गौठानों पर सवाल,पैरादान, परिवहन और गोबर खरीदी के खर्च पर बवाल
मंत्री ने प्रश्न एवं संदर्भ समिति से जांच का किया ऐलान
रायपुर,26 फरवरी 2024 (ए)। गौठानों के खर्च, पैरादान, परिवहन और गोबर खरीदी पर हुए खर्च और उसके स्रोत की जांच का भी पुरजोर तरीके से मुद्दा उठाया गया। गौठान में हुए पैरादान परिवहन भुगतान की गड़बड़ी के सवाल पर खासा बवाल हुआ। आखिरकार संदर्भ समिति से जांच कराने का एलान किया है।
पंचायत मंत्री की अनुपस्थिति में जवाब देते हुए मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में जांच की घोषणा की। अजय चंद्राकर ने अपने सवाल में सरकार से जानना चाहा कि पैरादान के लिए जो परिवहन किया गया, आखिरकार उसका भुगतान किस तरह से किया गया। पैरा परिवहन किस दर से किया गया।
किस वाहन से किया गया और परिवहन का दर किस आधार पर निर्धारित किया गया। साथ ही अजय चंद्राकर ने पैदादान के भुगतान के मद की भी जानकारी जानकारी मांगी।
जवाब में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि 1 जनवरी 2019 से 30 सितंबर 2023 तक विभिन्न योजना अंतर्गत गोठान समिति को 45.69 लाख मि्ंटल पैरादान मिला। पैरा का परिवहन स्थानीय दर पर ट्रैक्टर और अन्य उपलब्ध वाहन से किया गया। परिवहन का दर दूरी के आधार पर तय किया गया।
मंत्री ने ये भी बताया कि परिवहन का भुगतान गोधन न्याय योजना मूलभूत 14वें और 15वें वित्त आयोग के मदद से किया गया है। चंद्राकर ने पूछा- 14वें वित्त आयोग से क्या पैरे का परिवहन हो सकता है? मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब में कहा कि पैरादान से मिला था, परिवहन के लिए राशि खर्च करने का प्रावधान है।
गौठान समितियों को 53 करोड़ से अधिक राशि दी गई, इससे समितियों ने खर्च किया। इसके बाद अजय चंद्राकर ने कहा- 14वें वित्त आयोग की राशि गौठान को नहीं दी जा सकती, फिर किस आधार पर वित आयोग का पैसा दिया गया। 53 करोड़ की राशि किस मद में खर्च की गई है।
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- 14वें और 15वें वित्त आयोग से राशि दी गई और ये राशि सभी जिलों में सभी गौठानों को राशि दी गई है। अजय चंद्राकर ने कहा- वित्त आयोग की राशि से परिवहन नहीं किया जा सकता है। इसका उपयोग पंचायतों के रखरखाव के लिए किया जाना है।
गोधन न्याय योजना के मद से 53 करोड़ की राशि गौठानों को दी गई है। विधायक अजय चंद्राकर ने इस मामले में जांच की मांग की। जवाब में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों की कमेटी से जांच कराने की घोषणा की। लेकिन, इस ऐलान से अजय चंद्राकर असंतुष्ट दिखे।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने ही पूरी गड़बडç¸यां की है, ऐसे में अधिकारियों की जांच कमेटी से पूरा मामला रफा दफा हो जायेगा। लिहाजा विधायकों की कमेटी या प्रश्न एवं संदर्भ समिति से इसकी जांच होनी चाहिये। जिससे बाद मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- मामले में अजय चंद्राकर को भ्रष्टाचार की आशंका है, इसलिए प्रश्न संदर्भ समिति से मामले की जांच कराई जाएगी।
डॉ महंत ने गृहमंत्री पर साधा निशाना,
सदन में गरमाया कवर्धा का मामलाविधानसभा सत्र के 15वें दिन नाराज़ नेता प्रतिपक्ष ने तल्ख़ख लहजे में कहा- विधानसभा तो हम हार गए लोकसभा में इनको बताएंगे
।विधानसभा में आज नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने गृहमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा-कवर्धा जिला जो हमारे विधानसभा के अध्यक्ष जी का जिला है, कार्य क्षेत्र है, कवर्धा जिला जहां से गृहमंत्री जी आते हैं।
कवर्धा में मां बेटी की संदिग्ध मौत का मामला शून्यकाल में उठाया। कवर्धा जिले में ऐसा क्या हो गया कि हर दूसरे दिन हत्या हो रही है कभी लोग जलाया जा रहे हैं, कभी घर में सड़ती गलती लाश मिल रही है।
कल कवर्धा एसपी ऑफिस के घर के सामने मकान से बदबू आ रही थी। उसमें मां और बेटे की लाश मिली। शरीर सड़ने की हालत में था और बदबू से उनकी मौत का पता चला। जिस पर खून लगा हुआ था। शव के हालात बता रहे थे कि वह क़त्ल भी हो सकता है।
मैं इस बात की निंदा करता हूं, अध्यक्ष महोदय स्वयं गृहमंत्री के जिले में गृहमंत्री के क्षेत्र में हर हफ्ते में तीन चार बार इस तरह से हत्या हो रही है उसकी जांच होना चाहिए। इससे पूरे प्रदेश में भय का माहौल बन रहा है जब गृहमंत्री का क्षेत्र सुरक्षित नहीं है तो अन्य क्षेत्र कैसे सुरक्षित होगा।कांग्रेस विधायक के वीडियो वायरल को लेकर चरण दास महंत ने कहा कि हम लोग उस विचारधारा से आते हैं। जिसमें हिंदू,मुस्लिम,सिख,इसाई आपस में सब भाई-भाई। उन्होंने आल्हालुईया कह दिया तो इसका मतलब वह ईसाई हों गई,ऐसा नहीं है।
हम सब लोग अपने विचारधारा से अपने महात्मा गांधी के विचारधारा से बाबासाहेब अंबेडकर के विचारधारा से प्रेरित लोग हैं, इनसे हमें कोई बिगाड़ नहीं सकता कोई हिला नही सकता। हम सब धर्म को समान रूप से मांगते हैं समान रूप से उनकी सेवा करेंगे।
विधानसभा तो हम हार गए लोकसभा में आपको बताएंगे
विधानसभा तो हम हार गए लोकसभा में इनको बताएंगे। कल या परसो मे विधानसभा का यह सत्र संपन्न हो जायेगा। इतने दिनों में मुख्यमंत्री जी कितने दिनों आए विधानसभा में क्या अभी रिमोट कंट्रोल की सरकार चल रही है, क्या उनको रिमोट कंट्रोल करके मना किया जाता है की यहा मत आओ।मंत्रिमंडल के सदस्य कौन ग़ायब है,गृहमंत्री के क्षेत्र में लगातार हत्या हो रही हैं। यह सरकार रिमोट कंट्रोल की सरकार है,मनमानी ढंग से चल रही है। आज तक ऐसा कोई काम नहीं होगा,सिवाय बुराई करने के बघेल सरकार की जांच करने में इनको मजा आ रहा है मजा लेने दीजिए।
विपक्ष ने सीजीएमएससी से दवा और मेडिकल उपकरण आपूर्ति में लापरवाही का लगाया आरोपतो मंत्री ने तत्काल सभी प्रभारी प्रबंधकों को हटाने की कर दी घोषणा
विधानसभा में आज सीजीएमएससी से दवा एवं मेडिकल उपकरण आपूर्ति में लापरवाही का मामला गूंजा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि यहां सालों से जमे अधिकारी वसूली में मशगूल हैं जिससे सरकारी अस्पतालों में समय पर दवाइयां नही पहुंच पा रही है और लोगों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विभाग के वेयर हाउस में पदस्थ सभी प्रभारी प्रबंधकों को उनके मूल विभाग में भेजने की घोषणा सदन में की।
विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से कांग्रेस सदस्य बालेश्वर साहू ने यह मामला उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस लिमिटेड के माध्यम से पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पताल के लिए दवाइयां एवं अन्य मेडिकल उपकरणों की खरीदी की जाती है, जिसे 16 वेयर हाउस के माध्यम से सभी जिलों में सप्लाई की जाती है। यहां खरीदे गए मेडिसिन की गुणवत्ता जांच के लिए विभिन्न लैब में भेजा जाता है। इन वेयर हाउस में अलग अलग अधिकारी नहीं है एक ही अधिकारी कई वेयर हाउस की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं जिसके कारण ये जमकर अवैध वसूली कर रहे हैं। इन अधिकारियों की मनमानी से सरकारी अस्पतालों में समय पर दवाइयां भी नहीं पहुंच रही है। कांग्रेस विधायक ने ऐसे अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के सभी वेयर हाउस में पदस्थ प्रभारी प्रबंधकों को उनके मूल विभाग में लौटाने की घोषणा की।
प्रश्नकाल के दौरान उठा चना खरीदी का मुद्दा
कांग्रेस विधायक ने की समर्थन मूल्य घोषित करने और खरीदी केंद्र खोलने की मांग
कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने आज विधानसभा में चना खरीदी का मामला प्रश्नकाल में उठाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यहां वाटर लेबल गिर रहा है जिससे दलहन फसल का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में अब चने की खेती किसान कर रहे हैं परंतु उसका उन्हें समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। इस समय दलहन का रकबा घटा है वहीं चने का रकबा बढ़ा है। विपक्ष के सदस्य ने सरकार से चने का समर्थन मूल्य घोषित करने और सभी जिलों में खरीदी केंद्र खोलने की मांग की। कृषि मंत्री रामविचार नेताम की अनुपस्थिति में स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसका जवाब देते हुए कहा सरकार भविष्य में इस पर विचार कर सकती है।