उन्हें विशेष दर्जा प्राप्तः उच्च न्यायालय
विशेषाधिकार प्राप्त है और वे एक अलग वर्ग में आते हैं
मुंबई,06 मार्च 2024 (ए)। बम्बई उच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि श्रमजीवी पत्रकार ‘महाराष्ट्र मजदूर संगठनों की मान्यता और अनुचित श्रम प्रथाओं की रोकथाम अधिनियम’ के तहत कर्मचारियों की परिभाषा में नहीं आते हैं, क्योंकि उन्हें एक विशेष दर्जा प्राप्त है।
न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंडपीठ ने 29 फरवरी के अपने आदेश में कहा कि नतीजतन, संबंधित अधिनियम के तहत एक श्रमजीवी पत्रकार द्वारा दायर की गई शिकायत एक औद्योगिक अदालत के समक्ष सुनवाई योग्य नहीं होगी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि उन्हें श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक विशेष दर्जा प्राप्त है। इसलिए वह औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत अपने विवादों का निपटारा करा सकते हैं।