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रायपुर@पीएम को गाली अब जनता बर्दाश्त नहीं करेगी

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रायपुर,03 अप्रैल 2024 (ए)।
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा है कि, हमें मोदी का सिर फोड़ने वाला सांसद चाहिए। इस पर सीएम साय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।सीएम विष्णुदेव साय ने पलटवार करते हुए कहा है कि पीएम को गाली अब जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत के मुड़ फोड़ने वाले बयान से भाजपा नेताओं में नाराज़गी व्याप्त है।
बीजेपी नेताओं ने अलग अलग बयान देकर अपने ही अंदाज़ में डॉ महंत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज भाजपाइयों द्वारा तत्संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग से लिखित शिकायत भी दर्ज करवाई गई है।
डिप्टी सीएम और छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा चरण दास महंत के बयान पर बोले मैं भी हूं मोदी का परिवार पहली लाठी मुझे मारे। भाजपा चुनाव प्रभारी नितिन नबीन ने भी यही बातें कहते हुए बोले- मै हूं मोदी का परिवार,पहली लाठी मुझे मारो। अभद्र बयान पर कहा- जनता माफ नही करेगी,करारा जवाब देगी ,देश के प्रधानसेवक के खिलाफ अभद्र टिप्पणी देश और छत्तीसगढ़ की जनता को मंजूर नहीं।
भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव के नेतृत्व में आज दोपहर 2 बजे चुनाव आयोग कार्यालय शिकायत करने जायेगा। प्रदेश बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने कहा प्रधानमंत्री जी के लिए दिया गया बयान ,हिंसक बयान है ,भड़काऊ है ,उग्र है देश की संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ने वाला बयान है जनता अपनी प्रिय प्रधानसेवक के लिए इस प्रकार ने बयान कभी बर्दाश्त नहीं करेगी कांग्रेस को सबक सिखायेगी।


महंत ने कहा है कि मुझे संसदीय परंपरा का पूर्ण ज्ञान, छत्तीसगढ़ी नहीं समझने वाले गलत प्रचार कर रहे हैं। नेताप्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा- जैसे मुहावरा है ठीकरा फोड़ना मतलब, जिम्मेदारी वहन करना होता है, जिसे छत्तीसगढी में मुड़ फोड़ना ही कहा जाता है।
डॉ. चरणदास महंत ने कहा है कि, राजनांदगांव में दिए गए मेरे बयान को तोड़-मरोडक़र प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि, उन्हें छत्तीसगढ़ की रीति-नीति व संस्कृति का शायद ज्ञान नहीं है, इसलिए उनके सहज व विशुद्ध छत्तीसगढिय़ा वाक्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा है कि, मैं विशुद्ध रूप से छत्तीसगढिय़ा संस्कृति में रचा-बसा हूं। छत्तीसगढ़ की भाषा शैली का उपयोग करते समय बीच-बीच में निर्धारित प्रयोग लक्षणा-व्यंजना में आने वाले शब्दों के साथ बात करता हूं। छत्तीसगढिय़ों में एक प्रचलित वाक्य जैसे-लउठी धर के दउड़ा न, मार न टूरा ला जैसे कई वाक्य सहज रूप से उपयोग में लाए जाते हैं।
उन्होंने बयान को तोड़मड़ोरकर पेश करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा.जो लोग छत्तीसगढ़ की रीति-नीति, भाषा संस्कृति को नहीं समझते, ऐसे मीडिया प्रतिनिधियों के द्वारा गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है।


डॉ. महंत ने कहा कि, मुझे प्रधानमंत्री के पद, संसदीय परंपरा और गरिमा का पूरा ज्ञान है। मैं स्वयं 4 बार सांसद, 5 बार विधायक रहा और स्पीकर के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष होने के नाते संवैधानिक गरिमा का भी ख्याल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कई बार व्यक्तिगत मुलाकातें हुई हैं और वे मुझे भी व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं।


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