बलरामपुर@पांचवीं की बोर्ड परीक्षा में अनुपस्थित छात्रा की जगह चौथी कक्षा की छात्रा को प्रधानपाठक सहायक शिक्षक बैठाकर दिला रहे थे परीक्षा

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@ प्रधानपाठक सहित सहायक शिक्षिका जांच में पाई गईं दोषी,कारण बताओ नोटिस हुआ जारी
परीक्षा के दौरान एक पत्रकार ने पकड़ी थी यह गड़बड़ी,बनाई थी वीडियो,बाद में पत्रकार लेनदेन में हुआ था कार्यवाही का शिकार
@ प्रधानपाठक सहित सहायक शिक्षिका ने पत्रकार को रिश्वत के षडयंत्र में फसा कर करवाई थी एफ आईआर…जबकि प्रधानपाठक सहित सहायक शिक्षिका पर नहीं हुई थी कोई कार्यवाही
@ चौथी के बच्चे से पांचवीं की परीक्षा दिलाई जा रही थी जिसका पत्रकार पड़ताल करने पहुंचा स्कूल…प्रधान पाठक व शिक्षिका ने उसे फंसाया था रिश्वत के मामले में?
@ अपनी गलती छुपाने के लिए शिक्षिका मेनका बनाकर रिश्वत के मामले में फंसाया पत्रकार को:सूत्र

-सुदामा राजवाड़े-
बलरामपुर,12 अप्रैल 2025(घटती-घटना)।
दैनिक घटती-घटना की खबर का एक बार फिर असर देखने को मिला है जहां एक प्राथमिक शाला की प्रधान पाठिका और सहायक शिक्षिका के विरुद्ध खबर के आधार पर जांच समिति बैठाई गई और जांच उपरांत दोनों दोषी पाए गए जिसके बाद दोनों को जिला शिक्षा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया और जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर सिविल सेवा नियंत्रण एवं वर्गीकरण नियम 1966 के तहत कार्यवाही की बात कही है।
बता दें कि मामला कक्षा पांचवीं की बोर्ड परीक्षा में अनुपस्थित छात्रा की जगह कक्षा चौथी की छात्रा को परीक्षा में बैठाकर अनुपस्थित छात्रा की जगह परीक्षा दिलाए जाने से जुड़ा था और जिसका खुलासा एक पत्रकार के ऊपर उक्त मामले को दबाने के एवज में कानूनी कार्यवाही उपरांत हुआ था वहीं पत्रकार पर तो प्रधान पाठक और सहायक शिक्षिका की शिकायत के आधार पर कानूनी कार्यवाही हो गई थी लेकिन बोर्ड परीक्षा में अनुपस्थित छात्रा की जगह कक्षा चौथी की छात्रा को बैठाकर परीक्षा दिलाए जाने के मामले में दोषी प्रधान पाठिका सहित सहायक शिक्षिका पर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी,जबकि उक्त संदर्भ में दोषी मिला पत्रकार जिसके ऊपर लेनदेन का आरोप लगा था…ने वीडियो बना लिया था गड़बड़ी का और जिसमे कक्षा चौथी की छात्रा खुद बता रही थी वह कक्षा चौथी की छात्रा है और वह दूसरे की जगह परीक्षा शिक्षकों के कहने पर बैठकर दे रही है। वैसे पत्रकार पर कार्यवाही के बाद दैनिक घटती-घटना ने यह खबर प्रकाशित की थी कि दोषी प्रधान पाठिका सहित सहायक शिक्षिका पर कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि दोनों दोषी हैं और क्या उनके ऊपर कार्यवाही विभाग या जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे। दैनिक घटती-घटना की खबर का असर ही था कि कलेक्टर बलरामपुर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले में जांच टीम बनाई और जिसके बाद प्रधान पाठिका और सहायक शिक्षिका दोषी पाई गई और उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।
यह था पूरा मामला
पत्रकार को प्रधान पाठक पर शिक्षिका की करतूत का पर्दाफाश करने का प्रयास पड़ा महंगा…प्रधान पाठक व शिक्षिका अपने आप को बचाने के लिए पत्रकार के पास रिश्वत की रखी बात ताकि मामले का हो सके पटाक्षेप,जब मामले का पटाक्षेप की नहीं बनी स्थिति उसके बाद रिश्वत के ही मामले में पत्रकार को ही फसाया…रिश्वत दिया नहीं पर मांगने का आरोप लगाकर थाने में की शिकायत और शिक्षकों को ही बनाया गवाह,पत्रकार से भी दो कदम आगे निकली प्रधान पाठक व शिक्षिका आखिर उनके द्वारा जो नियम विरुद्ध तरीके से परीक्षा ली जा रही थी अब उसे पर कार्रवाई कौन करेगा? क्या इस पर जांच होगी जो मुद्दा पत्रकार उजागर करना चाह रहा था वह मुद्दा रिश्वत की शिकायत ने भटका दिया और पत्रकार को उस मामले में उलझा दिया गया। पत्रकार को जानकारी मिली थी कि बलरामपुर जिले के प्राथमिक शाला उदयपुर संकुल करजी विकासखंड राजपुर में बोर्ड परीक्षा संचालित हो रही है छाीसगढ़ सरकार ने पांचवीं व आठवीं की भी बोर्ड परीक्षा कर दी है,राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा को बेहतर करने के लिए ऐसा निर्णय ली है पर स्थानीय प्रशासन व जिला शिक्षा अधिकारी की उदासीनता से यह बोर्ड परीक्षा भी प्रभावित होती देखी गई,पत्रकार को सूत्रों जानकारी मिली थी कि पांचवीं बोर्ड परीक्षा में एक छात्रा अनुपस्थित है वह अपने किसी रिश्तेदार के यहां गई हुई है शत-प्रतिशत परिणाम दिखाने के लिए उस स्कूल के प्रधान पाठक ने अपने स्कूल की एक चौथी कक्षा के छात्रा को अनुपस्थित छात्रा की जगह बैठाकर परीक्षा दिलवा रहे है जो नियम के विरुद्ध था,इस पर पत्रकार 27 मार्च को इसकी पड़ताल करने उस स्कूल पहुंचा जहां पर उसने पाया कि सही में ऐसा हो रहा है, आपको बता दे की मेनका, एक प्रसिद्ध पात्र है जो स्वर्ग की सुंदर अप्सराओं में से एक मानी जाती है, जिसने ऋ षि विश्वामित्र की तपस्या भंग की थी ठीक उसी तरह यहां की शिक्षिका भी पत्रकार की तपस्या भंग कर दी और उसे अपने रिश्वत के जाल में फंसा लिया और पत्रकार भी उनके रिश्वत के जाल में फंसकर उस महत्वपूर्ण खबर से भटक गया,जो वहां के प्रधान पाठक व सहायक शिक्षक द्वारा किया जा रहा गलत कृत्य था,पत्रकार की गलती बस इतनी थी की जो जानकारी उसे मिली थी उसे उजागर करने चला गया और उनके बिछाए जाल में फंस गया…पत्रकार पर तो पुलिस ने आनन-फानन में कार्यवाही कर दिया पर वह प्रधान पाठक व सहायक शिक्षक से यह नही पूछे की आप ने ऐसी कौन सी बड़ी गलती किया है जो आप को रिश्वत देने की जरुरत पड़ी? वहीं सवाल उठता है कि उस स्कूल के प्रधान पाठक व सहायक शिक्षक पर कार्यवाही कौन करेगा? जो शासन के नियमों के विरुद्ध अनुपस्थित छात्र की जगह दूसरे कक्ष की छात्रा से बोर्ड परीक्षा दिलवा रहे थे , जबकि उसे स्कूल के पास में कक्षा के दर्ज संख्या 3 की,जिसमें एक छात्र और दो छात्रा थी,एक अनुपस्थित थी जिसे उपस्थित दिखाकर दूसरे कक्ष के अपने स्कूल के छात्र से बोर्ड परीक्षा दिला गया,जिसका वीडियो भी उस पत्रकार ने बना लिया था,जो आज भी मौजूद है इन प्रधान पाठक व सहायक शिक्षक पर कार्यवाही के लिए क्या शिक्षा मंत्री को आना पड़ेगा? या फिर उस जिले के शिक्षा अधिकारी कार्यवाही कर पाएंगे या फिर शिक्षा अधिकारी के सह पर ही ऐसा हो रहा था?
पत्रकार कहीं पर्दाफाश न करदे…मामले का इसलिए पत्रकार को रिश्वत के मामले में फंसाया गया…
मामले में जिस पत्रकार ने विद्यालय पहुंचकर वीडियो बनाया उसे रिश्वत मामले में फंसाया गया। अब यह कहना गलत नहीं होगा कि पत्रकार मामले का पर्दाफाश न करदे इसलिए उसे रिश्वत मामले में फंसाया गया। पत्रकार ने मामले का वीडियो बनाया था और स्कूल पहुंचकर कक्षा में दूसरी छात्रा की जगह दूसरी छात्रा को परीक्षा देते पकड़ा और उसका वीडियो बनाया बयान लिया। जब पत्रकार ने बयान ले लिया और वीडियो बना लिया तब उसे बिना अनुमति के पहुंचना स्कूल में कहकर और रिश्वत मांगने के आरोप में पुलिस के हवाले किया गया। अब जब प्रधान पाठिका और सहायक शिक्षिका दोषी पाई गई है तब यह कहना कि पत्रकार को फंसाया गया यह कहना भी गलत नहीं होगा।
पुलिस की हड़बड़ी वाली कार्यवाही पत्रकार पर… क्या दोनों शिक्षिकाओं पर भी होगी कार्यवाही
पुलिस ने प्रधान पाठिका और सहायक शिक्षिका की शिकायत पर पत्रकार पर तत्काल कार्यवाही कर दी और कार्यवाही में काफी हड़बड़ी दिखाई,अब क्या प्रधान पाठिका और सहायक शिक्षिका जो जांच में विभागीय दोषी पाई गई हैं उनके विरुद्ध भी पुलिस कार्यवाही में तत्परता दिखाएगी या फिर उन्हें छोड़ देगी,मामला चूंकि सीधे सीधे फर्जीवाड़े तथा अपराधिक है बोर्ड परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी का है शासन सहित विभाग की छवि धूमिल करने का है,क्या अब पुलिस कानूनी कार्यवाही करेगी यह देखने वाली बात होगी।
क्या राजपुर के थाना प्रभारी काफी हड़बड़ी में थे या फिर किसी के दबाव में थे?
वैसे पत्रकार जिसने स्कूल की गड़बड़ी बोर्ड परीक्षा की पकड़ी उसके विरुद्ध थाना प्रभारी राजपुर ने काफी तत्परता से कार्यवाही की जो रिश्वत मांगने की कार्यवाही थी,क्या वह हड़बड़ी में थे या उनके ऊपर किसी का दबाव था यह सवाल भी खड़ा हो रहा है थाना प्रभारी जिन्होने हड़बड़ी में कार्यवाही की उन्होंने पूरे मामले में परीक्षा कक्ष की गलतियों और दूसरे छात्रा की जगह दूसरी छात्रा के द्वारा परीक्षा दिए जाने की जांच क्यों नहीं की यह भी सवाल खड़ा होता है।
पुलिस की गलत शिकायत पर जांच ना करना निर्दोष के लिए परेशानी का सबब…
वैसे पूरे मामले में पत्रकार की ही बनाई गई वीडियो के आधार पर स्कूल में बोर्ड परीक्षा में जारी गड़बड़ी का खुलासा हुआ। जब बोर्ड परीक्षा की गड़बड़ी का खुलासा हुआ पत्रकार की वीडियो द्वारा तो पुलिस को मामले की तह तक जाना था केवल शिक्षकों की शिकायत पर पत्रकार पर तत्काल कार्यवाही नहीं करना था। पुलिस ने कही न कही गलत शिकायत पर बिना जांच कार्यवाही की और पत्रकार फंस गया।
जांच में दोषी पाए जाने के बाद क्या राजपुर थाना प्रभारी दोनों शिक्षकों पर भी करेंगे मामला दर्ज
विभागीय जांच में दोषी पाई जाने के बाद क्या राजपूत थाना प्रभारी दोनों शिक्षकों के विरुद्ध मामला दर्ज करेंगे क्योंकि उनकी शिकायत पर उन्होंने पत्रकार पर रिश्वत मांगने व लैकमेलिंग करने का मामला दर्ज कर लिया था और कहा था कि वह उन्हें परेशान कर रहे हैं पर क्या सही में वह परेशान हो रहे थे या फिर नियम विरुद्ध परीक्षा लेकर पत्रकार को खबर प्रकाशित करने से रोकने का यह उनका प्रयास था?


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