रामानुजगंज@माओवादियों की बड़ी वारदात को अंजाम देने की थी तैयारी,7 आईईडी किए गये निष्कि्रय

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पृथ्वीलाल केशरी –
रामानुजगंज 21 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। बलरामपुर जिले में सामरी थाना अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्र चुनचुना पुनदाग से बन्दरचुआं मार्ग पर नक्सलियों ने आईडी लगा रखे थे। जिसमें सीआरपीएफ और पुलिस की टीम को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस की टीम को सुचना मिली थी कि नक्सलियों ने क्षेत्र में आईआईडी लगाए हैं नक्सलियों ने सभी का कनेक्शन एक ही जगह से दिया था, नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में थे, बम को डिफ्यूज करने में बीडीएस टीम की मदद ली गई है यह क्षेत्र झारखण्ड से लगा हुआ सीमावर्ती क्षेत्र है, जो बुढ़ापहाड़ से लगा हुआ क्षेत्र है जो झारखण्ड और बलरामपुर रामानुजगंज जिले कि सीमा से घिरा हुआ है। इसकी सूचना मिलने पर एसपी के निर्देशन में सीआरपीएफ व पुलिस की संयुक्त टीम ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सर्चिंग शुरू की। इसी दौरान भुताही मोड़ से करीब 15 किमी आगे फोर्स ने माओवादियों द्वारा बिछाई गई 7 आइइडी को बरामद कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। झारखंड की सीमा से लगे अति संवेदनशील नक्सली गतिविधि क्षेत्र चुनचुना पुन्दाग, पचपेड़ी, भुताही मोड़ एवं बंदरचुंआ के मध्य आइइडी लगे होने की सूचना लगातार कुछ दिनों से फोर्स को मिल रही थी। इसके मद्देनजर रखते एसपी रामकृष्ण साहू ने एएसपी प्रशांत कतलम को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद एएसपी प्रशांत कतलम द्वारा 19 दिसंबर को सीआरपीएफ की बटालियन के साथ एक विशेष नक्सल ऑपरेशन तैयार किया गया। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों के लिए पुंदाग एवं आस-पास के गांव के किसानों के धान उठाने वाले वाहनों के आने-जाने हेतु सड़क की मरम्मत कराना एवं आइइडी का पता लगाना था। 19 दिसंबर को इस अभियान के तहत् फोर्स को सर्चिंग के दौरान थाना सामरीपाठ क्षेत्र अंतर्गत भुताही मोड़ तक सफलता नहीं मिली। लेकिन अगले दिन 20 दिसंबर को भुताही मोड़ के करीब 15 किमी आगे सुरक्षात्मक ढंग से सर्चिंग करने पर पहाड़ी में विद्युत वायर दिखने की सूचना मिली।
बरामद कर बड़ी सफलता हासिल की है। झारखंड बॉर्डर पर स्थित बुढ़ापहाड़ नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। ये नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना है, यहां तक फोर्स का पहुंचना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। बताया जाता है कि नक्सली यहां चारों तरफ आइइडी बिछाकर रखते हैं। चुनचुना पुन्दाग, पचपेड़ी, भुताही मोड़ एवं बंदरचुंआ क्षेत्र बुढ़ापहाड़ से सटे इलाके माने जाते हैं। यहां माओवादियों की मूवमेंट होती रहती है। सूत्रों के अनुसार अभी बुढ़ापहाड़ में अभी बड़ी संख्या में नक्सल मूवमेंट चल रही है। सर्चिंग अभियान में सीआरपीएफ डीआइजी वी राजू, डीसी अजय कुमार, एसी सोहन लाल चौधरी, राम बहादुर, निरीक्षक रूपेश कुंतल एक्का, एक एएसआई, 30 आरक्षक, बीडीएस टीम प्रभारी मंजीत सिंह व उनके साथ तीन जवान, जेटीएफ से 7 का बल, तथा सीआरपीएफ 62 वीं बटालियन के डी, जी कंपनी समेत कुल 250 का बल शामिल रहा।


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