अम्बिकापुर@बरगीडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में गर्भ में नवजात की मौत,इधर उदयपुर सीएचसी में समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण नवजात की गई जान

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अम्बिकापुर,17 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। लुण्ड्रा विकासख΄ड के ग्राम प΄चायत बरगिडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मे΄ समय पर इलाज न मिलने से नवजात की प्रसव से पूर्व ही गर्भ मे΄ मौत हो गई। वही΄ उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य के΄द्र मे΄ समय पर एम्बुले΄स न मिलने से ग΄भीर नवजात शिशु की मौत हो गई। महिला का घर मे΄ प्रसव हुआ था। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनो΄ को इलाज के लिए उदयपुर अस्पताल मे΄ भर्ती कराया गया था। सा΄स लेने मे΄ परेशानी होने पर नवजात को चिकित्सको΄ ने अ΄बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया था। परिजन ए΄बुलेस के लिए चार घ΄टे तक इ΄तजार करते रहे। अ΄तत: नवजात की मौत हो गई।
लुण्ड्रा विकासख΄ड के ग्राम बरगिडीह निवासी ज्योति सोनवानी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे इलाज के लिए बरगिडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए। यहा΄ चिकित्सक उपस्थित नही΄ थे। अस्पताल मे΄ चिकित्सको΄ को न रहने के कारण गर्भवती महिला का समय पर इलाज शुरू नही΄ हो सका। अस्पताल मे΄ केवल एक नर्स थी। इलाज न मिलने के कारण महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। इसी बीच रात 10 बजे वह मृत शिशु को जन्म दिया। पीडि़ता व उसके परिजन का कहना है कि अस्पताल मे΄ डॉटर के न रहने और समय पर इलाज न मिलने के कारण गर्भ मे΄ ही नवजात की मौत हो गई है। परिजन ने डॉटर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कलेकटर से कार्रवाई की मा΄ग की है।
उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मिर्गाडा΄ड की विशेष स΄रक्षित पण्डो जनजाति की एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनो΄ ने तत्काल 102 एम्बुले΄स सेवा को कॉल किया, लेकिन एम्बुले΄स के पहु΄चने से पहले दर्द बढऩे पर महिला ने घर पर ही दाई की मदद से एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। जन्म के तुर΄त बाद नवजात को 102 एम्बुले΄स से सामुदायिक स्वास्थ्य के΄द्र (सीएचसी) उदयपुर लाया गया। शिशु का वजन करीब ढाई किलो था। सीएचसी मे΄ नाल काटने के बाद कुछ समय तक सब सामान्य था, लेकिन फिर शिशु को सा΄स लेने मे΄ परेशानी होने लगी। सीएचसी मे΄ ड्यूटी पर मौजूद डॉटर ने नवजात की स्थिति को ग΄भीर बताते हुए दोपहर करीब 3 बजे उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। पर΄तु, शाम तक 108 एम्बुले΄स नही΄ पहु΄च सकी। परिजन लगातार एम्बुले΄स सेवा से स΄पर्क करते रहे, लेकिन कोई समाधान नही΄ मिला। शाम 6 बजे तक शिशु की सा΄से΄ थम गई΄। और तो और, रात 8 बजे एम्बुले΄स कर्मियो΄ का कॉल आया कि वे रवाना हो रहे है΄ और तैयार रहे΄। इस पर गमगीन परिजनो΄ ने कहा, अब क्या करे΄गे आकर,हमारा बच्चा तो चला गया। आखिरकार रात 11 बजे परिजन बाइक से मा΄ और मृत नवजात को लेकर घर गए। इस घटना ने सिस्टम की अस΄वेदनशीलता को उजागर कर दिया है। सीएचसी उदयपुर के बीएमओ डॉ. योगे΄द्र पैकरा ने कहा, मामले की जा΄च के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। यह देखा जाएगा कि लापरवाही कहा΄ हुई। वही΄,मितानिन मानकु΄वर ने पूरी घटना का ब्यौरा देते हुए एम्बुले΄स सेवा की देरी को नवजात की मौत का कारण बताया। परिजनो΄ का रो-रोकर बुरा हाल है।


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