अंबिकापुर@एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करनेके मामले में दूसरा आरोपी गिरफ्तार

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  • संवाददाता –
    अंबिकापुर,28 मार्च 2024 (घटती-घटना)।
    एटीएम बदलकर धोखाधड़ी करने के मामले में उदयपुर पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसी मामले में पूर्व में एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर चुका है।
    जानकारी के अनुसार रामलखन सिंह पिता स्व. जीत सिंह, उम्र 35 वर्ष निवासी रामनगर मार्च 2022 को भाई माया सिंह एटीएम कार्ड लेकर पैसा निकालने एसबीआई एटीएम उदयपुर गया था। वहां पर पैसा नहीं निकलने पर दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मदद के बहाने एटीएम पासवर्ड देखकर छल से अज्ञात व्यक्तियों द्वारा एटीएम कार्ड बदल दिया गया, और एटीएम कार्ड लेकर फरार हो गये। अज्ञात व्यक्तियों द्वारा प्रार्थी के एटीएम से कुल 114800 रूपये आहरण कर लिया गया है। जिससे थाना उदयपुर में सदर धारा 420, 34 भादसं के तहत् प्रकरण पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया। मामला पंजीबद्व उपरांत प्रकरण के आरोपियों की पता-तलाश/गिरफ्तारी हेतु सायबर सेल टीम द्वारा तकनीकी माध्यम से तकनीकी जानकारी ली जा रही थी, और गिरफ्तारी का हरसंभव प्रयास किया जा रहा था। किन्तु आरोपियों द्वारा बार-बार जगह बदलने व बदल-बदलकर मोबाईल का उपयोग/बंद किये जाने के कारण पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ रहे थे। तकनीकी माध्यम से ज्ञात हुआ, कि आरोपियों द्वारा दिनांक घटना को प्रार्थी का एटीएम बदलकर अपने ही खाते में पीओएस मशीन के माध्यम से आहरण किया जाना पाया गया।
    मामलें में आरोपी अभिषेक कुमार उर्फ राहुल उर्फ अमित कुमार पिता रविशंकर प्रसाद उर्फ सुरेन्द्र प्रसाद यादव, उम्र 24 वर्ष, निवासी पटेलनगर, नवादा (बिहार) को पूर्व में ही नवादा (बिहार) से पता-तलाश कर गिरफ्तारी की कार्यवाही उपरांत न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल किया गया है। जिससे पूछताछ पर बताया कि वह अपने साथी दीपक कुमार यादव पिता सरण यादव निवासी बरतपुरा, नवादा थाना मुफ्सि्सल, बिहार के साथ घटना को अंजाम देना बताया, और जिस पीओएस मशीन के माध्यम से प्रार्थी का रकम आहरण हुआ उस पीओएस मशीन को दीपक के पास होना बताया। जिसे विधिवत् रूप से माननीय न्यायालय के आदेश पर दीपक कुमार यादव पिता सरण यादव, निवासी बरतपुरा, नवादा थाना मुफ्सि्सल, बिहार को जारी प्रोडक्शन वारण्ट पर समस्तीपुर, बिहार के जिला जेल से लाया गया, जिसे माननीय न्यायालय परिसर में पूछताछ किया गया, जिसने घटना में प्रयुक्त पीओएस मशीन को बिहार के रास्ते में फेंक देना बताया, और ठगी से मिले पैसे को अपने जमानत में खर्च देना बताये। मामले के निराकरण में प्रधान आरक्षक घनश्याम यादव, शत्रुघन सिंह, आरक्षक रविन्द्र साहू, आरक्षक गंगाप्रसाद, सैनिक चंदन सिंह इत्यादि कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

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