- क्या चाचा का मिला भतीजे को आशीर्वाद..छोटा जिला छोड़ बड़े जिला के प्रभारी डीपीएम बनाए गए भतीजे, क्या चाचा भी चाहते हैं की फजीहत उनकी होती रहे?
- कोरिया जिले जैसे छोटे जिले के बाद अब बड़े जिले के होंगे प्रभारी डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल
- सूरजपुर जिले में भी क्या वह स्वास्थ्य विभाग का करेंगे बंटाधार?
- अंततः हटाए गए संविदा डीपीएम प्रिंस जायसवाल हालाकि वहां और मलाई है
- स्वास्थ्य मंत्री ने दंड दिया या उपहार यह सवाल भी पैदा होता है क्योंकि वह इस जिले से बड़ा जिला है?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/पटना, 26 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। अंततः घटती-घटना के लगातार खबर प्रकाशन के बाद कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को जिले से हटा दिया गया है लेकिन उन्हे सूरजपुर जिले का प्रभारी डीपीएम बनाया गया है यह उनके लिए दंड है या इनाम यह सोचने वाली बात है? कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग को वेंटीलेटर पर डालकर मर्णावस्था में छोड़ने वाले जिले के प्रभारी डीपीएम ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को इस कदर बर्बाद किया की जिले का नाम स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर काफी उजागर हुआ। अब उन्हे सूरजपुर भेजा गया है जो कोरिया जिले से बड़ा जिला है और जहां उन्हे और अवसर मिलेंगे भ्रष्टाचार के यह कहना गलत नहीं होगा वहीं अब इस आदेश के बाद यह भी तय हो गया की भ्रष्टाचार के मामले में नई सरकार का जीरो टॉलरेंस केवल जुमला मात्र है और इसके अलावा कुछ नहीं। वही क्षेत्रवासी घटती घटना की खबर का बड़ा असर मान रहे है, कोरिया के प्रभारी डीपीएम जिन्हे कोरिया कलेक्टर ने नोटशिट पर डीपीएम का प्रभार दिया था, उसके उनके स्वास्थ्य मंत्री चाचा ने घटती घटना की खबर पर लगातार हो रही किरकिरी के बाद कोरिया से तो हटा दिया, परन्तु उन्हे और बड़ा जिला सुरजपुर का प्रभारी डीपीएम बना दिया है। वहीं चाचा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भतीजे को कोरिया से हटाकर अपने पास सुरजपुर में ही स्थानांतरीत कर दिया गया है। तय है पूरे खेल मे भ्रष्टाचार की जीत हुई है।
भर्ती,खरीदी, वाहन किराया मामला कई मामले हैं जिनकी हो जांच तो खुल जायेगी पोल डीपीएम का भ्रष्टाचार आएगा सामने
कोरिया जिले में कई वर्ष तक प्रभारी डीपीएम स्वास्थ्य विभाग रह चुके डॉक्टर प्रिंस जायसवाल के कार्यकाल की यदि जांच की जाए तो भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हो सकते हैं जिनमे एन एच एम के अंतर्गत की गई भर्तियां,खरीदी, वाहन किराया मामले में किया गया भ्रष्टाचार प्रमुख है। कोरोना काल में भी इनका नाम काफी सुर्खियों में बना रहता था और जीवन रक्षक दवाइयों मामले में भी भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित हुईं थीं,लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी इनकी तूती बोलती थी और कोई इनके विरुद्ध जांच कर पाने में खुद को सक्षम नहीं पा सका। वैसे अभी भी इनके पूरे कार्यकाल की जांच हो सके तो पता चल जायेगा की कैसे इन्होंने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाकर रखा था और कैसे इनके बिना जिले में कोई भी आदेश जारी नहीं होता था विभाग में।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में भी भ्रष्टाचार से नहीं पीछे हटे कोरिया जिले के प्रभारी डीपीएम जबकि केंद्र सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कर रही काम
वास्थ्य विभाग में डीपीएम का पद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत एक जिम्मेदार पद है। केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिए स्वास्थ्य सुविधा को और बेहतर करने का काम करती है राज्यों में जिसके लिए केंद्र सरकार ने राज्यों में इसे मिशन स्वरूप स्थान दिया हुआ है एक विभाग अलग बनाकर रखा हुआ है। केंद्र की वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है वहीं यदि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कोरिया जिले में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कार्यकाल और उनकी कार्यप्रणाली उनकी पिछली कारस्तानी देखी जाए तो देखा जायेगा की इन्हे केंद्र सरकार के जीरो टॉलरेंस मामले का भी भय नहीं था और यह भ्रष्टाचार करते रहे और केंद्र की स्वास्थ्य मामलों की योजना में सेंध लगाते रहे। वैसे मामले में केंद्रीय एजेंसियों को भी ध्यान देना चाहिए की भ्रष्टाचार केवल कोयला,शराब,सहित चिटफंड,गोबर सहित कई मामलों में ही नहीं हुआ है,भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा कहीं हुआ है तो स्वास्थ्य विभाग में हुआ है जिसकी सही जांच की जाए तो जेल भी कम पड़ जायेंगे क्योंकि इनकी संख्या अधिक होगी।
और बड़े जिले में होगा भ्रष्टाचार
कोरिया के सीएमएचओ और प्रभारी डीपीएम के कारनामों की फेहरिस्त काफी लंबी है। परन्तु अभी स्वस्थ्य मंत्री ने सिर्फ अपने भतीजे को इसके लिए इनाम दिया है, उन्होने दो ब्लॉक के कोरिया जिले से उसे हटाकर 6 ब्लॉक वाला बड़ा जिला सुरजपुर इनाम में दे दिया है। हर कोई हैरान है कि इससे लोगों में यही संदेष दिया जा रहा है कि भ्रष्टाचार में स्वास्थ्य मत्री का पूरा सहयोग प्राप्त है।
क्या सूरजपुर में भी प्रभारी डीपीएम बनकर डॉक्टर प्रिंस स्वास्थ्य मंत्री को अपना चाचा बताकर करेंगे मनमानी,या नए जिले में रुकेगी उनकी कारस्तानि?
कोरिया जिले से स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम को सूरजपुर जिले भेजा गया है। वहां भी वह प्रभारी डीपीएम बनकर काम करेंगे। अब देखना यह है की क्या वहां भी वह स्वास्थ्य मंत्री को अपना चाचा बताकर मनमानी करते रहेंगे या फिर उनकी मनमानी वहां कोई रोकने वाला होगा। अब नए जिले में उनकी कार्यप्रणाली क्या होगी इस पर भी घटती घटना की पूरी नजर होगी और समय समय पर गलतियां उजगार की जाती रहेंगी यह घटती घटना अपनी निष्पक्ष लेखनी के हिसाब से सुधि पाठकों से वादा करता है।
नर्सिंग कालेज को नही हो कोई परेशानी
प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल अपनी पत्नी को संचालक बता कर बैकुंठपुर में नर्सिग का संचालन करता है, खुद के स्थानांतरण को लेकर बीते लंबे समय से रायपुर में डटा हुआ था, और अंत में स्वास्थ्य मंत्री को समझाने में सफल हो गया। स्वास्थ्य मंत्री ने संसदीय क्षेत्र छोड सरगुजा संसदीय क्षेत्र में कोरिया के बगल में उसका स्थानातरण कर दिया, जिससे उसे नर्सिंग कालेज को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो सके।
कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम अब सूरजपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम होंगे
कोरिया जिले में प्रभारी बनकर स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम की जिम्मेदारी निभा रहे डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को सूरजपुर जिले का प्रभारी डीपीएम बना दिया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक ने इस आशय का आदेश जारी किया है और डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को सूरजपुर जिले का प्रभारी डीपीएम नियुक्त किया है। कोरिया जिले में प्रभारी डीपीएम रहते हुए डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को लेकर कई ऐसे मामले सामने आए जिनमे उनकी दोषपूर्ण कार्यप्रणाली स्पष्ट नजर आई लेकिन जब कांग्रेस की सत्ता थी तब उन्हे तत्कालीन विधायकों का साथ मिला हुआ था वहीं जब सत्ता परिवर्तन हुआ तब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को ही वह चाचा बताने लगे और जिसके बाद उन्हें रोकने टोकने का हिम्मत करने वाला कोई नहीं था और वह मनमानी करते रहे।।
क्या भाजपा सरकार में भ्रष्टाचारियों को दंड की जगह इनाम मिलगा?
अब उन्हे सूरजपुर भेजा गया है जो कोरिया जिले से बड़ा जिला है और जहां उन्हे और अवसर मिलेंगे भ्रष्टाचार के यह कहना गलत नहीं होगा वहीं अब इस आदेश के बाद यह भी तय हो गया की भ्रष्टाचार के मामले में नई सरकार का जीरो टॉलरेंस केवल जुमला मात्र है और इसके अलावा कुछ नहीं। अब कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम छोटे से कोरिया जिले की स्वास्थ्य विभाग को सद्गति प्रदान कर बड़े जिले सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम होंगे और वहां वह किस तरह स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने का काम करेंगे यह कोरिया जिले के उनके पूरे कार्यकाल को देखकर समझा जा सकता है। वैसे राजनीति भी बड़ी अजीब चीज होती है चुनावों के वक्त जो विपक्ष तत्कालीन सरकार को हटाने और उसके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने की कसमें जनता के सामने खाती है,भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की बात करती है उनके पूर्व कार्यकाल की जांच करने की बात करती है वही विपक्ष सत्ता में वापसी के बाद भ्रष्टाचारियों के साथ हो जाती है और तब उनकी रिश्तेदारियां समाने आने लगती हैं और भ्रष्टाचारियों को दंड की जगह इनाम मिलने लगता है और उन्हे पदोन्नति मिलती है दंड और उनके कार्यकाल की जांच का मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। ऐसा ही कुछ कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम के मामले में भी कहा जा सकता है।
क्या प्रभारी डीपीएम बनकर डॉक्टर प्रिंस जायसवाल अपना खेल खेलेंगे और वहा भी उन्हे रोकने वाला कोई नहीं होगा…चाचा का संरक्षण उन्हे मिलना तय?
जब कांग्रेस की प्रदेश में सरकार थी और जब कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में जमकर भ्रष्टाचार मचा हुआ था कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान जब स्वास्थ्य विभाग में केवल लूट मची हुई थी फर्जी भर्तियां हो रही थीं तब उस समय का विपक्ष कार्यवाही की मांग करता था संबंधित लोगों पर और जांच की मांग करता था और आज जब उन्हे जनता ने उनके वादे अनुरूप साा प्रदान कर दी है वह सब कुछ भूलकर ऐसे लोगों को प्रोत्साहन दे रहे हैं उन्हे पदोन्नत कर रहे हैं जिनके कारण पूरी व्यवस्था पर भ्रष्टाचार का दाग लग चुका था। खैर कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग को एक राहत मिल सकी है और एक ऐसा अधिकारी जिले से बाहर भेज दिया गया है जिसकी कार्यप्रणाली आरंभ से ही जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेपटरी करने की थी और जो उसने किया भी अब सूरजपुर जिले के लोग जाने और वहां का स्वास्थ्य विभाग की जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था ऐसे लोगों के भरोसे उज्जवल होगी बेहतर होगी या फिर कोरिया जिले की तरह बेपटरी होगी। सुरजपुर जिला कोरिया जिले की अपेक्षा बड़ा जिला है, जिले का क्षेत्रफल भी बड़ा है अब बड़े जिले में प्रभारी डीपीएम स्वास्थ्य विभाग बनकर डॉक्टर प्रिंस जायसवाल अपना खेल खेलेंगे और जहां भी उन्हे रोकने वाला कोई नहीं होगा क्योंकि चाचा का संरक्षण उन्हे मिलना तय है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर ने जारी आदेश कोरिया प्रभारी डीपीएम को सुरजपुर के प्रभारी डीपीएम के रूप में कार्य करने के लिए निर्देशित
जानकारी के अनुसार राज्य के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन के मिशन डायरेक्टर ने जारी आदेश क्रमांक एनएचएम/एचआर/2024/ 2087/ 4186 नवा रायपुर दिनांक 23 फरवरी में कोरिया में प्रभारी डीपीएम डॉ प्रिंस जायसवाल को सुरजपुर जिले के प्रभारी डीपीएम के रूप में कार्य करने के लिए निर्देशित किया है। और दूसरे आदेश में सुरजपुर के डीपीएम गणपत कुमार नायक को कोरिया जिले का डीपीएम बनाया है। घटती घटना लंबे समय से कोरिया जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में अक्टूबर वर्ष 2022 से हो रही वित्तीय अनियमितताओं को लेकर खबरों का लगातार प्रकाशन कर रहा है। कांग्रेस के सरकार में हुए घोटले पर सीएमएचओ और प्रभारी डीपीएम की मिली भगत से जमकर विाीय अनियमितताएं बरती गई, विभाग ने आरटीआई के तहत जानकारी देने के इंकार कर दिया, सीटी स्कैन मशीन से लेकर तमाम खरीदी संदेह के दायरे में है, कांग्रेस सरकार बदली, भाजपा सरकार आई परन्तु कार्यवाही में वही ढाक के तीन पात। फिर अचानक मनेन्द्रगढ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल को प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्री बना दिया गया, तय था कि कार्यवाही करने के बजाय ये अपनी रिष्तेदारी निभाएगें, घटती घटना इस बात पर पूरा जोर दे रहा था, कि देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह से भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार कर रहे है, वहीं जिस श्याम बिहारी जायसवाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी टीम में शामिल कर उन्हें राज्य का स्वास्थ्य मंत्री बनाया ताकि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ खडे रहेगें, जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यवाही के बजाय भ्रष्टाचार में शामिल अपने भतीजे का प्रभारी डीपीएम बना कर भेज दिया।