अंबिकापुर,12 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। 7 फरवरी को कार्मेल स्कूल की एक छात्रा द्वारा स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध सुसाइड नोट में प्रताडऩा का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर लिया गया था। इसके बाद शहर में आक्रोश फैल गया था। पुलिस ने आक्रोश को देखते हुए व सबूत पाये जाने पर स्कूल के शिक्षिका सिस्टर मर्सी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। इसके प्रबंधन ने स्कूल बंद रखा है। इससे स्कूल के बच्चों का कोर्स पूरा नहीं हो पा रहा है और वार्षिक परीक्षा सिर पर है। लगातार स्कूल बंद रखने का आदेश जिला प्रशासन द्वारा भी नहीं दिया गया है। इसके बावजूद प्रबंधन अपनी मनमानी करते हुए स्कूल पूरी तरह बंद रखा है। इससे अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
प्रबंधन पर आरोप लग रहा है कि- पढ़ाई बंद करा वह अघोषित रूप से दबाब बनाना चाह रहा है कि अविभावक उनके पक्ष में आकर खड़े हो जाएं। स्कूल के व्हाट्सअप ग्रुप में रविवार देर शाम जैसे ही यह सूचना प्रसारित हुई कि अब स्कूल नहीं लगेगा, सीधे परीक्षाएं होंगी तो बच्चे चिंतित हो उठे। अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई। अभी कई कक्षाओं का रिवीजन टेस्ट चल रहा था। वह भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में बच्चे सीधे वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होंगे। प्रबंधन के इस निर्णय का सोशल मीडिया पर खुलकर विरोध शुरू हो गया है। एक अभिभावक ने भावनात्मक अत्याचार शीर्षक से लिखा- “कुछ दिनों पहले हुई घटना ने सभी पलकों और बच्चों के साथ पूरे शहर के लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया है। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए कुछ दिनों तक स्कूल को बंद रखना एक तरह से सही था, परन्तु अब स्कूल प्रबंधन द्वारा बिना कोर्स पूरा कराये ही बच्चों को परीक्षा की तैयारी के नाम पर छुट्टी घोषित कर दिया गया है।
इस तरह की घोषणा से पालको और बच्चों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी हैँ। अब ऐसा महसूस हो रहा है कि प्रबंधन द्वारा पालकों की चिंता को दरकिनार कर एक अदृश्य एवं अघोषित आंदोलन घटना की आरोपित के समर्थन मे शुरू कर दिया है। बिना कोर्स पूरा किये ही समय पूर्व छुट्टी घोषित होने से बच्चों एवं अभिभावकों पर एक तरह का भावनात्मक अत्याचार हो रहा है, जिसे प्रबंधन द्वारा समझने और सुधारने की ज़रूरत है। इससे मंशा स्पष्ट हो रही है कि प्रबंधन यह अहसास दिलाना चाहता है की जिन्होंने भी हाल के दिनों मे बुराई और अन्याय का विरोध किया, वे गलत थे। हम भले ही उस घटना को धीरे-धीरे भूल रहे हैँ लेकिन स्कूल अपने स्टाफ के साथ, अपने हिटलरशाही उसुलों के साथ योजनाबद्ध तरीके से खड़ा है। इस समय ज़रूरत है कि बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान न उत्पन्न हो। स्कूल बच्चों के कोर्स को पूरा कराए। बच्चों को इतनी बड़ी घटना से उत्पन्न हुए मानसिक दबाव से बाहर लाना जरुरी है। उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरित करें।”
स्कूल बंद कर चला रहे ऑनलाइन क्लास
बिना जिला प्रशासन के निर्देश के कार्मेल स्कूल प्रबंधन ने 15 फरवारी तक स्कूल बंद रखा है। इस दौरान स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को ऑनलाइन क्लास चलाया जा रहा है। अभिभावकों का मनना है कि ऑनलाइन क्लास विशेष परिस्थिति में चलाने का नियम है।ज जबकि स्कूल प्रबंधन पर किसी तरह की कोई दबाव नहीं है। सुसाइड का मामला शांत हो चुका है।
अभिभावक संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
स्कूल बंद रखने के मामले में अभिभावक संघ अध्यक्ष निलेश सिंह ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने कलेक्टर सरगुजा को अवगत कराया है कि छात्रा द्वारा सुसाइड किए जाने की घटना के उपरांत कुछ दिनों तक प्रशासन के निर्देशानुसार कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने स्कूल को बंद रखा गया था जो कि उचित था, परंतु अब वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है एवं कार्मेल स्कूल के विरूद्ध किसी भी संगठन द्वारा कोई विरोध-प्रदर्शन एवं आंदोलन की नहीं हो रही है। इसके बावजूद भी कार्मेल स्कूल प्रबंधन द्वारा जानबूझकर पालकों एवं छात्रों पर अनुचित दबाव बनाने हेतु स्कूल की छुट्टी घोषित कर दी गई है, जबकि उक्त संबंध में प्रशासन द्वारा कोई निर्देश नहीं दिया गया है। अभिभावक संघ ने आत्महत्या मामले में स्कूल के विरूद्ध की गई कार्रवाई को सार्वजनिक किए जाने की मांग के साथ-साथ बिना कोर्स पूरा कराए ही छुट्टी घोषित कर बच्चों एवं अभिभावकों पर मानसिक दबाव बनाने हेतु कार्मेल स्कूल प्रबंधन पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।