बैकुंठपुर/पटना@क्या पटना ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक पर कार्यवाही करने की बजाय क्षेत्रीय प्रबंधक मना रहे उनके साथ पार्टी?

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  • क्या पटना ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक की अनियमितता में सहयोगी हैं क्षेत्रीय छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक प्रबंधक?
  • दिन से पटना ग्रामीण बैंक बिना शाखा प्रबंधक के हो रहा संचालित।
  • क्षेत्रीय बैंक प्रबंधक पटना ग्रामीण बैंक प्रबंधन पर कार्यवाही करने के बजाय उनके साथ खिंचवा रहे हैं फोटो,सोशल मीडिया पर लगा रहे स्टेटस।
  • स्थानीय अनियमित कर्मचारी की भी शिकायत पर बैंक प्रबंधन ने नहीं लिया संज्ञान,अनियमित कर्मचारी को भी बैंक प्रबंधन दे रहा संरक्षण।
  • ऋण मामलों में अनियमितता के साबुत घटती-घटना के पास मौजूद।

बैकुंठपुर/पटना 06  जनवरी 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले का छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा पटना इस समय काफी सुर्खियों में है और सुर्खियों में भी कोई बेहतर उपभोक्ताओं को व्यवस्था देने के लिए नहीं उपभोक्ताओं को परेशान करने से लेकर अनियमित व नियम विरुद्ध तरीके से लेन देने को लेकर है, गंभीर आरोपों के साथ शिकायतें भी हुई और शिकायतों पर जांच करने के लिए टीम भी पहुंची पर जांच में क्या पाया गया और क्या हुआ यह तो अंदर खाने की बात है पर सूत्रों का कहना है की जांच में अनियमितता पाई गई है लेकिन इसके बावजूद पटना बैंक मैनेजर पर कार्यवाही करने से क्षेत्रीय प्रबंधक सहित प्रदेश के प्रबंधक भी घबरा रहे हैं अब इसकी वजह जो भी हो, वहीं वजह यह है कि शिकायतों में अनियमितता पाए जाने के बावजूद अभी तक शाखा प्रबंधक हटाए नहीं गए और छुप छुपकर वह बैंक पहुंच रहे हैं.. स्थिति तो यह है कि उनके उच्च अधिकारी इन पर कार्यवाही करने के बजाय उनके साथ एक प्रतिष्ठित होटल में पार्टी कर रहे हैं और पार्टी की ग्रुप फोटो स्टेटस में लगा रहे हैं जिससे यह समझ जा सकता है कि क्षेत्रीय छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के प्रबंधक इस शाखा प्रबंधक को लेकर कितने गंभीर हैं?
वैसे शाखा प्रबंधक ग्रामीण बैंक पटना की शिकायत को लेकर जब क्षेत्रीय शाखा प्रबंधक से बात कर कार्यवाही के संबंध में जानना चाहा गया तो उन्होंने पटना शाखा प्रबंधक का तबादला किया जाना बताया गया वहीं इसकी वजह यह बताई गई की शाखा प्रबंधक पटना बैंक के रहकर दस्तावेज से छेड़छाड़ न कर सकें इसलिए ऐसा किया गया है वहीं जब सच्चाई जानी गई तो पता चला की बैंक के अनियमित कर्मचारी के साथ शाखा प्रबंधक लगातार बैंक पहुंच रहे हैं और अनियमित कर्मचारी के ही साथ वह जांच प्रभावित करने में लगे हुए हैं। कुल मिलाकर क्षेत्रीय प्रबंधन का रुख शाखा प्रबन्धक को बचाना है और इसीलिए उन्हे बैंक चोरी छिपे जाने की अनुमति है खासकर अनियमित कर्मचारी के साथ।
शाखा प्रबंधक सूदखोरों को देते हैं खाता धारक के खाते की जानकारी
शिकायतकर्ता के अनुसार पटना शाखा प्रबंधक गौरवदीप पर यह आरोप है कि यह ब्याजखोरों को दूसरे दूसरे उपभोक्ताओं के खाते की जानकारी देते हैं जिससे सूदखोर अपना पैसा सही समय पर जाकर उसके खाते से निकाल सके जिसे उन्होंने पैसा दिया है। वहीं यदि शिकायतकर्ताओं की ही माने तो इस काम में उनका सहयोगी स्थानीय निवासी बैंक का एक अनियमित कर्मचारी है जो वर्षों से यही करता चला आ रहा है जिसकी लगातार शिकायत सामने आती रही है। कुल मिलाकर अपने शाखा की साथ ही खाताधारक के बैंक अकाउंट की गोपनीयता भंग करने का वह काम कर रहे थे जो लगातार शिकायत में सुनने को मिलने वाली बात थी।
ऋण मामलों में अनियमितता का आरोप
शाखा प्रबन्धक ग्रामीण बैंक पटना के ऊपर ऋण मामलों में भी अनियमितता का आरोप लगा है। ऋण मामलों में पीएमईजीपी ऋण योजना को लेकर ज्यादा शिकायत सामने आई थी जिसमे उन्होंने नियमों को ही ताक पर रखकर ऋण वितरण किया था। ऋण वितरण मामले में भी उनकी उच्च स्तरीय शिकायत हुई है और जांच चल रही है। कई गंभीर आरोपों के बाद बैंक प्रबंधन का रुख शाखा प्रबंधक के प्रति सकारात्मक बना हुआ है जिससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है की उन्हे प्रबंधन बचाने की फिराक में लगा हुआ है। जिसका साबुत घटती-घटना के पास मौजूद है।
आखिर पटना ग्रामीण बैंक से क्यों नही हटाया जा रहा बैंक मैनेजर को
लगातार शिकायतों के बावजूद आखिर शाखा प्रबंधक ग्रामीण बैंक पटना गौरवदीप को क्यों बैंक से नहीं हटाया जा रहा है यह आज एक बड़ा सवाल है। बता दें की कई गंभीर शिकायत उनके खिलाफ हैं वहीं बैंक की गोपनीयता खाताधारकों की गोपनीयता भी वह एक स्थानीय अनियमित कर्मचारी के साथ मिलकर भंग कर रहे हैं इसके बावजूद बैंक प्रबंधन उनके ऊपर मेहरबान है। शाखा प्रबंधक की लिखित शिकायत भी हुई है वहीं शिकायतों की जांच भी जारी है ऐसे में जांच प्रभावित न हो इस नजरिए से भी उन्हे हटाया जाना था जबकि उन्हे नहीं हटाया जा रहा है और वह स्थानीय अनियमित कर्मचारी के साथ मिलकर अपने पक्ष में सब कुछ तय करने में लगे हुए हैं।
छुपते छुपते बैंक पहुंच रहे शाखा प्रबंधक और अपनी गलतियों के सबूत को मिटाने का कर रहे प्रयास और शिकायतकर्ताओं से शिकायत वापस लेने का बना रहे दबाव
पटना ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक आजकल छुपते छुपते बैंक पहुंच रहे हैं वहीं वह अपनी गलतियों पर पर्दा डालने में लगे हुए हैं। उनका सहयोग स्थानीय अनियमित कर्मचारी कर रहा है जिसके साथ वह शिकायतकर्ताओं के पास भी जा रहे हैं और शिकायत वापस लेने का दबाव डाल रहे हैं।वहीं वह अपनी गलतियों पर पर्दा डाल रहे हैं। शाखा प्रबंधक अपने आने जाने के लिए अपना वाहन भी उपयोग में नहीं ला रहे हैं वह अनियमित स्थानीय बैंक कर्मचारी की मदद लेकर बैंक छुपकर पहुंच रहे हैं। कुल मिलाकर वह अपनी करनी पर पर्दा डालने में लगे हैं अनियमित कर्मचारी के साथ मिलकर जो स्थानीय होने के कारण उनकी मदद कर रहा है और जिसे लेकर भी अब फिर शिकायत की तैयारी कर रहे हैं लोग।
ब्रांच मैनेजर गौरवदीप पिछले दो दिनों से नहीं आये ब्रांच,कार्य हो रही बाधित
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा पटना के प्रबंधक गौरवदीप की मनमानी इस कदर बढ़ चली कि शिकायतों की एक लंबी फेहरिस्त हो गयी है। वहीं गुरूवार व शुक्रवार को बैंक मैनेजर गौरवदीप शीकायत के वजह से अपने ब्रांच नहीं आये सूत्रो के अनुसार वह अपने क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिरी दे रहे थे। फिर अचानक क्या ऐसा हुआ कि उन्हें शनिवार को पटना ब्रांच में देखा गया कहीं उनके द्वारा किये गये कार्य में लिपापोती करने का समय तो नहीं दिया जा रहा है? यदि उनका स्थानांतरण हो गया है तो विभागीय आदेशानुसार वह दूसरे ब्रांच क्यों नहीं जाते? इनके कार्यकाल में लिये गये कार्य समय पर नहीं होने से कई व्यापारी प्रभावित हो रहे है वहीं ब्रांच मैनेजर के बिना पटना बैंक का काम बाधित हो रहा है। बैंक के जिम्मेदार उच्च अधिकारी को जल्द से जल्द शखा प्रबंधक की नियुक्ति करना चाहिऐ ऐसा ग्रामीणों में चर्चा है।
शिकायती खबरों से बौखलाए शाखा प्रबंधक गौरवदीप
जानकारी के अनुसार बैंक प्रबंधक गौरवदीप के खिलाफ हो रहे शिकायत तथा उनके द्वारा किये गये कार्यो से परेसान लोगों ने बैंक के उच्चअधिकारीयों को कई शिकायत भेजी है। जिससे परेशान होकर बैंक प्रबंधक लगातार प्रभावशील व्यक्तियों से शीकायतकर्ता से सम्पर्क कर मामले में पटाक्षेप चाहने लगे है वहीं इनके कारनामों की खबर प्रकाषित होने पर भी यह बौखला गये है और लगातार पत्रकार पर खबर न लागाए जाने का दबाव बना रहे है।
शिकायत पर जांच कर दोषी पर कार्यवाही करने के बजाए दोषी बैंक मैनेजर के साथ पार्टी करते नजर आये रिजनल मैनेजर
आये दिन बैंक मैनेजर गौरवदीप के नये-नये कारनामें खुर्खियां बटोर रही है। बैंक मैनेजर के खिलाफ कई शीकायतें इनके उच्च अधिकारीयों की गयी है। इन्हीं के रिजनल मैनेजर जो शिकायतों पर जांच कर अंकुष लगाने के लिये सक्षम अधिकारी है। पर पिछले दो दिनों शाखा प्रबंधक को को क्षेत्रीय कार्यालय में बैठाये हुये है और जांच के नाम गुरूवार को जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के एक नामी हॉटल में पार्टी करते नजर आये। सबसे आश्चर्य की बात तो तब रही की पार्टी समय पर ली तस्वीर वह अपने वाट्सअप प्रोफाईल में लगाये हुये है जिसमें शिकायतों मे फंसे बैंक प्रबंधक गौरवदीप के साथ नजर आ रहे है। सवाल यह उठता है कि क्या रिजनल मैनेजर नितिन चौधरी और ब्रांच मैनेजर गौरवदीप के दोस्ताना संबंध में रिजनल मैनेजर कार्यवाही कर सकेंगे।   सूत्रों के अनुसार रिजनल मैनेजर ब्रांच मैनेजर के किये अनुचित कार्यो में पर्दा डाल सकते है और कार्यवाही को भी प्रभावित कर सकते है अब ऐसे में क्षेत्रीय प्रबंधक के भी कार्य पर सवाल उठने लगा है।
चेक मामले में बैंक मैनेजर गौरवदीप को अधिवक्ता ने भेजी नोटिस
पक्षकार अवधेश प्रताप कुशवाहा के पिता रामसकल कुषवाहा ने 14.06.2023 को अपने बैंक खाता क्रमांक 7008256002 में बैंक ऑफ इंडिया शाखा सूरजपुर का चेक क्रं. 016669 राशि एक लाख आहरण हेतू चेक जमा किया गया था की 15.06.2023 को खाता धारक रामसकल कुशवाहा की मृत्यू हो गयी और यह मामला भी वहीं रूक गया। अधिवक्ता के नोटिस के अनुसार जब पक्षकार अपने पिता के क्रिया करम से निवृत हुआ तो तब उसे अपने पिता के फाईल से एक लाख का जमा पर्ची मिला तब पक्षकार ने 12.12.2023 को बैंक शाखा में जाकर इसकी जानकारी लेनी चाही तब शाखा प्रबंधक द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। बैकिंग नियम प्रावधानों के अनुसार यदि कोई खाता धारक अपने खाता में किसी भी अन्य वयक्ति के द्वारा प्रदत्त चेक को आहरण हेतू शाखा मे जमा करता है तो उक्त चेक के संबंध में दर्शित राशि का आहरण कर खाता धारक के खाता में जमा कराया जाता है, यदि चेक जारी कर्ता के खाता में राशि पर्याप्त नहीं होने के कारण उक्त जारी चेक के अनादरिक मानकर चेक जमाकर्ता को व्यक्तिगत अथवा अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है। किन्तू बैंक प्रबंधक द्वारा समयावधि पर ऐसा नहीं किया गया। पक्षकार अवधेश प्रताप कुशवाहा के अधिवक्ता के नोटिस के अनुसार यह आषंका जाहिर किया गया है कि चेक जारी कर्ता से मिली भगत कते हुये पक्षकार के पिता रामसकल कुशवाहा के द्वारा अपने जीवनकाल में दिनांक 14.06.2023 को एक लाख रूपये की चेक की राषि के आहरण हेतू जमा किया था जिसको बैंक मैनेजर अपने पद के प्रभाव का दुरूपयोग करते हुये चेक जारीकर्ता से मिली भगत करते हुये हड़प लिये है और इसी कारण बैंक मैनेजर द्वारा कोई साकारात्मक एक लाख रूपये राषि के संबंध में समय पर जवाब नहीं दे पाये। इसी तारतम्य में वैधानिक सूचना देते हुये पक्षकार ने उक्त राषि के संबंध में स्पष्ट रूप से उक्त राषि का भुगतान चेक जमा करने के उपरान्त क्यों नहीं किया गया है जवाब 15 दिवस के अंदर प्रस्तुत करने को कहा है।


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