कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन को 14 दिन की जेल,
डीजीजीआई ने कहा- अब तक 194 करोड़ कैश बरामद
कानपुर ,27 दिसंबर 2021 (ए)। कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घरों से खजाना मिलने का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। कानपुर में 180 करोड़ रुपये बरामद होने के बाद के बाद कन्नौज से करोड़ों का कैश, 125 किलो सोना और अरबों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। डीजीजीआई ने बताया कि पीयूष जैन के घरों से अब तक 194 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद हुए। फिलहाल अभी ऑपरेशन जारी। वहीं, कारोबारी पीयूष जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। रविवार रात को गिरफ्तार करने के बाद पीयूष जैन को आज रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
जीएसटी की टीम ने पीयूष जैन को सोमवार की शाम करीब चार बजे रिमांड मजिस्ट्रेट योगिता कुमार के न्यायालय में पेश किया। जीएसटी अधिकारी उसे जैसे ही कोर्ट के अंदर ले गए, दरवाजे बंद कर लिए गए और बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया। जीएसटी के विशेष अभियोजन अधिकारी अंबरीश टंडन ने कोर्ट में समस्त दस्तावेज पेश किए और आरोपित का जेल रिमांड मांगा। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुधीर मालवीय की ओर से आपत्ति जताते हुए रिमांड निरस्त करने की अपील की गई। दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद रिमांड मजिस्ट्रेट ने विशेष अभियोजन अधिकारी की बात से सहमति जताते हुए पीयूष जैन को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पीयूष जैन ने स्वीकार किया है कि रिहायशी परिसर से बरामद नकदी बिना जीएसटी के माल की बिक्री से जुड़ी है।
कानपुर से लेकर दुबई तक प्रॉपर्टी
छापों में नकदी और गोल्ड के साथ बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी के भी दस्तावेज मिलने शुरू हो गए हैं। अभी तक कानपुर में चार, कन्नौज में सात, मुंबई में दो, दिल्ली में एक और दुबई में दो प्रॉपर्टी सामने आई हैं। इनमें लगभग सभी संपत्तियां सर्वाधिक पॉश इलाकों में खरीदी गई हैं।
करोड़ों रुपये घर में लेकिन चलते हैं बाइक से
जिसके घर में करोड़ों रुपये रखे होंगे, तो कम से कम दो-चार कारों का होना बेहद मामूली बात है लेकिन पीयूष जैन का हिसाब-किताब बल्किुल अलग था। पैसे की गंध भी बाहर न आ पाए, इसके लिए रहन-सहन बेहद साधारण था। 15 साल पुरानी गाड़ी बेचकर हाल में नई गाड़ी ली थी लेकिन पीयूष खुद बाइक पर चलते हैं। उन्होंने आलीशान कोठी बनवाई है लेकिन उसके पीछे की वजह अब सामने आ गई है। नोटों को भरने के लिए उन्होंने घर की सुरक्षा पर जमकर खर्च किया। पूरे घर की बाउंड्री को चारों तरफ से लोहे की कंटीली बाड़ से घेरा लेकिन सीसीटीवी कैमरा एक भी नहीं लगाया। डीजीजीआई अफसर उस समय हैरत में पड़ गए जब वह बाइक से घर आए। इतना ही नहीं, बैंक डिटेल्स की जांच में पाया कि अभी तक पीयूष के पास 15 साल पुरानी मलिस थी। हद से ज्यादा घिसने के बाद मलिस को बेचकर इनोवा खरीदी थी लेकिन वह खुद बाइक पर चलते थे।