बिजुरी,@सुरक्षा देने वाले ही गुंडागर्दी पर उतारू,सवालों के घेरे में बिजुरी पुलिस

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नहीं दर्ज की एफआईआर,न्याय की आस में भटक रहा मजदूर परिवार


-अरविंद द्विवेदी-
बिजुरी,27 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। जिस पुलिस से पीडि़त लोग सुरक्षा व न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं अगर वही गुंडागर्दी पर उतारू हो जाए और आमजन स्वयं को असुरक्षित महसूस करने लगे तो भला इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है। बीते दिन बिजुरी नगर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक मजदूरी करने वाली महिला ने शिकायत पत्र देते हुए बिजुरी थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों द्वारा घर में घुसकर गाली गलौज एवं धक्का-मुक्की के साथ ही मारपीट करने की शिकायत पर स्वयं व अपने परिवार की सुरक्षा के साथ न्याय की गुहार लगाई है।
यह लिखा है शिकायत पत्र में
प्रार्थिया बिजुरी वार्ड क्रमांक 10 अलीनगर बिजुरी में स्थित शाहिद अली के बाड़ा में बने कमरे में अपने पति व बच्चों के साथ किराए के कमरा में रहती है तथा मजदुरी करती है। दिनांक 25.02.2024 को शाम लगभग 8 बजे के आसपास जहां पर मैं और अन्य किराएदार रहते हैं। बिजुरी पुलिस की गाडी चार पहिया जीप में लक्ष्मण दांगी व अनिल नाम के 2 पुलिसकर्मी आए और बाहर का दरवाजा खोलकर अंदर आ गए और बोले कि तुम लोग अभी-अभी रेत से भरा ट्रैक्टर खाली करके आए हो। मां बहन का गाली देते हुए कहा कि कहां खाली किए हो, जब प्रार्थीया ने कहा कि वह ट्रैक्टर में काम नहीं करती है, न ही उसका पति काम करता है। तो लक्ष्मण दांगी व अनिल उसे मां एवं अश्लील गाली जैसे कई अभद्र गाली दिए तथा उसका हाथ पकड़कर उसके कमरे से बाहर ले आए और धक्का मुक्की किए। इतने में प्रार्थीया का पति दौडा तो उसे भी मां,बहन की गाली दिए और मारपीट किए। बोले रुको मैं तुम लोगों को बताता हूँ। प्रार्थिया के साथ हुए घटना को उसके बगल में निवासरत सचिन बसल, अज्जू एवं अन्य देखे सुने हैं। प्रार्थिया व उसके पति को धमकी दिए हैं कि यदि शिकायत करोगे तो फुटबाल बनाकर खेलेंगे, इतना मुकदमा लगाएगे कि पता नहीं चलेगा। प्रार्थीया पुलिस कर्मियों के द्वारा घटित किए घटना को लेकर डरे सहमे हैं तथा भयभीत हैं। प्रार्थिया शाम को घटना को लेकर थाना बिजुरी गई थी जिसे नहीं लिया गया है। इस कारण शिकायत देकर कार्यवाही चाहती है।
थाना प्रभारी की मनमानी चरम अपने पर
अक्सर यह देखने व सुनने में आता है कि बिजुरी नगर के लोग एफआईआर करवाने के लिए परेशान रहते हैं क्योंकि बिजुरी पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है। वहीं जब कभी लिखित शिकायत आवेदन दिया भी जाता है तो थाना प्रभारी बिजुरी द्वारा शिकायत आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है जिससे शिकायतकर्ता को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि आए दिन यह आरोप लगते आ रहे हैं कि गंभीर से गंभीर मामले में भी बिजुरी पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती है। शायद थाना प्रभारी अपने थाने के रिकॉर्ड को अच्छा बनाए रखने व अपनी कॉलर ऊंची रखने के लिए ये सब कर रहे हैं।
सवालों के घेरे में फिर एक बार बिजुरी पुलिस
हमेशा की तरह बिजुरी पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं जहाँ पीडि़ता ने लिखित शिकायत पत्र महिला थाना अनूपपुर में देते हुए कहा है कि बिजुरी थाने के पदस्थ पुलिसकर्मी लक्ष्मण दांगी व अनिल (पुलिस ड्राइवर) द्वारा उसके घर में घुसकर गली गलौज एवं मारपीट करते हुए धमकी दी गई है कि अगर उक्त घटना के संबंध में यदि शिकायत करोगे तो फुटबाल बनाकर खेलेंगे और इतना मुकदमा लगाएगे कि पता नहीं चलेगा। अब सवाल यह है कि जिस पुलिस का काम जनता की सुरक्षा करना है उसी पुलिस के इस अमानवीय रवैये से नगर का एक मजदूर परिवार अपनी सुरक्षा की मांग कर रहा है।
प्रभारी हटाओ नगर बचाओ की चर्चा जोरों पर
जब से वर्तमान थाना प्रभारी की पदस्थापना बिजुरी में हुई है वो अपना अलग ही सुर साधे हुए हैं। जहां आमजनमानस परेशान और अवैध कारोबारियों की मौज है। थाना प्रभारी की कार्यशैली से असंतुष्ट नगर की जनता वर्तमान थाना प्रभारी को हटाने की बात कर रही है जिसकी चर्चा नगर के हर चौक-चौराहे पर आम हो चली है। वहीं बीते दिनों भाजपा के जिला उपाध्यक्ष द्वारा पुलिस अधीक्षक को दिया गया शिकायत पत्र भी इस बात की पुष्टि करता है कि थाना प्रभारी राकेश उईके की कार्यशैली से नगर की जनता किस कदर स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही है।


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