किसानों के बोनस वितरण पर पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने उठाये सवाल
-रवि सिंह-
कोरिया,26 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। प्रदेश में भाजपा सरकार आ गई और अपनी घोषणा पत्र को पूरा करने का पहला शुरू कर दिया है पर पहल शुरू करने के दौरान एक कमियां भी देखने को मिली घोषणा पत्र में बोनस देने का साल अलग था और बोनस देने के दौरान आया निर्देश में साल अलग देखा गया, जिसे लेकर भरतपुर सोनहत विधायक गुलाब कमरों ने सवाल भी उठाया और कहा कि क्या घोषणा पत्र सही है या फिर शासन का निर्देश या फिर दोनों में जानकारी का आभाव है या फिर शासन व प्रशासन में तालमेल सही नहीं है?
भरतपुर सोनहत विधानसभा के पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने भाजपा सरकार द्वारा किसानों को दिए गए धान बोनस पर सवाल उठाया गया है साथ ही किसानों के साथ छल करने का आरोप लगाया है, पूर्व विधायक ने कहा कि ये वादा किसी और साल का करते हैं और देते किसी और साल का हैं। दरअसल बोनस वितरण के सम्बंध में सोशल मीडिया में चल रहे सरकारी आदेश में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2016-17 का बोनस देने का उल्लेख दिख रहा है वही घोषणा पत्र में 16-17 एवं 17-18 के बोनस देने का वादा भाजपा ने किया था जिसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है, गुलाब कमरो ने अपने आरोप में कहा है कि 2014 में कम किसान धान बेचते थे और धान की कीमत भी कम थी जबकि 2017 और 18 में धान बेचने वाले किसानों की संख्या ज्यादा थी और धान का समर्थन मूल्य भी 14 के हिसाब से ज्यादा था, वही धान के। उत्पादन में भी बढोत्तरी हो गई उस हिसाब से किसानों के बोनस की राशि काफी कम वितरित की जा रही है जबकि घोषणा पत्र में दिए गए वर्ष अनुसार सरकार को अधिक राशि का भुगतान करना पड़ता जिससे सरकार बचना चाहती है, इस तरह किसानों के साथ अन्याय पूर्ण तरीके से बोनस वितरण का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि दो साल के बकाया बोनस की सूची क्यों जारी नहीं हो रही है? जो दो साल का भाजपा शासन के समय का बोनस है उसके मृत अथवा बंटवारा हो चुके,खेत बेच चुके किसानों के बोनस क्या होगा? ऐसे कई अनुारित व ज्वलंत सवाल है जिसके चलते किसान अत्यंत निराश व अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। घोषणा पत्र के साल और आदेश के साल में इतना अंतर क्यों है क्या किसान संख्या के कारण कम किसानों को देना चाहते हैं। गुलाब कमरो ने साल 16-17 व 17-18 के बोनस दिए जाने मांग सरकार से किया है।