अंबिकापुर,13 अपै्रल 2024 (घटती-घटना)। सिख समाज द्वारा 13 अप्रैल को धूमधाम से बैसाखी पर्व मनाया गया। गुरु सिंह सभा अंबिकापुर में कई धार्मिक आयोजन किए गए। बैसाखी से सिखों के नए साल की शुरुआत होती है। इसी दिन सिख पंथ के गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ने सन् 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। तभी से बैसाखी का त्योहार मनाया जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारा में सुबह 11 बजे से शद कीर्तन का आयोजन किया गया। कौर ग्रूप की महिलाओं द्वारा भी शद कीर्तन कर उपस्थित संगत को निहाल किया गया। सुबह से ही गुरुद्वारा में दर्शन के लिए संगत का तांता लगा रहा। कीर्तन और अरदास के पश्चात गुरु का अटूट लंगर संगत को बरताया गया। बड़ी संख्या में समाज के सभी वर्गों ने प्रसाद ग्रहण किया। गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के प्रधान सरदार रघुवीर सिंह छाबड़ा ने समाज के सभी वर्गों को बैसाखी की बधाइयां दी है। कार्यक्रम का सफल आयोजन सचिव नरेंद्र सिंह भामरा ने किया। इस अवसर पर जितेंद्र सिंह सोढ़ी, महेंद्र सिंह टुटेजा और प्रितपाल सिंह अरोरा ने सिख समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश रखा। इस अवसर पर चरणजीत सिंह छाबड़ा, गुरप्रीत सिंह बाबरा, तजिंदर सिंह धंजल, इंद्रजीत सिंह धंजल, अजय सिंह, हरमिंदर सिंह टिन्नी, गुरमीत सिंह जुनेजा, मंजीत सिंह छाबड़ा, रविंद्र सिंह टुटेजा सहित काफी लोग उपस्थित थे। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी जगदीप सिंह छाबड़ा रिंकू ने दी है।
दो पार्षदों ने शमशान घाट के लिए 2-2 लाख रुपए
बैसाखी पर्व के अवसर पर पार्षद पार्षद हरमिंदर सिंह टिन्नी ने पार्षद निधि से शमशान घाट के लिए 2 लाख और गुरुद्वारा के लिए 50 हजार रुपए दिए हैं। वहीं पार्षद अजय सिंह ने भी शमशान घाट के लिए 2 लाख रुपए दिए हैं।
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