अंबिकापुर, 08 मार्च 2024 (घटती-घटना)। डॉ. जेपी श्रीवास्तव प्रांताध्यक्ष ट्रेड यूनियन कौंसिल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि प्रदेश में धान खरीदी 4 फरवरी से बंद हो गयी है। धान खरीदी बंद होने के एक माह से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी वर्तमान में धान का उठाव नहीं हो पाया है। उपार्जन केन्द्रों में खुले में धान पड़ा हुआ है। अविभाजित सरगुजा के पांचों जिलों में 203 उपार्जन केन्द्रों में 1463020 मि्ंटल से अधिक धान पड़ा हुआ है। जिसकी कीमत 319 करोड़ रुपये से अधिक है। इसी तरह पूरे प्रदेश के 2739 धान उपार्जन केन्द्रों में 18771440 मि्ंटल से अधिक धान खुले में पड़ा हुआ है, जिसकी कीमत 4097 करोड़ रुपये से अधिक है। इस तरह राज्य में अरबों रुपयों का धान वर्तमान खुले में पड़ा हुआ है। अकास्मिक और असमय वर्षा से धान खरीदी केन्द्रों में रखा धान वर्षा के कारण खराब हो रहा है। वर्षा से धान सडेगा,खराब होगा जिससे धान की मात्रा में भी कमी आयेगी। उस कमी के लिये धान खरीदी केन्द्र प्रभारी तथा समिति के प्रबंधक को उारदायी मानकर उन पर कार्यवाही की जाती है। अकास्मिक वर्षा से धान खराब हो रहा है, और धान सड़ रहा है, इस पर शासन, और प्रशासन का ध्यान क्यों नहीं जा रहा है, अभी तक धान का उठाव क्यों नहीं हुआ है यह चिन्ता का विषय है, धान का खराब होना राष्ट्रीय क्षति है। इस ओर षासन और प्रशासन को विषेष ध्यान देना होगा, ताकि राष्ट्रीय क्षति से बचा जा सके तथा उठाव न होने के लिये उारदायी व्यक्तियों पर कार्यवाही होना भी आवष्यक है, ताकि भविष्य में समय पर धान का उठाव हो सके।
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