अंबिकापुर, 09 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर पैथोलॉजी विभाग द्वारा पहली बार तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय सम्मेलन एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया है। शुक्रवार को पहले दिन मेडिकल कॉलेज में किया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दिग्गज विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम के पहले दिन कौशल एवं दक्षता तकनिक बताया गया। कार्यक्रम में प्रदेश सहित अन्य राज्यों से लगभग 72 पीजी कर रहे छात्र व फैकेल्टी शामिल हुए। कार्यशाला के पहले दिन मेरुरज्जु विषय पर मेडिकल छात्रों व फैकेल्टी को विशेषज्ञ द्वारा बताया गया। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि शरीर में विभिन्न प्रकार के रक्त विकार पैदा हो जाते हैं। बोन मैरो सबसे कठीन है पर यह सबसे ज्यादा वैज्ञानिक परख जानकारी देता है। इस विषय पर जानकारी देने के लिए इंदौर के विभिन्न मेडिकल कॉलेज से आए डॉ. अमित वर्मा, डॉ. कमल मलुकानी एवं डॉ. गौतम भागवत को बुलाया गया था। इन विशेषज्ञों द्वारा बोन मैरो के संबंधी विकारों के निदान हेतु आधुनिक जांच एवं इलाज के बारे में पीजी के छात्रों को बताया गया। इस कार्यक्रम में भाग लेने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के 6 पीजी छात्र सहित छाीसगढ़ के विभिन्न जिलों के अलावा अन्य राज्यों से भी पीजी के छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने समिति के सदस्य जिसमें डॉ. अलका सिंह, डॉ. विकास पांडेय,डॉ. आकाश सिंह, डॉ. एसएम टोप्पो,डॉ. मेराज फातिमा डॉ. दीप्ति तिर्की, डॉ. जगरानी लकड़ा, डॉ. शारदा भगत, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. सौरभ गोयल एवं डॉ. अनुभव वर्मा तथा विभाग के स्नातकोार छात्र सक्रिय रहे।
आज पढ़े जाएंगे शोध पत्र
मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय सम्मेलन एवं कार्यशाला का आयोजन 9 से 11 फरवरी तक किया जाएगा। पहले दिन शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में ही बोन मैरो विषय पर कार्यशाला आयोजित किया गया। वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन सरगवां स्थित होटल में शोध पत्र पढ़े जाएंगे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दिग्गज विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे। उक्त सम्मेलन में देश एवं प्रदेश से लगभग 250-300 प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया गया है। वहीं यह 18वां राज्य स्तरीय कार्यक्रम के साथ अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का यह पहला है। इस लिए यह अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए एक बड़ी उपलçध है। वहीं डॉ. आर्या ने बताया कि यह एक अभूतपूर्व सम्मेलन है। जिसमें प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा शिक्षक एवं स्नातकोार छात्र-छात्राएं भाग लेकर निसंदेह अपने ज्ञान में अद्यतन वृद्धि करेंगे, जिसका सीधा लाभ अंचल के मरीजों को मिलेगा।
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