कोरिया/कोरबा@कोरबा लोकसभा से पहली बार राष्ट्रीय नेत्री को मिला मौका…क्या पार्टी में काफी ऊंचा है लोकसभा प्रत्याशी सरोज पांडेय का कद?

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-रवि सिंह-
कोरिया/कोरबा 08 मार्च 2024 (घटती-घटना)। आगामी लोकसभा चुनाव के तहत भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली सूचि में प्रदेश के 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, कोरबा लोकसभा सीट से पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया है, उनके इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने पर कार्यकर्ताओं मे खुशी की लहर देखी जा रही है हलाकि टिकट के अन्य दावेदार उनके विरोध में बात करते देखे जा रहे हैं। वर्तमान में राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय किसी परिचय की मोहताज नही हैं उनका पार्टी में कद भी काफी ऊंचा है,एक बात की चर्चा ने अभी से जोर पकड़ लिया है यदि वे चुनाव में जीत हासिल करती हैं तो फिर उन्हे केन्द्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है और फिर कोरबा लोकसभा को देश भर में पहचान मिलेगी। प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद सरोज पांडेय शीघ्र ही पूरे लोकसभा क्षेत्र का दौरा करेंगी ऐसा पार्टी सूत्रो का कहना है। भाजपा के 6 विधायक कोरबा लोकसभा में,इनमें से 2 मंत्री- वर्ष 2009 से अस्तित्व में आए कोरबा लोकसभा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति भी अन्य लोकसभा क्षेत्र से एकदम अलग है। इस लोकसभा में 3 जिलों की कुल 8 विधानसभा सीटें शामिल है,जो कि भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ, बैकुंठपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली तानाखार, रामपुर एवं मरवाही है। इन विधानसभा में वर्तमान हाल में भाजपा के कुल 6 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के एक एवं एक विधायक गोड़वाना गणतंत्र पार्टी समर्थित हैं। कोरबा लोकसभा से छाीसढ सरकार में दो मंत्री क्रमशःश्यामबिहारी जायसवाल व लखनलाल देवांगन शामिल किए गए हैं। इन दोनो मंत्रियों समेत भाजपा के अन्य विधायकों के ऊपर लोकसभा उम्मीदवार को जिताने की बड़ी जिम्मेदारी है।
भाजपा के अन्य दावेदार भी हल्के साबित हुए इसलिए नही मिला टिकट
कोरबा लोकसभा से इस बार भाजपा से ही बड़ी संख्या में टिकट को लेकर दावेदारी हो रही थी,कई दावेदार ऐसे थे जो वाल पेंटिंग से लेकर कई प्रकार का आयोजन करते देखे गए लेकिन अनुमान के मुताबिक वे सभी दावेदार सरोज पांडेय की तुलना में अत्यंत हल्के साबित हुए इस वजह से पार्टी नेतृत्व ने सरोज पांडेय जैसी नेत्री के नाम पर मुहर लगाई है।
भाजपा से सरोज के बाद क्या डॉ.महंत हो सकते हैं उम्मीदवार,संभावना बढी
भाजपा ने कोरबा लोकसभा मे अपना दांव खेलते हुए सरोज पांडेय को मैदान में ऊतारा है,जाहिर सी बात है कि इस बार यह चुनाव महंत परिवार के लिए भी आसान नही होगा। अभी तक यह माना जा रहा था कि भाजपा यहां से दावेदारी कर रहे नेताओं को ही मैदान में उतारेगी लेकिन ऐसा नही हुआ। अभी तक यह खबरें भी आ रही है कि कोरबा लोकसभा से कांग्रेस की ओर से सिंगल नाम ज्योत्सना महंत का ही है लेकिन सरोज पांडेय के आगे उनका कद छोटा दिखलाई देता है। ऐसे में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ज्योत्सना महंत के स्थान पर डॉ.चरणदास महंत को फिर से लोकसभा लड़ा सकता है,इसकी संभावना भी अब बढ गई है।
चौथे बार के चुनाव में बराबरी कर सकती है भाजपा, अभी तक दो बार मिली कांग्रेस को जीत
वर्ष 2009 से अस्तित्व में आए कोरबा लोकसभा में कुल तीन चुनाव हुए हैं जिसमें सबसे पहले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी करूणा शुक्ला को हराकर डॉ.चरणदास महंत ने जीत हासिल की थी। 2014 के दूसरे लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. बंशीलाल महतो ने डॉ. चरणदास महंत को हराया था। 2019 के तीसरे चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे को ज्योत्सना महंत के सामने हार का सामना करना पड़ा। 2024 में होने जा रहे चुनाव में सरोज पांडेय को जीत दिलाकर भाजपा अभी तक का मुकाबला बराबर कर सकती है।
मोदी के चेहरे पर होगा चुनाव…आम जन में दिखता है उत्साह
प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी तीसरी पारी खेलने को तैयार नरेंद्र मोदी ही इस बार चुनाव में प्रमुख चेहरा होंगे पिछला दो चुनाव भी उन्ही के चेहरे पर लड़ा गया है। कई ऐसे लोकसभा प्रत्याशी थे जो पिछला चुनाव सिर्फ और सिर्फ मोदी लहर के कारण जीते थे। इस बार का चुनाव भी पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जा रहा है,अपने दूसरे कार्यकाल मंे भी मोदी ने देश के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं जिससे आम मतदाताओं के बीच उनकी गहरी पैठ देखने को मिलती है। हिंदुत्व की भावना भी लोगो मे कूट कूटकर देखने को मिल रही है। मतदाता वर्ग खासकर युवा मोदी को लेकर खासे उत्साहित है।
सरोज पांडेय एक सशक्त महिला नेत्री,मिलेगा लाभ-
भाजपा ने कोरबा लोकसभा से सरोज पांडेय को चुनावी मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेला है, इस लोकसभा से एक दर्जन से अधिक भाजपाई दावेदार थे लेकिन सभी हल्के साबित हो रहे थे इसका लाभ सरोज पांडेय को मिला,पार्टी नेतृत्व की खास होने के साथ ही उनकी छवि एक सशक्त महिला नेत्री की है वे किसी परिचय की मोहताज नही हैं। पार्टी में उनका ओहदा अन्य नेताओं की तुलना में काफी आगे है। उनकी कार्यशैली भी एकदम अलग है, लोगो का यह मानना है कि यदि वे चुनाव जीत जाती हैं तो फिर केन्द्रीय मंत्रिमंडल मे स्थान मिल सकता है। सरोज पांडेय की लोकप्रियता महिलाओं में ज्योत्सना महंत की तुलना में काफी अधिक है, जाहिर सी बात है इसका लाभ सरोज पांडेय को मिल सकता है।
लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस से मात्र 73000 वोटों की बढत पर भाजपा
छाीसगढ में चार माह पूर्व संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोरबा लोकसभा में वोटो के लिहाज से भाजपा कांग्रेस की तुलना में 83000 वोट की बढत पर दिखलाई दे रही है,हलांकि इस बढत को लोकसभा में बरकरार रखना या फिर और बढाना भाजपा के लिए भी एक चुनौती है। जानकारी के तहत भरतपुर सोनहत विधानसभा से 4919 वोट, मनेंद्रगढ विधानसभा से 11880 वोट, बैकुंठपुर विधानसभा से 25413 वोट, कोरबा विधानसभा से 25629 वोट,कटघोरा विधानसभा से 16900 वोट एवं मरवाही विधानसभा से 12078 मिलाकर कांग्रेस से 59374 वोट का अंतर दिखलाई देता है। रामपुर विधानसभा में 22859 वोट से कांग्रेस आगे है जबकि पाली तानाखार विधानसभा में भाजपा तीसरे स्थान पर थी। यहां कांग्रेस से भाजपा 13626 वोटो से पीछे रही।
2019 में भाजपा के 1 विधायक और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार अब कांग्रेस के 1 विधायक और प्रदेश में भाजपा सरकार
इसे महज संयोग ही कहा जा सकता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा क्षेत्र में एकमात्र भाजपा विधायक थे जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी,जबकि आगामी लोकसभा चुनाव में ठीक उलट कांग्रेस के एक विधायक हैं और प्रदेश मे भाजपा की सरकार है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती ज्योत्सना महंत को जीत हासिल हुई थी तब भाजपा ने ज्योतिनंद दुबे को उम्मीदवार बनाया था,उस दौरान अविभाजित कोरिया जिले की तीनों विधानसभा सीटों से लगभग 40000 की बढत भाजपा को मिली थी लेकिन कमजोर प्रबंधन के कारण कोरबा,कटघोरा,पाली तानाखार में पीछे रहने के कारण भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। पिछले लोकसभा में मात्र 1 भाजपा विधायक रामपुर से ननकीराम कंवर थे। अब स्थिति एकदम विपरीत है तब भाजपा के 1 विधायक और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी,अब कांग्रेस के 1 विधायक रामपुर से ही पुरूषोाम कंवर हैं और प्रदेश में भाजपा की सरकार है। जाहिर सी बात है इस राजनैतिक समीकरण का फायदा भी सरोज पांडेय को होगा।


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