अंबिकापुर,@शहर के सूखते हैण्डपम्पों पर वाटर हार्वेस्टिंग एवं बाकी हैण्डपम्पों का निरीक्षण कर चालू कराने की मांग

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अंबिकापुर,09 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। शहर में 2018 में 849 हैण्डपम्पों से जन-जन को पीने का जल मिल रहा था। परन्तु आज की स्थिति में लगभग 100 हैण्डपम्प सूख गये हैं। इस तरह लगभग 750 हैण्डपम्प से ही पानी मिल रहा है। हर वर्ष लगभ 25 हैण्डपम्प दम तोड़ देतें हैं और लगभग 100 हैण्डपम्प में पाईप बढ़ानी पडती है। नगर निगम द्वारा लगातार हैण्डपम्पो की मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं। अब गर्मी का सीजन शुरु हो गया है, ऐसे में कई क्षेत्र हैण्डपम्पों पर ही निर्भर है। सूखे हैण्डपम्पों को जिंदा करनें का भी प्रयास नगर निगम द्वारा नहीं किया जाता है। यदि वर्तमान में जीवित हैण्डपम्पों ईमानदारी से वाटर हार्वेस्टिंग बनाया जाता है तो हर साल सूखने वाले हैण्डपम्पों की संख्या भी कम हो जायेगी और लोगों को गर्मी में भी पीने का पानी मिलेगा। कई बार यह भी शिकायत रहती है कि एक साल में 1200-1300 बार इन हैण्डपम्पों की मरम्मत की गई और लाखों खर्च किये गये परन्तु फिर भी पीने का पानी नहीं मिल रहा है। शहर में जो नये हैण्डपम्प लगाये गये उसका भी रख-रखाव ठीक से नहीं किया जाता है, जिससे कम समय में ही वे पानी देना बंद कर देतें हैं। अतः महोदय से निवेदन है कि वर्तमान में कितने हैण्डपम्प पानी दे रहें हैं, कितने हैण्डपम्प सूख गये हैं, कितने हैण्डपम्प में पाईप बढ़ाने की जरुरत है उसका निरीक्षण कर सुधार कर पाईप बढ़ाकर आने वाली भीषण में भीषण जल संकट से शहर के नागरिकों को पीने की पानी की समुचित व्यवस्था कराने का कष्ट करेंगे।


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