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कोरिया/सूरजपुर@घटती-घटना की मुहिम सहित खबर का हुआ असर…कोरिया से भारमुक्त होकर सूरजपुर में कार्यभार ग्रहण किया प्रभारी डीपीएम डॉ. प्रिंस जायसवाल ने

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-रवि सिंह-
कोरिया/सूरजपुर 12 मार्च 2024 (घटती-घटना)। अंततः कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल सूरजपुर जिले के लिए भारमुक्त कर दिए गए वहीं उन्होंने सूरजपुर जिले में जाकर कार्यभार ग्रहण भी कर लिया जैसी सूचना प्राप्त हो रही है। डॉक्टर प्रिंस जायसवाल विगत 18 दिनों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ राज्य कार्यालय के आदेश को ठेंगा दिखाने का प्रयास कर रहे थे और कोरिया जिला छोड़कर वह जाना नहीं चाह रहे थे वहीं अब उन्हे जिले से जाना पड़ा और नई जगह पदभार ग्रहण करना पड़ा। डॉक्टर प्रिंस जायसवाल जो कोरिया जिले के प्रभारी डीपीएम थे विगत वर्षों से या यह कहें कांग्रेस शासनकाल से ही उन्हे वर्तमान भाजपा सरकार ने सूरजपुर का डीपीएम बनाया और सूरजपुर भेजा वहीं सूरजपुर के डीपीएम को कोरिया जिले का डीपीएम साथ साथ बनाया।
कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहे डीपीएम सूरजपुर जाना नहीं चाह रहे थे वहीं बताया जाता है की कोरिया जिले में चौपट हो चुकी एन एच एम विभाग की कार्यशैली की वजह से सूरजपुर के डीपीएम आदेश के बाद भी कोरिया जिला आना नहीं चाह रहे थे। इसी का फायदा डॉक्टर प्रिंस जायसवाल भी उठा रहे थे और नए डीपीएम के कार्यभार नहीं करने का बहाना बनाकर वह भी भारमुक्त होने से बच रहे थे। इसी बीच सूरजपुर जिले के डीपीएम को जशपुर मुख्य चिकत्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी के विकल्प पर भेज दिया गया जिसके बाद डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को सूरजपुर जिले में कोरिया जिले से भारमुक्त होकर कार्यभार ग्रहण करना पड़ा। इस बीच घटती घटना ने एक मुहिम एक अभियान के तहत इस खबर का प्रकाशन जारी रखा जिससे प्रभारी डीपीएम कोरिया जल्द से जल्द भारमुक्त हों जिले से और जिसके बाद कोरिया जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ हो सके। घटती घटना ने कई बार इस विषय में समाचार का प्रकाशन कर प्रयास जारी रखा प्रभारी डीपीएम कोरिया डॉक्टर प्रिंस जायसवाल के विभाग में खासकर कोरिया जिले में उनके जारी भ्रष्टाचार को भी उजागर करने का काम घटती घटना ने जारी रखा और अंततः उनका कोरिया जिले से पलायन हो सका। वैसे बताया जा रहा है की वह कोरिया जिला छोड़ने बिल्कुल भी तैयार नहीं थे उन्हे अपने नर्सिंग कॉलेज की ज्यादा चिंता सताती है जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था जिसके लिए वह शासन से वेतन और सम्मान पाते हैं वह उनके लिए एक अतिरिक्त समय पर किया जाने वाला काम है और वही वह करते हैं। डॉक्टर प्रिंस जायसवाल अपनी पूरी क्षमता और पूरी प्रशासनिक पकड़ विभागीय सभी सहूलियत केवल नर्सिंग कॉलेज को उनके मिलता रहे इसी में दिमाग लगाते आते रहे।
घटती-घटना के द्वारा लगातार खबर प्रकाशन की वजह से भारमुक्त हुए डॉक्टर प्रिंस जायसवाल
कोरिया जिले में प्रभारी डीपीएम जिनके ऊपर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को कई बार बेपटरी करने का लग चुका था उनका तबादला दो हफ्ते से भी ज्यादा समय पूर्व सूरजपुर जिले के लिए कर दिया गया था। कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में दीमक बनकर घर बना चुके डीपीएम फिर भी जिला छोड़कर जाने तैयार नहीं थे। घटती-घटना ने इस विषय में अभियान की तरह अपनी भूमिका निभाई और तब जाकर खबर का असर देखने को मिला और उन्हे भारमुक्त नई पदस्थापना के लिए किया गया। कोरिया जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेपटरी करने के बाद अब वह सूरजपुर जिले पहुंचे हैं वहां वह क्या गुल खिलाते हैं इसपर भी घटती घटना की नजर बनी रहने वाली है,फिलहाल घटती घटना ने डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को तबादला आदेश का पालन करने मजबूर किया यह घटती घटना की सफलता रही।
नए जिले में डॉक्टर प्रिंस जायसवाल क्या समय से पहुचेंगे अपने कार्यालय,क्या करेंगे स्वास्थ्य व्यवस्था के बेहतरी के लिए काम?
कोरिया जिले में रहते हुए डॉक्टर प्रिंस जायसवाल वेतन लेने के लिए ही शासकीय सेवक थे वहीं अन्य लाभ के लिए ही वह काम किया करते थे,उनका समय जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए तभी मिल पाता था जब उनका लाभ जुड़ा रहता था अन्यथा वह अपने नर्सिंग कॉलेज को ही ज्यादा समय दिया करते थे। कोरिया जिले में स्वास्थ्य विभाग में रहकर उन्होंने अधिकारियों को भी अपनी मुट्ठी में कर रखा था और उन्हे रोकने-टोकने वाला भी कोई नहीं था। अब जब वह नए जिले में कार्य करने पहुंचे हैं क्या वह वहां अपना समय स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए देंगे या वहां भी उनका कोरिया जिले जैसा ही रवैया कायम रहने वाला है। वैसे वह समय से कार्यालय जायेंगे और अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभायेंगे यह देखने वाली बात होगी।
नए जिले में भी क्या अधिकारियों को कर लेंगे अपने वश में…क्या वहां भी कर सकेंगे मनमानी?
डॉक्टर प्रिंस जायसवाल एक मामले में काफी होनहार और योग्य हैं और वह योग्यता है बड़े नेताओं मंत्रियो से रिश्तेदारी साबित कर अधिकारियों पर दबाव बनाकर अपनी मनमानी करना,कोरिया जिले में जब वह कार्यरत थे तब उनके कार्यकाल के ही दौरान कांग्रेस साा में थी तब वह कांग्रेस विधायक के रिश्तेदार बनकर अधिकारियों पर दबाव बनाते थे अपनी मनमानी करते थे वहीं साा बदलते ही उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से ही रिश्तेदारी का ऐलान कर दिया,अब देखना है की उनकी कुल योग्यता और उनकी सफलता का असली राज जो नेताओं को करीबी रिश्तेदार बताकर अधिकारियों पर दबाव बनाना है वैसा ही वह नए जिले में कर पाते हैं और सफल हो पाते हैं। वैसे उनकी इस काबलीयत को छोड़कर अन्य पर सभी को संदेह रहता है।
क्या कोरिया जिले में उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार सहित उनके खिलाफ हुई शिकायतों की होगी निष्पक्ष जांच?
डॉक्टर प्रिंस जायसवाल से कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग को एक तरह से छुट्टी मिल सकी। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था खासकर एनएचएम में भारी भ्रष्टाचार उनके कार्यकाल में हुआ है जिसमे खरीदी भर्ती सहित वाहन किराया मामले में फर्जीवाड़ा शामिल है। कोराना महामारी काल में भी इन्होंने आपदा को अवसर बनाया था और तब भी कई शिकायत सामने आई थी। नर्सिंग कॉलेज जिसका यह संचालन करते हैं उसकी भी शिकायत समाने आती रही है। सभी मामलों में यह केवल इसलिए बचते आ रहे थे क्योंकि यह जिले में ही कार्यरत थे और मामले को दबा ले जाते थे। अब जबकि उनका तबादला हो चुका है देखने वाली बात होगी की क्या अब उनके मामलो में जांच होगी।


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