नई दिल्ली,21 जनवरी 2024 (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के हिस्से की हकदारी के सिद्धांत पर जोर देते हुए कहा है कि शून्य और अमान्य विवाह से पैदा बच्चे भी पूर्वज की संपत्ति में वैध हिस्सेदारी के हकदार हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे बच्चों को वैध बच्चा माना जाएगा और संपत्ति में वैध हिस्सा तय करने के उद्देश्य से उन्हें समान (कॉमन) पूर्वज के विस्तारित परिवार के रूप में माना जाएगा। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के निर्णय को पलट दिया। पीठ ने कहा कि एक बार जब समान (कॉमन) पूर्वज ने शून्य व अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को वैध संतान माना हो तो ऐसे बच्चे संपत्ति के उसी तरह हकदार होंगे जैसा वैध विवाह से पैदा बच्चे की तरह उत्तराधिकारी होंगे।
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