कोरिया/एमसीबी@वर्ष 2023 अच्छी व बुरी यादों के साथ हुआ समाप्त…वही नई उमीदों के साथ वर्ष 2024 की शुरुआत।

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  • वर्ष 2023 जहां कांग्रेस के लिए रहा निराशाजनक तो वहीं भाजपा के लिए सत्ता में पुनः वापसी कराने वाला साबित हुआ साल।
  • वर्ष 2023 कोरिया जिले की तीनों विधानसभाओं में भी भाजपाइयों के लिए साबित हुआ सोने पर सुहागा वाला वर्ष,कांग्रेसियों से सब कुछ छीना वर्ष 2023 ने।
  • वर्ष 2023 में भाजपा ने सत्ता में वापसी की तो वहीं कांग्रेस ने अपनी सत्ता गवाई।
  • आने वाला नया वर्ष 2024 जिसमे होना है लोकसभा चुनाव, किसके लिए होगा फायदेमंद किस दल को फिर होगा नुकसान?

कोरिया/एमसीबी 31 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)।   वर्ष 2023 की विदाई हो चुकी है नए वर्ष 2024 का सूर्योदय हो गया है ऐसे में बीता वर्ष प्रदेश सहित कोरिया एमसीबी जिले के लिए कैसा प्रदेश सहित दो जिलों की राजनीति के हिसाब से कैसा रहा इसकी भी बात होनी चाहिए। वर्ष 2023 जो अब बीता हुआ वर्ष होने जा रहा है उसको लेकर यदि प्रदेश सहित कोरिया एमसीबी जिले की राजनीति के हिसाब से इसकी समीक्षा की जाए तो यह वर्ष कांग्रेस पार्टी के लिए न तो पूरे प्रदेश स्तर पर ठीक रहा और न ही कोरिया जिले सहित एमसीबी जिले के हिसाब से। वर्ष 2023 के नवंबर माह में संपन्न हुए विधानसभा निर्वाचन में प्रदेश की सत्ता पर पंद्रह वर्ष उपरांत वापसी कर चुकी कांग्रेस पार्टी को पुनः विपक्ष में जनता ने बैठा दिया वहीं पंद्रह वर्ष बाद भाजपा को सत्ता से बेदखल करने वाली जनता ने इस भाजपा को सत्ता के लिए ज्यादा इंतजार नहीं कराया वर्ष 2023 में प्रदेश की जनता ने कोरिया एमसीबी जिले की जनता ने पुनः भाजपा को सत्ता की चाभी सौंप दी। पांच साल बाद पुनः कांग्रेस अब विपक्ष की जिम्मेदारी निभायेगी वहीं भाजपा सत्ता की बागडोर सम्हालेगी। प्रदेश की राजनीति की बात हो या कोरिया एमसीबी जिले की राजनीति की बात हो सभी जगह भाजपा का परचम लहराया इस वर्ष। वर्ष 2023 ने जाते जाते भाजपा को बहुत कुछ दे दिया वहीं कांग्रेस से सबकुछ छीन लिया। कोरिया एमसीबी जिले की तीन विधानसभाओं में भी भाजपा का परचम लहराया वहीं तीनों विधानसभाओं में भाजपा प्रत्याशी ही विधायक चुने गए। वर्ष 2023 राजनीतिक दृष्टि से कांग्रेस के लिए बेहतर नहीं रहा यह कहना गलत नहीं होगा।

नूतन वर्ष 2024 होगा खास
अब नूतन वर्ष 2024 का सूर्योदय भी होने वाला है यह वर्ष किसके लिए किस दल के लिए सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगा यह आगे देखने वाली बात होगी क्योंकि वर्ष 2024 में ही लोकसभा चुनाव होने हैं और प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों पर किसे किस दल के प्रत्याशी को जीत मिलेगी यह देखने वाली बात होगी। वैसे प्रदेश की जनता ने वर्ष 2023 के अंत में भाजपा को जैसा जनादेश दिया है उसके बाद आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का मनोबल बढ़ा हुआ है जो लाजमी भी है जो राजनीतिक दृष्टि से भी सही है क्योंकि हालिया मिली जीत और सत्ता में वापसी के बाद वह आत्मविश्वास से जहां लबरेज है वहीं सत्ता से बेदखल हुई कांग्रेस अभी अपनी आंतरिक ही लड़ाई में उलझी हुई है जिसमे यह लगातार देखने को मिल रहा है की हारे हुए प्रत्याशी लगातार भीतरघात का आरोप पार्टी पदाधिकारियों पर कार्यकर्ताओं पर लगा रहे हैं और पार्टी में कलह को और बढ़ा रहे हैं जबकि उन्हे आगामी लोकसभा चुनाव तक शांत रहकर पार्टी के हित में काम करना था और घोषित प्रत्याशी के लिए जीत का मार्ग प्रशस्त करना था।

2023 में अपराजिता महल भी हुआ पराजित
कोरिया महल का इतिहास था कि यहां से राजनीतिक रूप से किसी को भी हार नहीं मिली कोरिया कुमार ऐसे राजनीतिक योद्धा थे जिन्होंने चुनाव को दूरदर्शिता व दिमाग के साथ लड़ा हार का मुंह नहीं देखा यही वजह थी कि कोरिया कुमार अपराजिता राजनीतिक योद्धा थे पर वहीं उनके जाने के बाद इस महल को हार का सामना 2023 में करना पड़ा, उनकी भतीजी नहीं बचा पाई महल की साख और महल के साथ लगा हार का काला टीका।
वर्ष 2023 का राजनीति से दृष्टि से समापन भाजपा के लिए फायदेमंद रहा
वैसे वर्ष 2023 का राजनीति से दृष्टि से समापन भले ही भाजपा के लिए फायदेमंद रहा लेकिन भाजपा को अभी से वर्ष 2024 को अपने पक्ष में मनाने की भी गलती नहीं करनी चाहिए वह अपनी रणनीति सहित कार्यकर्ताओं को जिस एकरूपता में बांधकर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पाई है उस एकजुटता को बनाए रखना भी उसकी जरूरत होगी जिसके बाद ही सफलता का मार्ग उसके लिए सरल होगा।
क्या जिला का असंतुलित विभाजन का सुधार होगा?
पूर्व का अविभाजित कोरिया जिला वर्तमान में दो जिलों में विभाजित है और विभाजन भी ऐसा असंतुलित हुआ है की आज भी विधानसभाओं के हिसाब से दोनों जिलों की विधानसभाओं की सीमाएं एक दूसरे जिले से लगती हैं और जिसके आधार पर उनकी जरुरते भी जुड़ती हैं। अब नए वर्ष में सत्ता में वापसी कर चुकी भाजपा क्या ऐसा कोई रास्ता दो जिलों के लिए निकालती है जिसके बाद विभाजन सही तरीके से हो सके यह भी देखने वाली बात होगी। वैसे जाते हुए वर्ष 2023 में और भी बहुत सी घटनाएं घटी हैं जिसका उल्लेख होना जरूरी है जिसमें पूर्व विधायक पर एक युवक द्वारा सरेराह मारपीट करने का आरोप लगाया गया जिसमे एक समाज विशेष ने पूर्व विधायक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया साथ ही उनके ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराने पुलिस थाने का भी घेराव किया।वर्ष 2023 के अंत में ही कई बड़े कांग्रेसी नेताओं पर बड़ी कार्यवाहियां भी हुईं जिसमे से अंतिम माह में ही दो बड़ी कार्यवाही हुई जो अवैध रूप से धान के भंडारण सहित उसके गलत तरीके से विक्रय को लेकर की गई एक राइस मिल सील की गई।
भाजपा के लिए वर्ष का अंतिम सुखद रहा
भाजपा के लिए पूरी तरह सुखद रहा वर्ष 2023। अब वर्ष 2024 जो आने वाला है उसमे किसके हिस्से क्या आता है यह देखने वाली बात होगी क्योंकि लोकसभा चुनाव इसी वर्ष में संपन्न होने हैं वहीं कांग्रेस भाजपा दोनो ही इस चुनाव में बाजी मारने का प्रयास करेंगे। भाजपा के पास वर्तमान में प्रदेश की सत्ता है इसलिए वह आश्वस्त होकर आत्मविश्वास के साथ इस चुनाव में भाग लेगी वहीं कांग्रेस इस चुनाव में संघर्ष करती नजर आएगी यह तय है। जिले का असंतुलित विभाजन भी एक विषय है जिसको लेकर अब भाजपा को निर्णय लेना होगा वह इस नए वर्ष में निर्णय लेकर जिले का विभाजन संतुलित करती है की नहीं यह भी देखने वाली बात होगी।
2023 कांग्रेस के लिए रहा निराशाजनक
बीता हुआ वर्ष 2023 कांग्रेस पार्टी के हिसाब से न जिले में ही ठीक रहा न ही विभाजित कोरिया जिले में ही। विभाजित कोरिया जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहा बीता वर्ष। कांग्रेस सत्ता से भी बेदखल हुई और तीनो विधानसभा सीटों पर उसे करारी हार का सामना करना पड़ा। केवल बैकुंठपुर विधानसभा की बात की जाए तो इस विधानसभा में पहली बार कोरिया रियासत परिवार को हार का मुंह देखना पड़ा क्योंकि आज तक कोरिया रियासत परिवार चुनाव न हारने का खिताब अपने साथ लेकर चला आ रहा था। हार भी कोरिया रियासत परिवार की कोई कम अंतर वाली नहीं रही। जिस अंतर से हार हुई वह अंतर इतना बड़ा है की आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी रियासत परिवार कोरिया से उम्मीदवार चुनाव में उतारेगी यह भी कांग्रेस के लिए सोचने वाला विषय होगा क्योंकि जिस अंतर से हार हुई वह सत्ता विरोधी लहर का अंतर नहीं था व्यक्तिगत विरोध स्वरूप इतना बड़ा अंतर हार जीत का रहा जो पहले से ही तय माना जा रहा था।
नही सुलझ सका जिले के असंतुलित विभाजन का मुद्दा
कोरिया जिला दो जिलों के रूप में विभाजित किया गया। विभाजन को विकास के लिए विकेंद्रीकरण जरूर कहा गया पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लेकिन आज तक जिले की सीमाएं तय नहीं हैं जो साबित करता है की विभाजन असंतुलित रहा जिसका विरोध भी होता रहा।वर्ष 2023 में तो असंतुलित जिला विभाजन का मुद्दा नहीं सुलझ सका अब उम्मीद है की नई सरकार इसे सुलझाने का काम जरूर करेगी क्योंकि अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जो किस जिले में रहने वाले हैं वहां के लोगों को ही नहीं पता।
साल भर विवादित रहा विधायक का कार्यकाल
वर्ष 2023 में बैकुंठपुर विधायक का कार्यकाल वर्षभर विवादित बना रहा। विधायक जो अब पूर्व विधायक हैं के साथ विवाद जुड़ते रहे जो पूर्व होने के बाद भी जुड़ते रहे। अंतिम समय में वर्ष के उनके ऊपर आरोप भी लगा मारपीट का जिसके बाद एक समाज विशेष ने उनके विरुद्ध निंदा प्रस्ताव भी पारित किया जो कहीं न कहीं बड़ी बात है एक जनप्रतिनिधि होने के नाते बड़ी क्षति है उनके भविष्य को लेकर।
नए विधायकों से जगी जनता की उम्मीद
वर्ष 2023 के अंत में जनता ने नए विधायकों को आने वाले समय के लिए चुनकर क्षेत्र की सेवा का मौका दिया। सभी नए विधायकों से जनता को काफी उम्मीद है जो पूर्व विधायकों ने अपने कार्यकाल में नहीं पूरी की। अब नए विधायक जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करें यही उनसे जनता को उम्मीद है।
नए वर्ष में बदले जा सकते हैं प्रशासनिक अधिकारी
नए वर्ष में जिले के आला प्रशासनिक अधिकारियों को बदला जा सकता है यह भी संभावना है। प्रशासनिक अधिकारियों के हिसाब से पिछला वर्ष भले अच्छा रहा हो लेकिन जिले की जनता के हिसाब से प्रशासनिक कसावट बेहतर नहीं मानी गई जो वजह है उनके बदले जाने की। जिले में जनता ने अपने लिए नई सरकार का चयन किया है उसी अनुरूप बेहतर परिणाम देने वाले अधिकारियों की अब पदस्थापना हो जिले में वह भी चाहते हैं।
विभाजित कोरिया को मिला स्वास्थ्य मंत्री
विभाजित कोरिया जिले के हिस्से स्वास्थ्य मंत्री का पद आया। यह पद जहां नवीन जिले के लोगों के लिए उत्साह का विषय बना हुआ है वहीं यह कोरिया वासियों के लिए भी उत्साह का विषय है।


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