- मनरेगा के निर्माण कार्य में निर्माण एजेंसी तो सिर्फ मूकदर्शक है…
- खुलेआम हो रही है मनरेगा में ठेकदारी जिसमें गुणवाा विहीन निर्माण कार्य हो रहे हैंै…
- ग्रामीण यात्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी एवं मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी का पूरा संरक्षण होने के कारण मनरेगा में रोजगार गारंटी योजना के निर्माण कार्य ग्राम पंचायतों में ठेकेदारी धड़ल्ले से जारी है…
- क्या ग्रामीणों के विरोध के बाद अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को सथल निरीक्षण करना चाहिए की इनके मातहतों को स्थल निरीक्षण पर जाना उचित है?
–राजेन्द्र शर्मा –
खडगवा,09 अपै्रल 2024 (घटती-घटना)। जनपद पंचायत खडगवा के विभिन्न ग्राम पंचायतो मे जो बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र एवं मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। ऐसा ही मनरेगा से संबंधित चेकर टाइल्स सड़क निर्माण रिटर्निंग वाल पुलिया निर्माण कार्य ग्राम पंचायतों में रोजगार गारंटी योजना से निर्माण कार्य हुए हैं। जिसमें मोहल्ला वासियों के द्वारा चे कर टाइल्स सड़क निर्माण रिटर्निंग वाल पुलिया निर्माण सटाप डेम कार्य गुणवत्ता विहीन और घटिया समाग्री से निर्माण कार्य कराया जाने को लेकर मोहल्ला वासियों को इस तरह घटिया निर्माण कार्य पर आपत्ती भी कि थी।
मोहल्ले वासीयों की वषों से मांग पूरी हुई है और निर्माण कार्य अच्छे गुणवत्ता पूर्ण नहीं किया जा रहा है और मनरेगा के तहत रोजगार गारंटी योजना से चकर टाइल्स सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार के द्वारा मुंशी से ही कार्य को कराया गया है इस विभिन्न निर्माण कार्यों के गुणवत्ता विहीन कराये जाने का विरोध मोहल्ले वासी कर रहे थे। रोजगार गारंटी योजना के निर्माण कार्यों को अधिकारियों के संरक्षण में ठेकेदारी से निर्माण कार्य कराया जा रहे है मोहल्ले वासियों ने बताया कि इस तरह के निर्माण कार्यो में लेबर मिस्त्री भी बाहर के रह रहे है। जबकि मनरेगा से हो रहे निर्माण कार्यों में स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना है मगर विभिन्न ग्राम पंचायतों में रोजगार गारंटी योजना में ठेकेदारी इस कदर हावी है कि ग्रामीणों के विरोध के बाद भी निर्माण कार्य धड़ल्ले से ठेकेदारी से किए जा रहे हैं। इन सब की जानकारी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के इंजिनियर एसडीओ मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी सब होने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है इसमें इनको भी लक्ष्मी जी का प्रसाद प्राप्त बडी मात्रा में होता है।
विभिन्न ग्राम पंचायतों में ठेकदारी से चेकर टाइल्स सड़क का गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य किया गया है। जिसके स्थल कि जांच आज हो जाएं तो गुणवत्ता का सारा राज खुल जाएगा उसके बाद भी अधिकारीयों के द्वारा निर्माण सथल की जांच करने की जरूरत नहीं समझी गई और ठेकेदार मनरेगा के सारे नियम कानून को दरकिनार कर निर्माण कार्य करने वाला ठेकेदार धडल्ले से गुणवत्ता विहीन चकर टाइल्स सड़क निर्माण रिटर्निंग वाल पुलिया निर्माण कार्य करा दिए है ऐसा एक मामला दुग्गी ग्राम पंचायत में सामने आया था कि चेकर टाइल्स सड़क निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन और घटिया कराया जा रहा है। मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा रोजगार गारंटी योजना के निर्माण कार्यों में सिर्फ लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर प्राप्त करने से मतलब है और उसके बिना कोई भी कार्य की सी सी जारी तभी होगी जब लक्ष्मी जी का चढ़ा चढ़ेगा और तो और जब मनरेगा का पैसा जैसे ही चढ़ा मनरेगा के कर्मचारियों का फोन वेंडरों के पास अपने अपने कमीशन के लिए आने लगता है?
ग्रामीण यात्रिकी विभाग एवं मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी का निर्माण कार्यो मे भ्रष्टाचार करने के लिए ठेकेदारों को पूरा संरक्षण प्राप्त है
ग्रामीण यात्रिकी विभाग के द्रारा ग्राम पंचायत मे चल रहे निर्माण कार्यो के निरीक्षण और निर्माण कार्यों का इसटीमेट सथल निरीक्षण के पश्चात तैयार किये जाना होता है। सूत्रों की माने तो खडगवा ग्रामीण यात्रिकी विभाग में किसी भी निर्माण कार्य का इसटीमेट कार्यालय में बैठ कर जदा से जदा लागत का इसटीमेट तैयार किया जाता है जिसमें इन अनुविभागीय अधिकारी का अपना हिस्सा भी उस निर्माण कार्य के इसटीमेट मे शामिल रहता है। इनके सरक्षण मे ही जनपद क्षेत्र में धडल्ले से ठेकेदारी प्रथा से गुणवाा विहीन निर्माण कार्य मे भ्रष्टाचार चल रहा है? इस संबंध में जनपद पंचायत खड़गवां मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी से उनके मोबाइल नंबर 8463077737 पर संपर्क करने कई बार कोशिश की गई पर उनका फोन समाचार लिखे जाने तक स्वीच ऑफ बता रहा…।
ग्रामीण यात्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी और मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में ही बैठे नजर आते है?
इस का जिता जगता उदाहरण है कई ग्राम पंचायत के गुणवत्ता विहीन और घटिया निर्माण कार्य का होना लाखों रुपये की लागत कि पुलिया सी सी सडक रिटर्निंग वाल भवन आदि का ग्रामीण यात्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी सथल का निरीक्षण करने सथल पर जाते ही नहीं है वो कार्यालय में बैठ कर निर्माण कार्य का इसटीमेट तैयार करते हैं। ऐसा ही एक मामला कुछ दिनो पूर्व पोडी ग्राम पंचायत में भी हुआ जहां पर समतल भूमि पर पुलिया का निर्माण कार्य किया जा रहा था जिसे जाच के पश्चात रोका गया अधिकारी सिर्फ कागजों में ही क्षेत्र के निर्माण कार्यो को देख रहे हैं ग्रामीण यात्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी एवं मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी तो कार्यालय में ही बैठे नजर आते हैं उन्हें क्षेत्र मे चल रहे निर्माण कार्यो की निरीक्षण करने की फुर्सत ही नहीं है?