जल संसाधन विभाग का मामला
-रवि सिंह-
कोरिया/सोनहत,10 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। कांग्रेस के शासनकाल में विभागीय कार्यों में जमकर ठेकेदारी का खेल हुआ था। अधिकारियों से लेकर नेताओं तक के बीच सिर्फ ठेकेदारी को लेकर चर्चा होती थी। विभागीय कार्यों मे भी सोनहत से बाहर के ठेकेदार विभागीय कार्यों को अपना ठेका बता कर कार्य करते थे। अभी उन्हें अंदाजा था कि फिर से कांग्रेस की सरकार बनने वाली है, इसलिए विभागीय अधिकारियों के साथ सांठ गांठ कर कार्य करने की जुगत में लगे थे। सरकार बदली लेकिन अधिकारियों का रवैया नहीं बदला। अपने पसंदीदे ठेकेदारों को फिर से विभागीय कार्यों में संलिप्त करा दिया। पता चला है कि ग्राम तंजरा और कैलाशपुर में जल संसाधन विभाग द्वारा स्टॉप डैम का निर्माण कराया जाना है जिसमे स्थानीय सामग्री परिवहन कर्ताओं ने रेत सहित अन्य सामग्री परिवहन करने का प्रयास किया। ऐसे में बैकुंठपुर के ठेकेदार ने स्थानीय सामग्री प्रदाय कर्ताओं को धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने अधिकारियों को पहले ही कार्य का कमीशन देने का दावा किया साथ ही नेताओं को भी मैनेज कर लेने का दावा कर रहे हैं। ग्राम कैलाशपुर के जनप्रतिनिधि भूपेंद्र रजवाड़े ने कहा कि उन्हें भी इस तरह की धमकी दी गई है। जिसका उनके पास सबूत भी है। बड़े ठेकेदार की है अधिकारियों से सांठगांठ- स्थानीय लोगों ने बताया कि ठेकदारों का एक समूह जो विभागीय कार्यों में अफरातफरी कर अपना वर्चस्व स्थापित रखता है। बड़े कार्यों पर इनका कजा है। वो अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कमीशनखोरी का खेल खेलते हैं।
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