कुसमी@ कुसमी एसडीएम ने ग्राम करकली में पुलिस बल के बीच जेसीबी लेकर कराई तोड़-फोड़ की कार्रवाईदशकों पूर्व काबीज गरीबों को किया गया बेघर

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-सुदामा राजवाड़े-
कुसमी,12 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)।
जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के अनुभाग कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत करकली में सुबह करीब 11 बजे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुसमी करुण डहरिया अपनी राजस्व टीम के साथ पुलिस की छावनी लेकर दल-बल के साथ पहुचे। जहाँ उन्होंने कई वर्षों से काबिज कर अपना जीवन – यापन करने वाले दो दर्जन से अधिक कज़ाधारियों को जेसीबी मशीन के सहारे हटाना शुरू कर दिया।
शनिवार को एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व अमले की उपस्थिति में अतिक्रमण मुहिम प्रारम्भ कर जेसीबी से तोड़ फोड़ की जानकारी जैसे ही फैली उनमें भय का वातावरण निर्मित हो गया। वे सभी गरीब तबके के लोग थे। उनके आशियाने के ऊपर की गई ताबड़तोड़ कार्यवाही इस कार्यवाही से गरीबों में मचा त्राहिमाम जिससे जिससे ग्राम पंचायत करकली में अफरा तफरी स्थिति निर्मित गई। सभी घर के परिजन इस अचानक प्रशासन की कार्यवाही से चीखते चिल्लाते रहें फिर भी नहीं पसीजा प्रशासन का दिल।
प्रदेश में अब में किसी का आशियाना उजड़ने के लिए नोटिस ना देने का नया दौर चालू हो गया
उक्त कार्रवाई से पीडि़तों के तरफ से यह आरोप सामने आ रहा है की राजस्व न्यायालय से उक्त कार्यवाही के लिए किसी प्रकार का पीडि़तों को नोटिस आज के तोड़-फोड़ की कार्यवाही के लिए नहीं दीं गई। आनन-फानन में हमारे आशियां में तोड़-फोड़ करना शुरू कर दीया गया। अधिकांश घरों को सामान तक हटाने का मौका नहीं मिला। जिसमें गरीबों का काफी नुकसान हो गया। कज़ाधारियों के अनुसार एसडीएम तोड़फोड़ के दौरान बोलते रहे ही तुम लोग को दो शाल से कहा जा रहा था लेकिन तुम लोगों ने कजा हटाना उचित नहीं समझान नही समझा इतना टाईम नहीं हैं हमलोग के पास जो तुमलोगो का सुनते रहें।
विधायक सांसद व स्थानीय नेताओं के मोबाइल रहे बंद
पीडि़तों ने आशियाना को उजाड़े जाने की जानकारी स्थानीय नेताओं व विधायक-सांसद तक भी पहुंचाई गई। पर काफी देर तक सभी का मोबाईल बंद पाया गया। जवाब जवाब देने की जगह उनके मोबाइल संपर्क से बाहर भी हो गए। तोड़फोड़ की कार्यवाही के दौरान एसडीएम ने
किसी की नहीं सुनी। कार्रवाई के दौरान उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर लिया था और बुलडोजर कार्यवाही चलती रही।
सरपंच ने भी विधायक की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया
इस सबंध में पीडि़तों ने सरपंच से भी लोगो ने गुहार लगाई तो उसने स्थानीय विधायक से बात करने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड लिया। इस अतिक्रमण हटाओ कार्यवाही के बाद ग्रामीण बी बस और लाचार हो गए पीडि़त प्रशासनिक कार्यवाही से लाचार नजर आने लगे प्रशासन की इस कार्यवाही ने पीडि़तों में हिटलर शाही हुकूमत की याद ताजा कर दी।
सिंघम के रूप में आए एसडीएम फोटो खींचने व वीडियो बनाने से रोका
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो तोड़फोड़ कार्यवाही के दौरान एसडीएम ने सभी को जेल में भेज देने की धमकी देते भी रहे।


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