाकर सभांए लेते थे लेकिन इस बार अचानक इन्होने हाट बाजारो मे सभाएं बंद कर दी है। ज्ञात हो कि साप्ताहिक बाजारो में बड़ी संख्या में लोग खरीदी करने आते हैं जहां सभा के माध्यम से बडी संख्या में मतदाताओं तक आवाज पहुंच जाती थी लेकिन इस बार इसे बे्रक कर दिया गया है। गुरूवार को पहली नुक्कड़ सभा बैकुंठपुर में कराकर दिखावा जरूर किया गया है।
पोस्टर लगाने वाले युवकों को भाजपा कार्यालय से भगाया गया
विश्वस्त सूत्रों ने बतलाया कि भाजपा प्रत्याशी के प्रचार प्रसार हेतु कुछ युवकों का दल आया हुआ है और वह क्षेत्र में भ्रमण कर पोस्टर चिपकाने का काम कर रहे थे। युवक भाजपा कार्यालय में ही रूके हुए थे लेकिन तीन दिन पूर्व संगठन के पदाधिकारी ने धमकाते हुए कार्यालय से भगा दिया और वहां उनके रूकने पर भी रोक लगा दिया गया है। जिससे कि अब वे दूसरे जगह किराये पर रह रहे हैं। संगठन की यह कार्यप्रणाली अनेक संदेहों को जन्म दे रही है।
क्या किसी षडयंत्र का शिकार हो रहीं भाजपा प्रत्याशी
भाजपा के जिम्मेदार नेता शांत बैठे हुए हैं और कई नेताओं को जिम्मेदारी ही नही दी गई है,पूरे विधानसभा क्षेत्र में नजर डालने पर प्रतीत होता है कि फिल्ड से भाजपा नेता एकदम गायब हैं,नेताओं के काम ना करने के कारण मोदी और विष्णुदेव सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार भी नही हो रहा है,घर घर भाजपाई पहुंच भी नही पा रहे है। संगठन की सुस्ती समझ से परे है। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे भाजपा प्रत्याशी कोरिया जिले में किसी षडयंत्र का शिकार हो गई हैं। हलांकि आम जन में पीएम मोदी के प्रति खासा उत्साह है लेकिन उसके बाद भी नेताओं ने चुप्पी साध ली है। कोरिया भाजपा संगठन के जिलाध्यक्ष एवं जिम्मेदार पदाधिकारियो के द्वारा काम ना किया जाना कार्यकर्ताओं मे भी चर्चा का विषय बन चुका है। जिलाध्यक्ष बड़े नेताओं के आमगन व बैठको में सिर्फ बड़ी बड़ी बाते और हवा हवाई दावे करने में मस्त हैं।
1 लाख से जीत का दावा क्या घर बैठने से पूरा होगा?
कुछ समय पूर्व भाजपा के जिलाध्यक्ष ने भाजपा कार्यालय में यह दावा किया था कि अविभाजित कोरिया से भाजपा प्रत्याशी को 1 लाख से अधिक की लीड मिलेगी जबकि बैकुंठपुर विधानसभा से 51 हजार की लीड का दावा किया गया है। ऐन चुनाव के वक्त दावा करने वाले जिलाध्यक्ष एवं नेता घर पर बैठ गए हैं, ऐसे में 1 लाख से जीत का दावा खोखला ही साबित होने वाला है। प्रदेश संगठन को चाहिए कि वह कोरिया जिले में पाटीं में दिख रही कमी को दूर करें व इस मामले पर गंभीरता पूर्वक संज्ञान ले।


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