@ मदद करने वाले लोकल टीएमसी लीडर कौन?
@ मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी बदमाशों के शामिल होने के मिले संकेत…
@ बीएसएफ की 9 कंपनियां मुर्शिदाबाद में तैनात,स्थिति पर नजर…
@ हिंसा के चलते कई हिंदू परिवार विस्थापित, सांप्रदायिक तनाव बढ़ा…
नई दिल्ली,15 अप्रैल 2025(ए)। गृह मंत्रालय के सूत्रों की ओर से मंगलवार को बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद हिंसा की शुरुआती जांच में बांग्लादेशी बदमाशों के शामिल होने के संकेत मिले हैं। प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला है कि बदमाशों को शुरू में स्थानीय नेताओं से मदद मिली होगी, लेकिन बाद में वे बेकाबू हो गए। इस बीच, गृह मंत्रालय पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और अन्य संवेदनशील जिलों में गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहा है। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने राज्य प्रशासन को अन्य संवेदनशील जिलों पर कड़ी नजर रखने और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने की सलाह दी।
मुर्शिदाबाद मेंबीएसएफ की 9 कंपनियां
हिंसा की वारदातों को लेकर केंद्रीय गृह सचिव लगातार पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के संपर्क में हैं। गृह मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की लगभग नौ कंपनियां को भी तैनात किया है। इन नौ कंपनियों में से 300 बीएसएफ कर्मी स्थानीय रूप से उपलब्ध हैं, साथ ही राज्य सरकार के अनुरोध पर अतिरिक्त कंपनियां भी तैनात की गई हैं।
इससे पहले, पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने जानकारी दी कि मुर्शिदाबाद में स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन नियंत्रण में
है और इस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। डीजीपी ने आगे कहा कि वे स्थानीय रूप से तैनात बीएसएफ की सहायता ले रहे हैं और 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मुर्शिदाबाद से कईजिलों में फैली हिंसा
मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले सप्ताह हिंसा भड़क उठी थी। विरोध प्रदर्शन मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में फैल गया, जिससे आगजनी और पथराव किए गए और सड़कों बवाल किया गया। अधिकारियों ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, हालांकि किसी नई घटना की सूचना नहीं है। सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में निषेधाज्ञा लगा दी गई है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं,जहां हिंसा हुई थी। शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि इन वारदातों में बांग्लादेशी उपद्रवी शामिल थे, जिन्हें कथित तौर पर सत्ताधारी टीएमसी के लोकल नेताओं का साथ मिला। लेकिन, बाद में वे खुद ही नियंत्रण से बाहर हो गए।
बंगाल हिंसा के कारण कई हिंदू परिवार विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से कई लोग मालदा भागने को मजबूर हो गए, जिससे नए सिरे से घुसपैठ और सांप्रदायिक अशांति का डर बढ़ गया। केंद्र ने राज्य सरकार से जान-माल की रक्षा करने में विफलता, रेलवे संपत्तियों पर हमले और हिंसा के शुरुआती चरणों के दौरान पुलिस की निष्कि्रयता के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
राज्यों को मिलेंगे केंद्रीय बल
अगर राज्यों से मांग की जाती है, तो उन्हें बिना किसी देरी के केंद्रीय बल मुहैया कराए जाएंगे, ताकि ऐसी सांप्रदायिक हिंसा को रोका जा सके। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मुर्शिदाबाद में भी, पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और अदालत के निर्देश पर पर्याप्त केंद्रीय बलों की तैनाती की गई, जिससे सांप्रदायिक झड़पों पर लगाम लगी। अधिकारी ने कहा कि कोई नई हिंसा नहीं हुई है।
