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मनेन्द्रगढ़@विद्युत मंडल की शासकीय भूमि की प्लाटिंग कर करोड़ो कीजमीन बेच रहा भूमाफिया…राजस्व विभाग क्यों खामोश?

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कांग्रेस नेताओं से नजदीकी बनाकर किया कारनामा… कलेक्टर कार्यालय में की गई शिकायत

रवि सिंह –
मनेन्द्रगढ़ 11 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। शहर में एक भूमाफिया ने राजस्व व रजिस्ट्रार कार्यालय से मिली भगत कर करोड़ो की भूमि को अपनी पत्नी के नाम रजिस्ट्री करवा कर उसकी बिक्री शुरू कर दी है, इस मामले में कलेक्टर ने शिकायत मिलने के बाद जाँच कर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है.। भूमाफिया के इस अवैध कारोबार में जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है इस पर सभी की निगाहेँ लगी हुई हैं क्योंकि इस फर्जीवाडे में शाशन के कई बड़े अधिकारी कर्मचारी भी शामिल हैं क्योंकि उनकी मिलीभगत के बिना इतना बड़ा कारनामा नहीं हो सकता, इस सम्बन्ध में कलेक्टर एमसीबी को की गई शिकायत में बताया गया है कि लगभग 50 वर्ष पूर्व 29/12/1967 को रजिस्टर्ड विक्रयपत्र में विरजू आत्मज चिरागअली ने अपने स्वामित्व की भूमि को म.प्र. विद्युत मंडल को विक्रय किया था। आज दिन तक उक्त भूमि का नामान्तरण विद्युत मण्डल के नाम पर नही किया गया है।
विरजू के पुत्र ने उक्त जमीन को एक मो0 खलील को विक्रय कर दिया तथा समयकाल व्यतीत होने के बाद मो0 खलील ने उक्त भूमि को मनेन्द्रगढ़ के एक भूमि व्यवसायी रघुनाथ पोद्दार को विक्रय कर दिया। रघुनाथ पोद्दार ने उक्त भूमि अपनी पत्नी श्वेता पोद्दार तथा अपने भागीदार प्रमोद अग्रवाल की पत्नी निशा अग्रवाल के नाम से पंजीयन करवा लिया है। अब रघुनाथ पोद्दार व उसके भागीदार द्वारा करोड़ो की उक्त बहुमूल्य भूमि को विकसित करके अवैध रूप से विक्रय कर रहा है। मनेन्द्रगढ़ स्थित उक्त भूमि मनेन्द्रगढ़ के बिजली ऑफिस के संभागीय कार्यालय के सामने आज भी लगभग रिक्त अवस्था में है, म.प्र. विद्युत मंडल वर्तमान मे छ.ग. राज्य विद्युत वितरण कंपनी के रूप में कार्यरत शासकीय कंपनी है।लोक हित में मनेन्द्रगढ़ स्थित खसरा नं. 415 तथा 416 की भूमि को तत्काल रूप से जांच करा कर उक्त रघुनाथ पोद्दार के विरूध अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की माँग को लेकर शिकायत के बाद अब जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है यह देखने वाली बात होगी, कांग्रेस शासन काल में भी उक्त भू माफिया ने मनेन्द्रगढ़ से लगे लालपुर ग्राम पंचायत में एक भूमि खरीदी थी जिसमें गवाह के रूप में उसने अपने नाबालिक बेटे का नाम रजिस्ट्री में दर्ज करवाया है, जब इसकी शिकायत राजस्व विभाग को की गई तो कांग्रेस नेताओं के दवाब में मामले को ही रफा दफा करवा दिया गया, यदि लालपुर के मामले की भी जाँच कराई जाये तो सच उजागर हो सकता है, दर असल इस भू माफिया को साा धारी दल से नजदीकी बढ़ाने में महारत हासिल है. यही वजह है कि बीते 5 वर्ष तक जब तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही तो रघुनाथ पोद्दार अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए पूर्व विधायक डा. विनय जायसवाल, पूर्व विधायक गुलाब कमरो, पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को लड्डूओं से तौलता रहा, और लोगों को यह जाहिर करता रहा कि वह कांग्रेस के नेताओं का बहुत खाश है. विधानसभा चुनाव के दौरान भी रघुनाथ पोद्दार ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा कर खूब प्रचार प्रसार भी किया, क्योंकि उसे पूरी उम्मीद थी कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी लेकिन जब प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होगया तो इसने मनेन्द्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल से नजदीकी बढ़ाना इसलिए शुरू कर दी ताकि इसके जमीन का कारोबार तेजी से फल फूल सके. फिलहाल अब सभी की नजर कलेक्टर के ऊपर लगी हुई हैं कि वे बिजली विभाग की भूमि की अवैध खरीदी बिक्री मामले में क्या कार्यवाही करते हैं।


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