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बैकुण्ठपुर/सूरजपुर@क्या ताकतवर प्रभारी डीपीएम स्वास्थ्य विभाग कोरिया को प्रभारी सीएमएचओ कोरिया कर पाएंगे सूरजपुर के लिए रिलीव?

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-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/ सूरजपुर 28 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। प्रभारी डीपीएम स्वास्थ्य विभाग कोरिया डॉ प्रिंस जायसवाल को सुरजपुर में काम करने के लिए राज्य सरकार ने निर्देशित किया है, पर राज्य सरकार के आदेशों को धता बताने वाले सीएमएचओ जिला कोरिया ने उसे रिलीव करने से इंकार कर दिया है, आचार संहिता लगने तक मामले को टालने की रणनीति बनाई गई है जैसा सूत्रों का कहना है।जानकारी के अनुसार 23 फरवरी 2024 को एनएचएम के मिशन डायरेक्टर ने दो अलग अलग आदेश के तहत कोरिया के डीपीएम को सुरजपुर और सुरजपुर के डीपीएम को कोरिया में काम करने के लिए निर्देशित किया है। वही बेहद मीठे सीएमएचओ ने उन्हें रिलीव न करने की रणनीति बनाई है, सूत्रों की माने तो रिलीव न करने की रणनीति ये बनाई गई है कि न तो सुरजपुर वाले डीपीएम वहां से रिलीव होंगे औऱ न कोरिया से आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रिंस जायसवाल रिलीव किए जाएंगे, लोकसभा चुनाव के लिए लगने वाली आचार संहिता तक कोरिया जिले के सीएमएचओ प्रभारी डीपीएम का रिलीविंग टालेंगे ताकि आचार संहिता लग जाये उसके बाद उन्हें नही भेजा जाएगा।
टीएल में रिलीव करने पर काट रहे कन्नी
हर कोई जानता है कि प्रभारी डीपीएम जिला प्रशासन के सबसे खास रहे है जिला प्रशासन का वह दुलारा है, तमाम शिकायत और लगातार जिला प्रशासन की हो रही किरकिरी के बाद जब सीएमएचओ से पूछा कि कब रिलीव कर रहे हो तो सीएमएचओ ने रिलीव करने से कन्नी काटते हुए कहा कि सुरजपुर से रिलीव होगा तो हम करेंगे। मतलब साफ है सीएमएचओ जानबूझकर राज्य सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे है। कुल मिलाकर यह आदेश दिखावटी है और डीपीएम कोरिया जिले से नहीं जाने वाले जायेगें भी तो वह एमसीबी ही जायेंगे तब तक वह कोरिया जिले में ही स्वास्थ्य व्यवस्था को और बर्बाद करने का काम करते रहेंगे।
अनियमितताओ में शामिल हैं सीएमएचओ
बेहद मीठे सीएमएचओ डॉ आरएस सेंगर ने स्वास्थ्य विभाग की काफी किरकिरी करा रखी है, उनकी जिले के किसी भी चिकित्सक से नही बन रही है उनके खिलाफ सारे चिकित्सको ने उन्हें हटाने के लिए पत्र लिख रखा है, अभी तक डीपीएम की आड़ में उन्होंने जमकर अनियमितता बरती है, सूत्र यह भी बताते है किराए पर चलने वाले वाहनों का भी उनके द्वारा जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। स्वास्थ्य में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के पीछे सीएमएचओ की बड़ी भूमिका है। अब डीपीएम का स्थानांतरण आदेश आने के बाद वो किसी भी कीमत पर उन्हें छोड़ना नही चाहते है भेजना नहीं चाहते। इसीलिए डीपीएम को रिलीव करने के लिए वो खास रणनीति पर काम करना शुरू कर दिए है।
सरकार के आदेशों को नही मानते सीएमएचओ
एक साल पहले कलेक्टर द्वारा बनाये गए प्रभारी डीपीएम के स्थान पर सरकार ने आदेश जारी कर नए डीपीएम की नियुक्ति की थी परंतु सीएमएचओ ने सरकार के आदेश को ही गलत साबित करते हुए डीपीएम को जॉइन नही करने दिया। उन्होंने नियमों का हवाला देकर नए आए डीपीएम को चार्ज ही नहीं लेने दिया और डॉक्टर प्रिंस जायसवाल ही डीपीएम बने रहे। कोरिया जिले में स्वास्थ्य विभाग में किस तरह दोनो मिलकर अपनी मनमानी कर रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की दोनो एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ना नहीं चाहते।


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