सोनू कश्यप –
प्रतापपुर,09 अपै्रल 2024 (घटती-घटना)। प्रतापपुर में अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत के सचिव की मिली भगत से मोटी रकम के इजाफा के साथ अपने पसंदीदा सचिव को सौंपते है प्रभार जनपद पंचायत प्रतापपुर में एक एक सचिव को सौंपा गया है तीन-तीन ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारिया जिससे ग्राम पंचायतों का विकास कार्यों पर पड़ रहा असर है ग्राम पंचायत सचिवों को अतिरिक्त प्रभार सौंपने के कारण सचिव लोगो का मोटी रकम कमाने का अड्डा और जरिया बन गया है!
और तो और कई कार्य ऐसे हैं जो कि बिना कार्य किए ही कई फर्जी बिल लगाकर सरकारी पैसों का किया जा रहा है बंदरबाट जो की जांच के नाम से अधिकारी खानापूर्ति कर जांच के नाम से कर देते हैं रफा-दफा और इससे प्रतापपुर क्षेत्र के आने वाले विभिन्न ग्राम पंचायतों के कार्य बाधित हो रहे है और तो और ग्राम पंचायतों का कोई भी काम सही समय पर सुचारू रूप से पंचायत का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है और ज्यादा जिम्मेदारियां सौंपने के कारण सचिव अपने कार्यों के प्रति अपना पूर्ण समय नहीं दे पाते हैं। लोगों को थोड़ा सा काम के लिए सचिवों के पीछे पीछे कई दिनों तक भागना और भटकना पड़ रहा है जोकि काफी चिंता का विषय है जिससे विभिन्न ग्राम पंचायत के लोग काफी आक्रोशित है लोगों का कहना है कि।
शासन प्रशासन की नजर इसमें क्यू नहीं पड़ता है और तो और लोगों की कई बार सचिवों के साथ नोक झोंक भी हो जाती है कि लोगों का कहना रहता है की आप समय पर पंचायत भवनों में उपस्थित क्यों नहीं रहते आप क्यू नहीं आते
और तो और गांव के लोग नहीं जानते हैं कि किसको क्या जिम्मेदारी है दी गई है क्या नहीं उनको तो सिर्फ अपनी सहूलियत चाहिए उनका काम बनना चाहिए और जो जिम्मेदारियां दी गई है सचिवो को वो गलत है ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए एक सचिव को सिर्फ एक ग्राम पंचायत की जिम्मेदारियां सौंपनी चाहिए जिससे ग्राम पंचायत का कार्य तेजी से आगे बढ़े और विकास कार्यों में तीव्रता आए जिससे लोगों की परेशानियां दूर हो।
ग्रामीणों का कहना है कि कई प्रकार के कार्य ग्रामीण सचिवालय से पड़ता है जिसके कारण ग्रामीण परेशान होते हैं। और बार-बार अधिकारियों को शिकायत करने के बाद में भी इस तरह का रवैया बना होता है विकास कार्य की बात करें तो ग्राम पंचायत में सिर्फ कागजों में कार्य पूर्ण हुआ है या तो कई कार्य भ्रष्टाचार में ही समाप्त हो गए। और गुणवाा की बात करें तो यह अधिकारी इस विषय में जांच करने के नाम से खाना पूर्ति कर मोटी रकम का लेनदेन करते हैं। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैला हुआ है और शासन प्रशासन के कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस विषय में जनपद पंचायत सीईओ राधेश्याम मिरझा ने कहा कि इसकी जानकारी फाइल मंगा कर प्राप्त करता हूं तथा आचार संहिता बीतने के बाद व्यवस्थित की जाएगी एक-एक सचिव को दो-तीन जगह का प्रभार मिलना पूर्व सीईओ का समय का है मैं व्यवस्था हेतु सुधार करूंगा।
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