टर्मिनेट तहसीलदार को अपनी अंतिम भुगतान की राशि से पत्नी को देने होंगे 15 लाख रुपए, भरण पोषण हेतु 5 हजार रुपए प्रतिमाह देने के निर्देश
अंबिकापुर,28 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। छाीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा ने बुधवार को जिला कलेक्टरेट सभाकक्ष अम्बिकापुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 242वी सुनवाई तथा जिला स्तर में 07वी सुनवाई की गई। सरगुजा, बलरामपुर एवं जशपुर जिले की जनसुनवाई में कुल 53 प्रकरणों में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान मानसिक प्रताड़ना के एक प्रकरण में दोनों पक्षों को विस्तार से सुना गया। आवेदिका और अनावेदक क्रमांक 01 लगभग 44 वर्ष पूर्व विवाहित है और दोनो निः संतान है। अनावेदक तहसीलदार के पद से 2007 से टर्मिनेट हो चुके हैं। प्रकरण के फैसले में बकाया भुगतान राशि लगभग 40 लाख रूपये का भुगतान होगा जिसपर आयोग द्वारा निर्देश दिए गए कि इस राशि में से अनावेदक को 15 लाख रूपये आवेदिका को देने होंगे। यदि उससे अधिक राशि मिलती है तो उसमें से एक तिहाई राशि अनावेदक द्वारा आवेदिका को देनी होगी। वर्तमान में अनावेदक को प्रतिमाह 21700 रूपये मासिक पेंशन मिल रही है जिसमें से भरण पोषण हेतु प्रतिमाह 5 हजार रूपये आवेदिका को देगा। जशपुर जिले के इस प्रकरण की प्रतिमाह निगरानी संरक्षण अधिकारी जशपुर के द्वारा किए जाने के निर्देश दिए गए हैं तथा सरगुजा कलेक्ट्रेट में मामला निराकरण होने तक आवेदिका की मदद आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा द्वारा किया जाएगा। आवश्यकतानुसार कलेक्टर सरगुजा से चर्चा कर तथा आवेदिका का आवेदन दिलाकर अनावेदक को एक मुश्त मिलने वाली राशि आवेदिका को दिलाया जाएगा। प्रकरण एक वर्ष की निगरानी तक देकर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
प्रकरणों की सुनवाई के दौरान एक ऐसा प्रकरण सामने आया जिसमें आवेदक ने आयोग को बताया कि उन्होंने अपने लापता बच्चे के डीएनए परीक्षण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदक के संभावित पुत्र की मृत्यु 15 जून 2023 को हो चुकी है और मृतक का अंतिम संस्कार ईसाई धर्म के अनुसार किया गया था, आवेदक बच्चे का अवशेष निकलवाकर डीएनए परीक्षण कराना चाहते हैं। ताकि यह साबित हो सके कि वह आवेदक का पुत्र था। इसके सम्बन्ध में आयोग द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु जशपुर कलेक्टर को पत्र लिखा गया एवं प्रतिवेदन आयोग को प्रस्तुत करने कहा गया।