अंबिकापुर, 09 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। शोध पत्र राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत समिति के पेटेंट एक्ट 202521009297 के तहत रजिस्टर्ड हो गया है,इसके लिए डॉ उमेश पाण्डेय द्वारा विगत वर्ष आवेदन किया गया था। इस काम में सुपरवाइजर डॉ. स्नेहलता बर्डे के महत्वपूर्ण योगदान एवं डॉ. एस. के. श्रीवास्तव सर का आशीर्वाद व सह शोध व्याख्याता डॉ मनीषा देवांगन का भी हृदय तल से से आभार एवं शुभकामनाएं देता हूं जिन्होंने इस कार्य में भरपूर सहयोग दिया एवं पंजीकृत होने में अपना नाम दिया है। वास्तव में यह मेरे द्वरा प्रकाशित ऐसा शोध पत्र है जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है की कोई भी क्रिमिनल या कोई भी सस्पेक्ट पर्सन जिसके बारे में हम लोगों को निम्नलिखित में से एक जानकारी फोटो या परिवार के बारे में कोई जानकारी या फोन नंबर हो। इन तीनों में से कोई भी एक जानकारी यदि हम लोग के पास है और हमने समस्त जानकारी और शिकायत को ऑनलाइन दर्ज कर दिया है । हर व्यक्ति के पास अपना एक आईडी जिसमें आधार नंबर के विवरण से पंजीकृत है और इस आशय पर की सभी व्यक्तियों का एक निश्चित पोर्टल पर जानकारी रखेंगे और उसे व्यक्ति के संदर्भ में कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह व्यक्ति के घूमने के ऊपर हो या फिर यह हो सकता है उसके किसी क्राइम में सस्पेक्ट होने की स्थिति में हो जैसी भी स्थिति में हो उसकी जानकारी हमें प्राप्त करने में सहयोग प्राप्त होगा ऐसा पोर्टल निर्माण करना प्रस्तावित है । इसके लिए हमने एक जरूरी कंबाइन एल्गोरिथम जो की तीनो मे से एक से इंफोर्मेशन के होने पर चलता है को डेवलप और टेस्ट भी किया है, निश्चित रूप से यह एक महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने वाला पोर्टल होगा । इस आशय पर हमने एक व्यवस्था की जानकारी बनाकर पंजीयन हेतु प्रस्तुत किया था जिसे पंजीयन कर हम सभी को गौरव प्रदान किया गया है। इसके गुरुजनों का मार्गदर्शन,माता पिताजी का आशीर्वाद एवं पत्नी श्रीमति आशा पाण्डेय के योगदान प्राप्त हुआ और आज यह एक सफलता की महत्वपूर्ण कड़ी बना। इस पर आधारित विगत वर्षों में मेरे द्वारा मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर के द्वारा पीएचडी की उपाधि एवं कई सारे नेशनल,इंटरनेशनल व्याख्यानमाला में अपनी उपस्थिति दी गई। इसी में से एक संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर सरगुजा में इस तरह की जानकारी प्रस्तुत करने के ऊपर मुझे बेस्ट रिसर्च पेपर का अवार्ड भी प्रदान किया गया और साथ में कई अन्य संस्था के द्वारा प्रतिष्ठानों के द्वारा सम्मानित भी किया गया। निश्चित रूप से सभी शोध की तरह इस शोध की सीमा और भविस्य है,यदि सभी ध्यान रखते हुए नया सिस्टम बनाया जाय तो अच्छा रहेगा। उन्होंने आगे बताया कि विगत दस वर्षो से राजीव गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज अंबिकापुर मै जनभागिदारी कंप्यूटर सहायक प्राध्यापक कार्यरत रहा और वर्तमान में सहायक प्राध्यापक के पद पर संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्यरत हूं । शोध एवं अध्यापन का कार्य भी कर रहा हूं इस कार्य में विभाग अध्यक्ष एच. एस. टोन्डे सर का विशेष योगदान रहता है।
