नई दिल्ली@राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का राष्ट्र के नाम संदेश

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नई दिल्ली,25 जनवरी 2024 (ए)
। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 75 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। हमारे गणतंत्र का 75वां वर्ष, कई अर्थों में देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए मैं कर्पूरी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।


राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि जब संसद ने ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किया तो हमारा देश, स्त्री-पुरुष समानता के आदर्श की ओर आगे बढ़ा। मेरा मानना है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम,महिला सशक्तिकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा। इससे हमारे शासन की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में भी बहुत सहायता मिलेगी। जब सामूहिक महत्व के मुद्दों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, तब हमारी प्रशासनिक प्राथमिकताओं का जनता की आवश्यकताओं के साथ बेहतर सामंजस्य बनेगा।


राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि हाल के दौर में विश्व में अनेक स्थलों पर लड़ाइयां हो रही हैं और दुनिया के बहुत से हिस्से हिंसा से पीडç¸त हैं। जब दो परस्पर विरोधी पक्षों में से प्रत्येक मानता है कि केवल उसी की बात सही है और दूसरे की बात गलत है तो ऐसी स्थिति में समाधान-परक तर्क के आधार पर ही आगे बढ़ना चाहिए। दुर्भाग्य से तर्क के स्थान पर आपसी भय और पूर्वाग्रहों ने भावावेश को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण अनवरत हिंसा हो रही है।
उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर मानवीय त्रासदियों की अनेक दुखद घटनाएं हुई हैं और हम सब इस मानवीय पीड़ा से अत्यंत व्यथित हैं।
उन्होंने कहा कि वर्धमान महावीर और सम्राट अशोक से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तक, भारत ने सदैव एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि अहिंसा केवल एक आदर्श मात्र नहीं है जिसे हासिल करना कठिन हो, बल्कि यह एक स्पष्ट संभावना है। यही नहीं, अपितु अनेक लोगों के लिए यह एक जीवंत यथार्थ है। हम आशा करते हैं कि संघर्षों में उलझे क्षेत्रों में, उन संघर्षों को सुलझाने तथा शांति स्थापित करने के मार्ग खोज लिए जाएंगे।


राष्ट्रपति मुर्मु ने राष्ट्र के नाम संबोधन में राम मंदिर के भव्य मंदिर का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम सबने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित भव्य मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक समारोह देखा। भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा, तब इतिहासकार भारत द्वारा अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतन खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में इसका विवेचन करेंगे।
उन्होंने कहा कि उचित न्यायिक प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हुआ। अब यह एक भव्य संरचना के रूप में शोभायमान है। यह मंदिर न केवल जन-जन की आस्था को व्यक्त करता है बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में हमारे देशवासियों की अगाध आस्था का प्रमाण भी है।


राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि हमारे खिलाडि़यों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का मान बढ़ाया है। पिछले साल आयोजित एशियाई खेलों में हमने 107 पदकों के नए कीर्तिमान के साथ इतिहास रचा और एशियाई पैरा खेलों में हमने 111 पदक जीते। यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि महिलाएं, हमारी पदक-तालिका में बहुत प्रभावशाली योगदान दे रही हैं।


हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। यह एक युगांतरकारी
परिवर्तन का कालखंड है।
गणतंत्र दिवस हमारे आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। जब हम उनमें से किसी
एक बुनियादी सिद्धान्त पर चिंतन करते हैं तो स्वाभाविक रूप से अन्य सभी सिद्धांतों पर भी हमारा ध्यान जाता है।
हमारे गणतंत्र की मूल भावना से एकजुट होकर 140 करोड़ से अधिक भारतवासी एक कुटुंब के रूप में रहते हैं। दुनिया
के सबसे बड़े इस कुटुंब के लिए,सह-अस्तित्व की भावना, भूगोल द्वारा थोपा गया बोझ नहीं है,बल्कि सामूहिक उल्लास
का सहज स्रोत है,जो हमारे गणतंत्र दिवस के उत्सव में अभिव्यक्त होता है।
भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन एक अभूतपूर्व उपलब्धि थी। जी 20 शिखर
सम्मेलन के माध्यम से ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में भारत के अभ्युदय को भी बढ़ावा मिला,जिससे अंतर-राष्ट्रीय
संवाद की प्रक्रिया में एक आवश्यक तत्व का समावेश हुआ।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम,महिला सशक्तीकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा। इससे हमारे शासन की प्रक्रियाओं
को बेहतर बनाने में भी बहुत सहायता मिलेगी।
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में अनेक नई उपलब्धियां हासिल की जाने वाली हैं। हमें अपने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों
पर सदैव गर्व रहा है, लेकिन अब ये पहले से कहीं अधिक ऊंचे लक्ष्य तय कर रहे हैं और उनके अनुरूप परिणाम भी
हासिल कर रहे हैं। सरकार ने 81 करोड़ से अधिक लोगों को अगले पांच साल तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का
निर्णय लिया है। संभवतः इतिहास में यह अपनी तरह का सबसे बड़ा जन-कल्याण कार्यक्रम है।
ीराष्ट्रीय शिक्षा नीति में डिजिटल विभाजन को पाटने और वंचित वर्गों के विद्यार्थियों के हित में, समानता पर आधारित शिक्षा
व्यवस्था के निर्माण को समुचित प्राथमिकता दी जा रही है।
हमारे खिलाडि़यों ने अंतर-राष्ट्रीय मंचों पर भारत का मान बढ़ाया है। हमारे श्रेष्ठ खिलाडि़यों ं की सफलता से बच्चों को
विभिन्न खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरणा मिली है, जिससे उनका आत्मविश्वास बहुत बढ़ा है।


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