- अपनी गलती छुपाने के लिए मेनका बनकर दो शिक्षिकाओं ने रिश्वत के मामले में फंसाया पत्रकार को…
- रिश्वत लेना पत्रकार को पड़ा महंगा पर…चौथी कक्षा के बच्चों से अनुपस्थित बच्ची की जगह पांचवीं बोर्ड परीक्षा की परीक्षा दिलाने वाले प्रधान पाठक व सहायक शिक्षिका पर कार्यवाही कौन करेगा?
- प्रधान पाठक की शिकायत पर एकतरफ ा एफ आईआर झेलते पत्रकार पर चौथी कक्षा की लड़की से पांचवीं बोर्ड परीक्षा दिलाने वाले शिक्षिका का जिला शिक्षा अधिकारी से है करीबी रिश्ता…जिसके कारण एकतरफा जांच में करवाया गया एफ आईआर…

–सुदामा राजवाड़े –
बलरामपुर,09 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। पत्रकार को लालच बड़ा महंगा पड़ा… शिक्षक के द्वारा रिश्वतखोरी के जाल में फंसाए गए,पत्रकार को जानकारी मिली थी कि बलरामपुर जिले के प्राथमिक शाला उदयपुर संकुल करजी विकासखंड राजपुर में पांचवी बोर्ड परीक्षा संचालित हो रही है छत्तीसगढ़ सरकार ने पांचवीं व आठवीं की भी बोर्ड परीक्षा कर दी है,राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा को बेहतर करने के लिए ऐसा निर्णय ली है पर स्थानीय प्रशासन व जिला शिक्षा अधिकारी की उदासीनता से यह बोर्ड परीक्षा भी प्रभावित होती देखी गई,पत्रकार को जानकारी मिली थी कि पांचवीं बोर्ड परीक्षा में एक छात्रा अनुपस्थित है वह अपने किसी रिश्तेदार के यहां गई हुई है शत-प्रतिशत परिणाम दिखाने के लिए उस स्कूल के प्रधान पाठक ने अपने स्कूल की एक चौथी क्लास के छात्रा को अनुपस्थित छात्रा की जगह बैठाकर परीक्षा दिलवा रहे थे जो नियम के विरुद्ध था,इस पर पत्रकार 27 मार्च को इसकी पड़ताल करने उस स्कूल पहुंचा जहां पर उसने पाया कि सही में ऐसा हो रहा है,आपको बता दे की मेनका,एक प्रसिद्ध पात्र है जो स्वर्ग की सुंदर अप्सराओं में से एक मानी जाती है,जिसने ऋषि विश्वामित्र की तपस्या भंग की थी ठीक उसी तर्ज पर यहां की शिक्षिका भी पत्रकार की तपस्या भंग कर दी और उसे अपने रिश्वत के जाल में फंसा लिया और पत्रकार भी उनके रिश्वत के जाल में फंसकर उस महत्वपूर्ण खबर से भटक गया,जो वह प्रधान पाठक व सहायक शिक्षिक ा द्वारा किया जा रहा गलत कृत्य था,पत्रकार की गलती थी कि वह रिश्वतखोरी के मायाजाल में फंसा और जो जानकारी उसे मिली थी उसे उजागर करने की जगह उनके बिछाए जाल में फंस गया,पत्रकार पर नियम से जो कार्रवाई होनी थी वह पुलिस ने आनन-फानन में कर एकतरफा बिना जांच के मामले में उपरी दबाव के कारण एफ आईआर दिया,पर उस स्कूल के प्रधान पाठक व सहायक शिक्षक पर कार्यवाही कौन करेगा? जो शासन के नियमों के विरुद्ध अनुपस्थित छात्र की जगह दूसरे कक्षा की छात्रा से बोर्ड परीक्षा दिलवा रहे थे,जबकि उस स्कूल के पांचवी कक्षा में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या 3 है। जिसमें एक छात्र और दो छात्रा थी,एक अनुपस्थित थी जिसे उपस्थित दिखाकर दूसरे कक्षा के अपने स्कूल के छात्र से बोर्ड परीक्षा दिला गया,जिसका वीडियो भी उस पत्रकार ने बना लिया था,जो आज भी मौजूद है। इन प्रधान पाठक व सहायक शिक्षक पर कार्यवाही के लिए क्या शिक्षा मंत्री को आना पड़ेगा? या फिर उस जिले के शिक्षा अधिकारी कार्यवाही कर पाएंगे या फिर शिक्षा अधिकारी के सह पर ही ऐसा हो रहा था?
क्या जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर स्कूलों में अनुपस्थित बच्चों की जगह किसी को भी बैठाकर परीक्षा देने की अनुमति दी गई थी?
जिस तरह एक स्कूल का मामला सामने आया जहां अनुपस्थित छात्र की जगह अन्य कक्षा से छात्रा उसकी जगह परीक्षा दे रही थी और मामले को कहीं न कहीं दबाया गया और भले ही एक पत्रकार अपने लालच में कानूनी कार्यवाही का शिकार हुआ जिसे मामला उजागर करना था लेकिन सच जानकर भी जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नहीं की उक्त विद्यालय के शिर्क्षिकाओं पर। सवाल उठता है कि क्या जिला शिक्षा अधिकारी की अनुमति से पूरे जिले में ऐसा हो रहा था? वैसे अब तो परीक्षाएं समाप्त हो गई लेकिन एक जिले की पोल खोल गईं।
प्रधान पाठक ने अपनी गलतियों से बचने के लिए पत्रकार पर अनाधिकृत रूप से स्कूल में घुसने का लगाया आरोप
एक महिला एवं पुरूष के द्वारा 05 वीं की बोर्ड परीक्षा में परीक्षा केन्द्र में अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर विडियों बनाने एवं पैसे की शिकायत थाने में की गई,क्या यह शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से अनुमति लेकर की गई थी? वैसे प्रमिला तिग्गा प्रधान पाठक प्राथमिक शाला उधेनुपारा संकुल करजी वि0 खण्ड राजपुर की शिकायत के अनुसार 27.03.2025 दिन गुरूवार को कक्षा 05 वीं की केन्द्रीकृत वार्षिक परीक्षा चल रही थी तभी 09.30 बजे सुबह के आस-पास काले रंग की स्कार्पियों सीजी 15 बी 3648 में सवार होकर महिला सोमलता बेक तथा पुरूष अनिल मानिकपुरी स्कुल के अंदर परीक्षा के दौरान जबरन प्रवेश कर अपने आप को पत्रकार कहते हुये स्कूल के अंदर जाकर बिना अनुमति के वीडियो बनाने लगे मेरे द्वारा मना करने पर भी जबरन वीडियो बनाने लगे। आज पुनः दिनांक 29.03.2025 को सुबह लगभग 08.40 बजे अनिल मानिकपुरी के द्वारा मेरी साथी शिक्षिका नीलू केरकेटटा के मोबाईल पर फोन कर हम दोनों को स्कूल के बाहर मिलने के लिये बुलाया गया उसके बाद दोपहर लगभग 01.15 बजे राजपुर स्थित हरितिमा में मुझे तथा नीलू केरकेटा को बुलाकर अनिल मानिकपुरी तथा सोमलता बेक के द्वारा वीडियो को दिखाकर हमे संस्पेंड करा देने की बात कहते हुये जेल में सड़ जाओगे। 10 साल से उपर की सजा होगी कहकर दोनो से 50,000-50,000 रूपये मेरे से एवं नीलू केरकेटटा से मांग किये तब रूपये देने की का दबाव बनाते हुये अपने काले रंग के स्कार्पियो वाहन में हमें बैठाकर राजपुर महुआपारा लाये तब मैं महुआपारा स्थित शारदा फोटो कापी के संचालक को 25,000 रूपये फोन पे के माध्यम से आनलाईन ट्रांसफर कर 25,000 रूपये उनसे नगद प्राप्त करने के बाद मैं रूपये देने से पूर्व परिचित शिक्षक विनय पैकरा(शिक्षक व ढाबा संचालक) एवं नीरज तिवारी (राजनीतिक दल के बड़े नेता के बेटे) को सूचित की जो कुछ देर बाद मेरे पास आये उसके मैं थाना में आकर इसकी शिकायत दर्ज करा रही हूं। यह तो इनकी शिकायत थी पर यदि उसे वीडियो को देखा जाए तो किसी भी प्रकार का उसमें वीडियो बनाने की जबरदस्ती नहीं दिख रही है ऐसा लग रहा है कि शिक्षक-शिक्षिका सुरक्षा से ही है वीडियो बनवाए थे।
प्रधान पाठक व वहां की सहायक शिक्षक पर कार्यवाही करने की शिकायत कलेक्टर से…
कलेक्टर बलरामपुर को शिकायत किया गया है कि प्राथमिक शाला उधेनुपारा संकुल करजी विकासखण्ड राजपुर में कक्षा 5वीं की परीक्षा में किसी अन्य छात्रा को बैठाकर प्रधान पाठक प्रमिला तिग्गा एवं सहायक शिक्षिका नीलू केरकेट्टा के द्वारा परीक्षा दिलाया जा रहा था जो नियम विरुद्ध है जिसकी जांच के लिए शिकायत करते हुए कहा कि प्राथमिक शाला उधेनुपारा संकुल करजी विकासखण्ड राजपुर में दिनांक 27/03/2025 को कक्षा 5वी. का पर्यावरण विषय का परीक्षा संचालन किया गया था जिसमें प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक श्रीमती प्रमिला तिग्गा एवं सहायक शिक्षिका नीलू केरकेट्टा के द्वारा 5 वीं कक्षा की छात्रा सोनामती के स्थान पर उसी स्कूल की छात्रा अशिंका जो चौथी कक्षा में पढ़ती को उसको बैठाकर सोनामती के स्थान पर परीक्षा लिखवाया गया है। जिसके संबंध में परीक्षा देते समय का वीडियो बनाया गया एवं परीक्षा देने वाली बच्ची से उसका नाम पूछा गया तो उसने प्रधानपाठक श्रीमती प्रमिला तिग्गा एवं सहायक शिक्षिका नीलू केरकेट्टा के द्वारा यह बोला गया था कि उससे कोई भी तुम्हारा नाम पूछेगा तो अपना नाम सोनामती बताना जबकि उसका वास्तविक नाम अंशिका है और वह कक्षा चौथी की छात्रा है जिसे गलत एवं फर्जी तरीके से प्रधान पाठक प्रमिला तिग्गा एवं सहायक शिक्षिका नीलू केरकेट्टा ने 5 वीं कक्षा की छात्रा सोनामती के स्थान पर परीक्षा दिलाया उक्त शिकायत की वास्तविकता के लिये कक्षा चौथी की छात्रा अंशिका और कक्षा 5 वीं की सोनामती को बुलाकर उसके दस्तावेजो की जांच जैसे आधार कार्ड एवं मौखिक पूछताछ कर किया जा सकता है साथ ही साथ परीक्षा देते समय बनाये गये वीडियो की भी जांच की जा सकती है और प्रधान पाठक श्रीमती प्रतिमा तिग्गा और सहायक शिक्षिका नीलू केरकेट्टा के विरूद्ध गलत बच्ची को परीक्षा में सम्मिलित कराये जाने के संबंध में समुचित कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।
क्या पत्रकार अनुमति लेकर जाता तो इस बात का खुलासा हो पाता… खुलासा ना हो पाए इसीलिए अनुमति की बाध्यता है?
वैसे पत्रकार पर कार्यवाही यह कहकर भी की गई कि वह बिना अनुमति अनाधिकृत रूप से स्कूल में पहुंचकर वीडियो बना रहा था जबकि उसे अनुमति लेने की जरूरत थी,अब सवाल यह भी है कि यदि अनुमति लेकर पत्रकार जाता तो जिस बात का जिस भ्रष्टाचार का खुलासा होने वाला था वह हो पाता…क्या तब अनुपस्थित छात्र की जगह अन्य कक्षा की छात्रा परीक्षा देती नजर आती,सवाल का जवाब नहीं में होगा…इसलिए यह कहना कि अनुमति की बाध्यता इसलिए है क्योंकि गलती न पकड़ी जाए यह गलत नहीं होगा।
क्या अपने स्कूल के बोर्ड परीक्षा में उपस्थित दिखाने के लिए किसी से भी परीक्षा दिलाना सही है?
वैसे इस घटना के बाद सवाल यह उठता है कि क्या अपने स्कूल का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत दिखाने और सभी छात्रों को उपस्थित दिखाने अनुपस्थित किसी छात्र या छात्रा की जगह किसी अन्य कक्षा के छात्र छात्रा से परीक्षा दिलाना सही है? अब यदि ऐसा सही है तब तो सही है और यदि ऐसा गलत है तो निश्चित ही उक्त विद्यालय के शिक्षकों पर कार्यवाही होनी चाहिए,वैसे अब तो सवाल यह उठ रहा है कि क्या पूरे जिले में ऐसा चल रहा था?