कोरिया/पटना@क्या भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद श्रेष्ठ के कंधेपर होगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना की जिम्मेदारी?

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रवि सिंह-
कोरिया/पटना 26 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। प्रदेश में भाजपा ने सत्ता में वापसी की है और बैकुंठपुर में भी अब भाजपा विधायक ही निर्वाचित हुए हैं। भाजपा की सत्ता में वापसी और बैकुंठपुर से भाजपा विधायक की जीत के बाद अब ऐसी सूचना मिल रही है की सोनहत स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ को पटना बीएमओ बनाए जाने की तैयारी है। इस संदर्भ में जैसी सूचना सूत्रों से मिल रही है उसके अनुसार सोनहत बीएमओ का सोनहत में विरोध होने लगा है और अब वह सोनहत छोड़ना चाहते हैं वहीं वह विरोध बढ़ने से पहले सोनहत छोड़कर कहीं और जाना चाहते हैं इसलिए उन्होंने पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अपना नया ठिकाना बनाने का विचार किया है जिसके लिए उनकी सिफारिश भाजपा नेताओं ने की है। सोनहत बीएमओ कांग्रेस शासन काल में सोनहत बीएमओ बनने के लिए कांग्रेस नेताओं का सहारा लिए हुए थे और उन्हे कांग्रेस शासनकाल के पूरे समय कांग्रेस नेताओं का अच्छा समर्थन मिला और वह सोनहत बीएमओ बने रहे वहीं अब जब सत्ता परिवर्तन हुआ तब सोनहत में उनका विरोध भाजपा नेताओं ने ही करना शुरू किया जिसके कारण अब वह भाजपा नेताओं से संपर्क कर पटना आने की फिराक में हैं। वैसे उनका पटना आना तय हो चुका है जैसा सूत्रों का ही कहना है।
अब सवाल यह उठता है की क्या वर्तमान में पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिसका जिम्मा डॉक्टर बलवंत सिंह अच्छे से सम्हाल रहे हैं में सोनहत बीएमओ को उनकी जगह पदस्थ करना उचित निर्णय है। वैसे राजनीति में सबकुछ संभव है और जन सुविधा से ज्यादा शासकीय विभागों में जुगाड का महत्व होता है जिसका फायदा लेना वर्तमान बीएमओ सोनहत जानते हैं। वैसे सोनहत में जब बीएमओ बतौर वर्तमान बीएमओ की पदस्थापन हुई तब वहां पटना बीएमओ को प्रभार उस समय वहां इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि उनका जुगाड तत्कालीन कांग्रेस शासनकाल में अच्छा नहीं था वहीं वह तब पटना आ गए थे और वह अन्य बीएमओ के साथ कार्य करना आरंभ किए बाद में उन्हें बीएमओ का प्रभार मिल सका। वैसे सत्ता के साथ तालमेल बनाकर अपना जुगाड बनाने में सोनहत बीएमओ माहिर हैं जो पटना बीएमओ बनकर वह साबित करने जा रहे हैं। वैसे सोनहत बीएमओ इसके पहले सूरजपुर जिले में भी सेवा दे चुके हैं और उनका वहां का कार्यकाल भी सत्ता के साथ सामंजस्य वाला ही माना जाता रहा है।
भाजपा नेता सोनहत बीएमओ को पटना लाने हुए सक्रिय,सूत्र
सूत्रों के अनुसार भाजपा नेताओं के साथ तालमेल बैठाकर अब सोनहत बीएमओ पटना आने की फिराक में हैं। वैसे सूत्रों की माने तो उनके लिए सिफारिश हो भी चुकी है और अब आदेश निकलने की देर मात्र है। भाजपा नेताओं से सांठगांठ कर सोनहत बीएमओ इसलिए भी पटना बीएमओ का प्रभार लेना चाहते हैं क्योंकि उनका सोनहत में काफी विरोध हो रहा है जो सत्ता जाते ही और भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद भाजपा नेता ही कर रहे हैं। वैसे यह भी अजीब विषय है और मामला भी की जिसका विरोध एक जगह के भाजपा नेता कर रहे हैं जिसे वह हटाना चाहते हैं जिसकी कार्यप्रणाली ही ठीक नहीं है उसे दूसरे जगह के भाजपा नेता ही अपनाना चाहते हैं।
निजी जांच केंद्र संचालित करते हैं पटना में,पटना में प्रभार मिलते ही मिलेगा जांच केंद्र को प्रभाव का लाभ
सोनहत बीएमओ पटना में अपना निजी जांच केंद्र संचालित करते हैं वहीं माना जा रहा है की वह इस कारण भी पटना बीएमओ बनना चाहते हैं जिससे उन्हे जांच केंद्र में उनके प्रभाव का लाभ मिल सके। कुल मिलाकर उनकी मंशा है की उन्हे विभागीय प्रभाव पद प्रभाव का लाभ मिल सके इसलिए वह पटना बीएमओ बनने की फिराक में हैं।
पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर स्थित,बड़े ग्रामीण क्षेत्र के लिए है यह बड़ी उम्मीद,क्या यहां कुशलता की जगह प्रभाव को महत्व देना सही
पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर स्थित है वहीं यह एक बड़े ग्रामीण क्षेत्र के लिए बड़ी उम्मीद है। हाल ही में यहां पदस्थ बीएमओ ने एक सफल ऑपरेशन करके यह भी जता दिया की उनकी कार्यकुशलता कितनी अच्छी है ऐसे में अब प्रभाव वाले चिकित्सक को यहां का प्रभार देना कहां तक उचित यह बड़ा सवाल है और इस मामले में भाजपा नेताओं को भी ध्यान देना चाहिए की उन्हे कुशल योग्य और ऐसा डॉक्टर चाहिए जो क्षेत्र के मरीजों के लिए बेहतर हो या ऐसा जो जुगाड लगाकर कुर्सी पाने में माहिर।


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