बैकुण्ठपुर@विधायक पार्षदों को बस में बैठा रायपुर से अज्ञातवास के लिए हुई रवाना

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विधायक की अन्नपूर्णा,संगठन की साधना व शहर वासियों की मुसर्रत है अध्यक्ष की पसंद,कांग्रेस में भगदड़ की स्थिति कहीं भाजपा बना ना ले अध्यक्ष

रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 25 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर नगरपालिका चुनाव में पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के बावजूद सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को अध्यक्ष उपाध्यक्ष का नाम तय कर पाने में कठिनाई हो रही है वहीं सभी की अलग अलग पसंद के कारण भी यह दिक्कत उत्तपन्न हो रही है जैसा कि बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सत्ता, संगठन, कार्यकर्ताओं सहित शहरवासियों की अपनी अपनी पसंद अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद को लेकर है और अब यही कारण है कि किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है जिसकी वजह से अभी फिलहाल सभी पार्षदों को अज्ञातवाश में भेज दिया गया है और जिनकी वापसी अब अध्यक्ष उपाध्यक्ष निर्वाचन के दिवस हो पाती है या उसके पहले यह आगे ही समझ मे आ सकेगा।
विधायक अपने पसंद का अध्यक्ष नगरपालिका बैकुंठपुर में चाहती हैं, बताया जा रहा है कि बैकुंठपुर विधायक बैकुंठपुर नगरपालिका में अपनी पसंद का अध्यक्ष बनाना चाहती हैं और उनकी तरफ से एक नाम तय है जिसको लेकर शहर में भी चर्चा जारी है जो चुनाव पूर्व से जारी है कि विधायक का समर्थन उक्त महिला पार्षद के पक्ष में ही जाना तय है जिसको लेकर कोई संशय बिल्कुल नही है। बैकुंठपुर विधायक की पसंद का अध्यक्ष बैकुंठपुर नगरपालिका में बैठ सके यह विधायक व विधायक समर्थकों की मंशा है, और अब देखना है कि क्या विधायक अपने पसंद का अध्यक्ष नगरपालिका में बना पाती हैं या नहीं। शहर में चुनाव पूर्व और कांग्रेस के टिकट वितरण से पूर्व ही यह चर्चा जोरों पर बनी हुई थी कि बैकुंठपुर विधायक की मंशा आरंभ से ही अन्नपूर्णा सिंह को नगरपालिका अध्यक्ष बनाने को लेकर बन चुकी है और वहीं अन्नपूर्णा सिंह कांग्रेस से पार्षद पद की प्रत्यासी होंगी यह भी चुनाव और टिकट वितरण से पूर्व से ही तय था,अब जैसा कि बताया जा रहा है कि विधायक अन्नपूर्णा सिंह के नाम पर अड़ी हुई हैं और अन्नपूर्णा सिंह का अध्यक्ष बनना भी बिल्कुल तय है जिसके लिए ही पार्षदों को अज्ञातवाश में ले जाया गया है जिनके साथ विधायक खुद भी मौजूद रहेंगी और सभी को मनाने के बाद ही लौटेंगी।

कांग्रेस संगठन की मंशा विधायक की मंशा अलग किसी अन्य को अध्यक्ष बनाने की

बताया यह भी जा रहा है कि विधायक की मंशा के विपरीत संगठन के वरिष्ठजनों की मंशा विधायक की मंशा के विपरीत किसी अन्य को अध्यक्ष बनाने की है संगठन किसी भी ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने की मंशा में है जिसका कांग्रेस संगठन में बेहतर समर्पण रहा हो और वह कांग्रेस का ही आरंभ से कार्यकर्ता रहा हो और सदैव कांग्रेस पार्टी के लिये ही कार्य करता आया हो, किसी नए या नवागंतुक को संगठन अध्यक्ष पद के लिए सहमति देने बिल्कुल तैयार नहीं है क्योंकि संगठन का मानना है कि किसी भी नए शामिल हुए किसी ऐसे सदस्य को या उसके परिवार के किसी पार्षद को पहली बार की ही जीत में अध्यक्ष पद पर बिठाने से कांग्रेस के पुराने व वरिष्ठ कार्यकर्ता नाराज हो सकते हैं और यह संगठन की रीति नीति के भी विपरीत है।

शहरवासियों सहित कार्यकर्ताओं की अपनी ही है पसंद

बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओ सहित शहरवासियों की अपनी अलग ही तरह की मांग और पसंद है अध्यक्ष पद को लेकर शहरवासियों सहित कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसी भी स्थिति में पार्षद वार्ड क्रमांक 10 की विजेता पार्षद मुसर्रत जहां ही बनाई जाएं क्योंकि उनका दावा सबसे प्रबल है और वह एक ऐसे परिवार जुड़ी हुई महिला हैं जिनके पति पिछली दो बार की नगरपालिका चुनावों में पार्षद रह चुके हैं और इसबार भी उनकी पत्नी को वार्ड से जीत मिली और जनता का सबसे ज्यादा समर्थन उन्ही के साथ लगातार बना हुआ है। कार्यकर्ताओं सहित लोगों की राय यह भी है मुसर्रत जहां को लेकर की वह स्वयं उन्ही के घर से एक अन्य पार्षद के विजयी होने की वजह से भी उनका दावा मजबूत है और उन्ही को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।

बहुमत के बावजुद चुनाव से अध्यक्ष चुना जाना हुआ तय

बैकुंठपुर नगरपालिका में कांग्रेस को स्पस्ट बहुमत प्राप्त हुआ है, कांग्रेस ने 20 वार्डों में से 11 पर कब्जा दर्ज किया है वहीं एक निर्दलीय पार्षद भी कांग्रेस खेमे में ही शामिल हो चुका है जिससे अब कांग्रेस के पास 12 पार्षदों की संख्या है और यह संख्या निर्णायक है और कांग्रेस बैकुंठपुर में चाहे तो बिना चुनाव भी अध्यक्ष बना सकती है, लेकिन अध्यक्ष पद हेतु जारी जोर आजमाइश और विधायक की तरफ से आरंभ से ही केवल एक नाम पर सहमती की और इच्छा की वजह से लगता नहीं बिना चुनाव अब अध्यक्ष पद का निर्वाचन तय नहीं हो सकेगा। अध्यक्ष पद पर विधायक की तरफ से एक ही नाम सामने आने को लेकर अब विरोध भी जारी है और इसीलिए पार्षदों को फिलहाल अज्ञातवाश में भेजा गया है जिसमें भी विधायक साथ हैं।

पार्षदों पर दबाव डालने की बात भी आ रही सामने

सूत्रों ने बताया कि पार्षदों पर दबाव है कि विधायक के पसंद का ही अध्यक्ष निर्वाचित हो और सभी पार्षद इसके लिए सहमति प्रदान करें जबकि कुछ अन्य अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल पार्षद और उनके परिवार वाले इसमें राजी न होकर खुद को ही अध्यक्ष का दावेदार घोषित करने की मांग कर रहें है और जिसे लेकर अब पार्षदों को विभिन्न तरीकों से डराया भी जा रहा है और उन्हें मजबूर भी किया जा रहा है कि वह विधायक द्वारा नामित अध्यक्ष पद उम्मीदवार को समर्थन प्रदान करें।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष को घेरा

बैकुंठपुर वार्ड नंबर 10 से विजयी पार्षद मुसर्रत जहाँ को अध्यक्ष बनाने वार्ड के लोगों व मुश्लिम समाज के लोगों ने बड़ी तादात में कांग्रेस अध्यक्ष नजीर अजहर के निवास और पेट्रोल पंप को घेरा। इस दौरान इनकी मांग है कि उन्हें ही बनाया जाए पालिका अध्यक्ष। आपको बता दे कि कोरिया जिले के बैकुंठपुर नगरपालिका क्षेत्र में आफताब अहमद उर्फ छोटे खान राजनीतिक व सामाजिक दृष्टिकोण से काफी चर्चित चेहरा हैं, हालाकि उतना ही विवादित भी हैं। खैर यही वजह है कि पार्षद की उनके कुनबे में 5 वीं पारी है, चुकी आफताब खुद दो बार और उनकी धर्मपत्नी लगातार दो बार चुनाव जीत का वर्तमान में भी वार्ड 11 की पार्षद बन चुकी हैं तो इस बार आफताब अहमद के भतीजे अहमदुल्ला फिरोज भी वार्ड 10 से पार्षद बने हैं। यही वजह है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग आज सुबह से ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष नजीर अजहर के पास मुशरर्त जहाँ को कांग्रेस से नपा अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर पहुंच गए।

पार्षदों को भेज दिया गया बस में बिठाकर अज्ञातवाश

बैकुंठपुर के समस्त कांग्रेसी पार्षदों को रायपुर से ही बस में बिठाकर अज्ञातवाश में भेज दिया गया है और अब वह सीधे मतदान दिवस की बैकुंठपुर पहुंचेंगे यह बताया जा रहा है, इस दौरान पार्षद किसी तरह एक नाम पर सहमत हो जाएं यह पूरा प्रयास विधायक उनके साथ रहकर करेंगी।

पार्षदों को मोबाइल ले जाने की भी अनुमति नहीं

सूत्रों की माने तो समस्त पार्षदों को फिलहाल मोबाइल बन्द रखने या मोबाइल छोड़ने का निर्देश भी दिया गया है और इस दौरान पार्षद किसी भी व्यक्ति परिजनों सहित किसी से भी बात न कर सकें इस बात का भी निर्देश पार्षदों को दिया गया है। पार्षदों को जरूरी होने पर उनके परिजनों से सम्पर्क कराया जाएगा जो निगरानी में कराया जाएगा यह भी पार्षदों को बताया गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि महिला पार्षदों के पतियों को भी साथ जाने की इजाजत नहीं दी गई है और मोबाइल नहीं रखने की हिदायत की वजह से अब महिला पार्षदों के पतियों को परेशान भी देखा जा रहा है। मोबाइल बंद होने की वजह से पतियों का संपर्क पत्नियों से नहीं हो पाने की भी सूचना है।

कांग्रेस को अपने ही पार्षदों पर विश्वास नही

कुछ पार्षदों के परिजनों के अनुसार पार्षदों को अज्ञातवाश पर ले जाने तक का मामला भले ठीक हो लेकिन मोबाइल बंद करने का निर्देश महिला पार्षदों के परिजनों पतियों को भी साथ नहीं जाने देने की मनाही से यही लगता है कि पार्षदों पर ही विश्वास नहीं कर पा रहें हैं कांग्रेस के चुनाव संचालक,वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि कांग्रेस अपने पार्षदों को केवल इसलिए सुरक्षित रखने का प्रयास कर रही है क्योंकि उसे जितना डर भाजपा से नहीं है उससे ज्यादा इसबात से है कि कहीं विधायक के मंशा के विपरित कोई कांग्रेसी महिला पार्षद अध्यक्ष न बन जाये।

कांग्रेस में अध्यक्ष बनने की भगदड़ में भाजपा अध्यक्ष बनाने तैयार कर रही रणनीति

बहुमत के बावजूद कांग्रेस में अध्यक्ष बनाने के लिए भगदड़ मची हुई है, कांग्रेस मे अध्यक्ष बनने के 3 दावेदार हैं संगठन की राय अलग है विधायक की राय अलग है वही शहरवासियों की राय अलग है ऐसे में भाजपा की बहुमत नहीं आने के बावजूद अध्यक्ष बनाने के लिए रणनीति बना रही हैं और चुनाव कराने के लिए तैयार है कई ऐसे में भाजपा अपना अध्यक्ष बना ले इस बात को लेकर भी जोर आजमाइश अंदर खाने में चल रही है कांग्रेस के पार्षदों को तोड़ने का प्रयास किया जा सकता है।

स्थानीय चुनाव जीतना संगठन के साथ सामंजस्य स्थापित करना कोई चुनौती से कम नहीं

स्थानीय चुनाव जीतना संगठन, पार्टी के साथ सामंजस्य स्थापित करना यह कोई चुनौती से कम नहीं। व्यवस्था के तहत जीते हुए प्रत्याशी के बीच किसी एक को उनके नेतृत्व के लिए और प्रशासन के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए सर्वमान्य एक नेता चुनना होता है चूंकि इन अध्यक्ष पद के दावेदार नेता में भले हीज् नेतृत्व करने की क्षमता ना हो पर कभी-कभी वे नेतृत्वकर्ता बन जाता है। राजनीति में ऐसे उठापटक अक्सर देखने को सुनने को मिलती रहती है ऐसा ही कुछ हाल में ही हुए बैकुंठपुर केंद्रीय चुनाव मैं अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए देखा जा रहा है।


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