बैकुण्ठपुर,@क्या स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम प्रिंस जायसवाल के सामने प्रशासन व मंत्री सब नतमस्तक?

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  • डीपीएम पद से हटाने के बाद नए डीपीएम की पदस्थापना भी हो गई पर डीपीएम प्रिंस जायसवाल ने नहीं छोड़ा अपना पद
  • नए डीपीएम को कार्यभार ग्रहण किए हो गए 2 माह,सीएमएचओ साहब कब छूटेगा प्रिंस प्रेम…सरकारी आदेशों की उड़ रहीं धज्जियां?
  • क्या स्वास्थ्य विभाग को डीपीएम प्रिंस ही चला रहे हैं या फिर जिला प्रशासन भी इनके इशारों पर चल रहा है या नए मंत्री भी उनकी गलतियों को नजरअंदाज कर रहे हैं?
  • कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग के खरीदी पर होगा सवाल-जवाब पर स्वास्थ्य विभाग जवाब में देगा नहीं हुई कोई खरीदी:सूत्र

-रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर,01 फरवरी 2024 (घटती-घटना)। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कोरिया जिले में दवाईयों से लेकर मशीनरी खरीदी में जमकर गड़बड़ी हुई है आरटीआई में जानकारी देने से भी स्वास्थ्य विभाग को परहेज है सभी को पता है की जांच यदि हुई तो बड़ी गड़बड़ी सामने आएगी पर जांच को टालने का प्रयास है, तत्कालीन सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा के जाने के बाद लगा था कि स्वास्थ्य विभाग फिर से पटरी पर आ जाएगा पर उनके समय से ही जो स्वास्थ्य विभाग पटरी से उतरा है वह पटरी पर चढ़ पाने में नाकाम दिख रहा है, स्वास्थ्य विभाग में तत्कालीन सीएमएचओ डॉक्टर रामेश्वर शर्मा के बाद कोई सबसे चर्चित नाम था तो वह था डॉक्टर प्रिंस जायसवाल का, प्रिंस जायसवाल स्वास्थ्य विभाग में पहचान के मोहताज नहीं है इनके आगे सभी नतमस्तक हैं यह भी किसी से छुपा नहीं है। प्रिंस जायसवाल की गड़बडि़यों की लंबी चौड़ी लिस्ट है पर उस गड़बड़ी पर कार्यवाही कौन करें यह भी एक पहेली है, प्रिंस जायसवाल एक डायरी और चार पेन लेकर ऐसे मंत्रियों के सामने चलते हैं जैसे लगता है कि वह उनके ओएसडी हैं। उनकी कमियां सभी को पता है और कमियों पर पर्दा डालना इनको आता है। वैसे तो डॉक्टर प्रिंस जायसवाल एक संविदा कर्मचारी है पर किसी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से यह कम भी नहीं हो सकते जो इनके पास तजुर्बा है, इनके पास जो कमाई करके अधिकारियों को देने का तजुर्बा है वह किसी के पास नहीं है, इसी वजह से अभी तक डीपीएम पद से हटाए जाने के बाद भी अपना डीपीएम पद यह नहीं छोड़ पाए हैं और उनके आगे कलेक्टर से लेकर सीएमएचओ तक नसमस्तक हैं यही वजह है इनका पद अभी तक जस का तस है। झुमका जल महोत्सव में भी इनकी जलवे देखने को मिले वही चार पेन और एक डायरी के साथ स्टेज पर ओएसडी से कम नहीं लगे। खुद तो संविदा कर्मचारी हैं पर अपनी पत्नी के नाम पर नर्सिंग कॉलेज संचालित कर रहे हैं पैसा तो इनके ऊपर चारों तरफ से बरस रहा है एनएचएम के मामले में यदि बारीकी से जांच हो जाए प्रिंस जायसवाल लंका लग सकती हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में तो इन्होंने जो चाहा वह किया और अब तो उनके रिश्तेदार ही स्वास्थ्य मंत्री हो गए हैं ऐसा उनका कहना है अब तो मेरा और कुछ नहीं हो सकता। स्वास्थ्य मंत्री का खुद को रिश्तेदार बताकर अब प्रिंस जायसवाल और ज्यादा निडर हो गए हैं और अब उनकी मनमानी भी विभाग में बढ़ गई है जिसपर कौन लगाम लगाएगा यह बड़ा प्रश्न है।

सीएमएचओ कार्यालय हमेशा रहता है सुर्खियों में
कोरिया जिले का स्वास्थ्य महकमा खासकर सीएमएचओ ऑफिस किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बना हुआ है। अब बैकुंठपुर नगर पालिका परिषद के पार्षद संजय जायसवाल ने मुख्यमंत्री छाीसगढ़ शासन, मिशन संचालक एनआरएचएम और जिला कलेक्टर कोरिया को पत्र लिखकर कहा है कि शासन द्वारा ट्रांसफर किए डीपीएम राकेश वर्मा ने लगभग दो माह पूर्व जब सीएमएचओ ऑफिस में जॉइनिंग कर लिया है तो उन्हें डीपीएम का प्रभार क्यों नहीं दिया जा रहा है,आखिरकार सीएमएचओ डॉक्टर आरएस सेंगर का संविदा कर्मी व वर्तमान डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल के प्रति मोह कम क्यों नहीं हो रहा है। पार्षद संजय जायसवाल ने बताया की 16/ 5 /2023 संचालक मिशन एनआरएचएम का पत्र क्रमांक एनएचएम/2023/160/4860 के अनुसार नई डीपीएम के रूप में राकेश वर्मा की नियुक्ति की थी। उसके बाद पुन: 3.10.2023 को मिशन संचालक एनआरएचएम ने सीएमएचओ कोरिया को पत्र लिखकर आदेश को दरकिनार कर डीपीएम प्रिंस जायसवाल को नहीं हटाने व राकेश वर्मा को ज्वाइन नहीं करने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सी एम एस एच ओ ने अपने जवाब में यह लिखा था कि राकेश वर्मा ज्वाइन नहीं कर पाए हैं, पद रिक्त होने की इस वजह से डॉक्टर प्रिंस को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। लेकिन अब 5.12.2023 को राकेश शर्मा ऑफिस में लिखित रूप से जॉइनिंग दे चुके हैं लेकिन इसके बाद भी दो माह व्यतीत होने पर भी राकेश वर्मा को डीपीएम का प्रकार नहीं दिया गया है। संजय जायसवाल ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में डीपीएम प्रिंस जायसवाल सर्वेसर्वा बन कर पूरा स्वास्थ्य महकमा चला रहे हैं। अपनी शिकायत में पार्षद ने यह भी बताया की एक निजी भवन में डीपीएम पद की हनक में पत्नी के नाम से गैर कानूनी तरीके से कजा कर नर्सिंग कालेज अवैध रूप से चलाया जा रहा। उन्हें भय है कि यदि डीपीएम पद से हाथ धोना पड़ा तो नर्सिंग कॉलेज भी संकट में पड़ सकता है। यही वजह है कि वह डीपीएम पद से हटना नहीं चाहते हैं और पता नहीं सीएमएचओ डॉक्टर आरएस सेंगर किस मोहपाश में फंस कर डॉक्टर प्रिंस का बाल भी बांका नहीं कर पा रहे हैं। पार्षद संजय जायसवाल ने इस संबंध में जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की है।

विधानसभा सत्र में भी डीपीएम स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर उठ सकते हैं सवाल
वैसे बताया जा रहा है की अब स्वास्थ्य विभाग कोरिया के डीपीएम प्रिंस जायसवाल को लेकर विधानसभा सत्र के दौरान भी प्रश्न उठाया जा सकता है। बताया जा रहा है की वह कांग्रेस शासनकाल में भी स्वास्थ्य विभाग कोरिया में मनमानी करते चले आ रहे थे वहीं साा परिवर्तन होने उपरांत भी उनकी मनमानी जारी है जिसको लेकर अब विधानसभा सत्र में उनको लेकर सवाल उठाने की तैयारी है। वैसे स्वास्थ्य विभाग कोरिया इतने विवादों के बाद भी प्रभारी डीपीएम के ऊपर क्यों मेहरबान है यह बड़ा सवाल है जबकि उनके कारण स्वास्थ्य विभाग की छवि लगातार खराब हो रही है।
डीपीएम का झुमका जल महोत्सव में दिखा जलवा
डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल का झुमका जल महोत्सव में जलवा देखा गय जहां पर उनके अधिकारी माचो मंच पर नहीं दिखे वहां सिर्फ डीपीएम साहब चार पेन व एक डायरी के साथ मंच पर घूमते दिखे, जबकि लोगों के जहन में यह सवाल था कि आखिर मंच पर डीपीएम का क्या काम? चार पेन वह एक डायरी के साथ इस तरहर मंच पर घूम रहे थे जैसे लग रहा था कि वह मुख्यमंत्री के ओएसडी हो।


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