व्यवस्थाओं की खुली पोल,भिगती रही धान की बोरियां,किसानों को धान बेचने में भी हो रही है परेशानी
अम्बिकापुर 29 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। सरगुजा जिले में हो रही बारिश से धान खरीदी भी प्रभावित हुआ है। दरअसल उदयपुर ब्लॉक में 2 दिनों से हो रही बारिश की वजह से व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। खुले आसमान के नीचे फड़ में रखे गए धान भीग चुके हैं। वहीं बारिश की वजह से किसानों को धान बेचने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उदयपुर धान खरीदी केंद्र के समिति प्रबंधक ने बताया कि अभी तक 16 हजार 8 सौ 55 मि्ंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जबकि 26 सौ मि्ंटल धान का उठाव ही हो पाया है। वहीं धान के रखरखाव की व्यवस्था नहीं होने से परेशानियां बढ़ गई है। ऐसे में अब धान के बचाव के लिए किसानों द्वारा सैड की मांग की जा रही है ताकि किसानों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े। दरअसल धान खरीदी केंद्रों में त्रिपाल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की वजह से धान भीग गया है। समिति प्रबंधकों की इस लापरवाही की वजह से आने वाले दिनों में सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण सरगुजा संभाग में पिछले 3 दिनों से मौसम खराब है। मंगलवार की शाम को जहां झमाझम बारिश हुई वही कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हुई है। ओलावृष्टि व बारिश होने से बुधवार को भी आसमान में बादल की सक्रियता पूरी तरह रही। पिछले 3 दिनों से धूप नहीं निकलने से ठंड बड़ी हुई है। हालांकि अधिकतम और न्यूनतम तापमान में वृद्धि देखी जा रही है। मौसम खराब होने वह ओलावृष्टि के कारण किसानों को भी परेशानी बढ़ा दी है। इसका असर फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। विशेषकर सब्जी की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि के कारण टमाटर, गोभी, मटर को विशेष नुकसान पहुंचने से किसानों को आर्थिक क्षति हुई है। उत्तर-पूर्वी राजस्थान के वायुमंडल के निचले क्षोभमंडल तक चक्रवाती परिसंचरण युक्त द्रोणिका आकार पूरी तरह से ले ली है।इस कारण सरगुजा संभाग में पिछले 3 दिनों से मौसम खराब है। मौसम विज्ञानिक ए एम भट्ट के अनुसार बादल एक नया पश्चिमीविक्षोभ का संकेत है जो 1 जनवरी को उत्तर भारत में कमजोर होता हुआ प्रवेश करेगा और सम्भत: वहीं विलीन भी हो जाएगा परन्तु उससे हो कर आने वाली हवा हिमालय से टकरा कर राजस्थान, हरियाणा आदि राज्यों में शीत लहर को गति प्रदान कर देगा जो आगे चलता हुआ सीजन के शीत लहर के दूसरे वेव के रूप में उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत तक असरदार हो जाएगा।
वहीं बादल की सक्रियता हटते ही बढ़ेगी ठंड
उत्तर छत्तीसगढ़ के पूर्वी भाग में झारखंड और उड़ीसा की सीमाओं में घने बादल अभी भी हैं जो क्रमश: झारखंड- उड़ीसा की ओर बढ़ रहे हैं । बादलों के घने सफेद भाग में गर्जन करने वाले बादल संघनित हो रहे हैं जो इन क्षेत्रों में हवा के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारक बन सकते हैं। मौसम विज्ञानिक के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण आसमान में बादल पूरी तरह सक्रिय है। वही दिन में भी कोहरा का असर देखा जा रहा है। आसमान में बादल रहने के कारण न्यूनतम तापमान में कोई गिरावट नहीं हुई है। अधिकतम तापमान 23. 5 डिग्री सेंटीग्रेड है वहीं न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि हुई है न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेंटीग्रेड से बढ़कर 13 डिग्री पहुंच गया है। जबकि मंगलवार को 23 एमएम वर्षा हुई है। मौसम विज्ञानिक का मानना है कि बादल की सक्रियता हटते ही कड़ाके की ठंड वह शीतलहर की चपेट में सरगुजा संभाग पूरी तरह रहेगा।