बैकुण्ठपुर/ पटना@क्या शिकायतकर्ता से शिकायत वापस करवाकर ग्रामीण बैंक पटना के शाखा प्रबंधक गौरवदीप खुद को पाक साफ साबित कर पाएंगे?

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-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/ पटना,22 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के पटना ग्रामीण बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक पर कई शिकायतों के बाद बड़ी कार्यवाही हुई और उन्हे शिकायत के बाद संस्थित जांच के प्रथम दृष्टया साक्ष्य आधार पर शाखा से हटा दिया गया वहीं उन्हे सूरजपुर जिले के रामानुजनगर शाखा में फिलहाल भेजा गया जिससे वह जांच प्रभावित न कर सकें और जांच निष्पक्ष हो सके। शाखा गौरवदीप की जगह अन्य शाखा प्रबंधक की पदस्थापना ग्रामीण बैंक पटना में कर दी गई है जिन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है वहीं उनके आते ही ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जिसमे जन प्रतिनिधि भी शामिल हुए। वहीं अब यह नई जानकारी सामने आ रही है की कई शिकायतों के बाद संस्थित जांच के प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर जिस शाखा प्रबंधक पटना ग्रामीण बैंक गौरवदीप को हटाया गया वह अपने प्रभाव का पकड़ का सहारा लेकर उन शिकायतकर्ताओं पर दबाव बना रहे हैं शिकायत वापस लेने उन्हे मजबूर कर रहे हैं जिनकी शिकायत के आधार पर जांच संस्थित हुई है वहीं जिनकी शिकायत के आधार पर ही उन्हे हटाया गया है। हटाए गए शाखा प्रबंधक गौरवदीप खुद के हटाए जाने के बाद वहीं अन्य जगह पदस्थ किए जाने के बाद से ही चिकित्सा अवकाश पर हैं वहीं वह ऋण अधिकारी साथ ही स्थानीय अनियमित बैंक कर्मचारी के साथ शिकायतकर्ताओं के घर घर जा रहे हैं और उन्हे यह लिखकर देने कह रहे हैं की उन्हे शिकायत पर कार्यवाही नहीं चाहिए वहीं वह शिकायत वापस ले रहे हैं। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है। गौरवदीप की मदद स्थानीय अनियमित कर्मचारी कर रहा है जो उन्हे शिकायतकर्ताओं के घर घर लेकर जा रहा है। अब सवाल यह उठता है की क्या बैंक प्रबंधन गौरवदीप को ऐसा करने मौका दे रहा है,क्या बैंक प्रबंधन के लिए गौरवदीप महत्वपूर्ण हैं ऋण अधियारी अनियमित कर्मचारी महत्वपूर्ण हैं बैंक की साख और ख्याति बैंक के लिए महत्वपूर्ण नहीं है शिकायतकर्ता की गोपनीयता साथ ही उसका कोई महत्व बैंक प्रबंधन के लिए नहीं है।


नए शाखा प्रबंधक के स्वागत में दिखा हटाए गए शाखा प्रबंधक के खिलाफ का आक्रोश,जोरदार हुआ स्वागत
गौरवदीप का पटना में कितना विरोध था यह तब देखने को मिला जब नए शाखा प्रबंधक का स्वागत करने कई लोग जुटे। नए शाखा प्रबंधक का भव्य स्वागत हुआ और जिसमे जन प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कुल मिलाकर यह गौरवदीप के खिलाफ का आक्रोश था वरना पहले किसी बैंक शाखा प्रबंधक का ऐसा स्वागत नहीं हुआ था पटना में, सभी ने राहत की सांस ली गौरवदीप के जाते ही स्वागत उसी का संदेश था।
चिकित्सा अवकाश लेकर गौरवदीप घूम रहे पटना में,ऋण अधिकारी,स्थानीय अनियमित कर्मचारी के साथ बना रहे शिकायतकर्ताओं पर दबाव
गौरवदीप को 11 जनवरी को पटना ग्रामीण बैंक शाखा से हटा दिया गया है उन्हे रामानुजनगर बैंक भेज दिया गया है, गौरवदीप फिलहाल चिकित्सा अवकाश पर हैं वहीं वह चिकित्सा अवकाश लेकर पटना में शिकायत कर्ताओं के घर घर घूम रहे हैं। उनके साथ ऋण अधिकारी और बैंक का स्थानीय अनियमित कर्मचारी भी शिकायतकर्ताओं के पास जा रहे हैं और शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। अब सवाल यह उठता है की यदि गौरवदीप को बैंक से इसलिए हटाया गया है की वह जांच प्रभावित न कर सकें तो वह चिकित्सा अवकाश लेकर पटना में शिकायत कर्ताओं के पास जा रहे हैं इसकी जानकारी बैंक प्रबंधन को है की नहीं वहीं उनके साथ ऋण अधिकारी और स्थानीय अनियमित कर्मचारी मददगार बन रहे हैं क्या इसको लेकर प्रबंधन सजग है। वैसे बैंक प्रबंधन खासकर क्षेत्रीय प्रबंधक गौरवदीप की मदद करना चाह रहे हैं उन्हे बैंक की साख से ज्यादा गौरवदीप की चिंता है यह बात सामने आ रही है इसलिए स्थानीय अनियमित कर्मचारी को उनकी मदद में लगाया गया है।
शिकायत कर्ताओं पर दबाव डलवाकर शिकायत वापस करवा रहे हटाए गए शाखा प्रबंधक गौरवदीप
ग्रामीण बैंक पटना से हाल ही में शिकायत के आधार पर हटाए गए शाखा प्रबंधक गौरवदीप फिलहाल ऋ ण अधिकारी और स्थानीय अनियमित कर्मचारी के साथ स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों के नेतृत्व में उन शिकायत कर्ताओं के घर घर जा रहे हैं जिनकी शिकायत पर उनके ऊपर कार्यवाही हुई है और जिसके आधार पर उनके विरुद्ध जांच संस्थित है। जांच किसी तरह हो ही न यह उनका उद्देश्य है वहीं जांच में उनके दोषी होना लगभग तय है इसलिए उनका यह सामूहिक प्रयास है। अब शिकायतकर्ता भी असमंजस में हैं क्योंकि स्थानीय प्रभावशाली लोग उन्हे शिकायत वापस लेने कह रहे हैं इसलिए कई लोग शिकायत वापस लेने मजबूर हो रहे हैं।
शिकायतकर्ताओं का नाम जाहिर होना ही बैंक की गोपनीयता पर सवाल है
पटना ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक पर कई खाता धारकों ने गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की थी,उच्च अधिकारियों ने शिकायत पर संज्ञान तो लिया और शाखा प्रबंधक गौरवदीप को शाखा से हटा दिया लेकिन शिकायतकर्ताओं का नाम उन्होंने जाहिर कर दिया जिसके बाद अब हटाए गए शाखा प्रबंधक ,ऋण अधिकारी,स्थानीय अनियमित कर्मचारी शिकायतकर्ताओं पर लगातार शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं और शिकायतकर्ता भी मजबूरी में शिकायत वापस ले रहे हैं। शिकायत कर्ताओं का नाम उजागर होना बैंक के उच्च अधिकारियों की गलती है और जो कहीं न कहीं ग्राहकों की गोपनीयता भंग करने जैसा मामला है।
क्या शिकायतकर्ताओं के द्वारा शिकायत वापस लेते ही हटाए गए शाखा प्रबंधक गौरवदीप की अनियमितताएं सही हो जाएंगी?
पटना शाखा से हटाए गए शाखा प्रबंधक गौरवदीप फिलहाल शिकायतकर्ताओं से शिकायत वापस लेने दबाव बनाने में जुटे हुए हैं,अब सवाल यह उठता है की क्या शिकायत वापस लेते ही उनके ऊपर लगे आरोप समाप्त हो जायेंगे,क्या जो अनियमितताएं वह कर चुके हैं वह सही माने जाएंगे, ऋ ण मामलों में गड़बड़ी का उनके ऊपर आरोप है जो शासन की महत्वाकांक्षी योजना से जुड़ा ऋ ण मामला है,अब उनकी शिकायत वापस कराने के लिए लगाए जा रहे जोर आजमाइश के बाद तो यही लगता है की केवल शिकायतकर्ता शिकायत वापस ले लें बाकी उनकी सारी गलती माफ ही होनी है। वैसे यदि ऐसा होता है तो यह बैंक की साख के लिए बट्टा लगाने जैसा होगा क्योंकि पटना ग्रामीण बैंक में हटाए गए शाखा प्रबंधक गौरवदीप, ऋ ण अधिकारी,साथ ही स्थानीय अनियमित कर्मचारी ने मिलीभगत से जो गड़बड़ी की है वह बैंक की साख के लिए अच्छा नहीं है।


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