- पार्टी कार्यक्रमों में कहीं नजर नहीं आते हारे हुए पार्षद प्रत्याशी,क्या ऐसा करना पार्टी पर दबाव बनाने की सोच है?
- पार्टी पर दबाव बनाकर हारे हुए पार्षद प्रत्याशी बनना चाहते हैं एल्डरमैन:सूत्र
- बैकुंठपुर विधायक पर बनाया है दबाव,एल्डरमैन बनाने के लिए विधायक को है सिफारिश:सूत्र
- जनता ने जिसे वार्ड पार्षद लायक नहीं समझा…क्या उसके लिए विधायक करेंगे पैरवी…क्या उसे एल्डरमैन के लिए करेंगे नामित?
- हारे हुए पार्षद प्रत्याशी वरिष्ठ भाजपा नेता पहले से भी हैं कई पदों पर क्या उसके बाद भी उन्हें मिलेगा एल्डरमैन का पद?
- भाजपा के अन्य हारे हुए 10 पार्षद प्रत्याशियों को भी क्या मिलेगा एल्डरमैन या अन्य पद का लाभ,यदि एक के लिए छूट तो अन्य के लिए भी क्यों नहीं छूट?

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,08 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के पटना नगर पंचायत के संपन्न हुए चुनाव में भाजपा ने अपना जहां अध्यक्ष बना लिया वहीं भाजपा ने उपाध्यक्ष सहित परिषद में अब पार्षदों के हिसाब से बहुमत भी अपना स्थापित कर लिया। नगर पंचायत के लिए संपन्न हुए चुनाव में वैसे तो 15 वार्ड के भाजपा के वार्ड पार्षद प्रत्याशियों में से केवल 5 ही चुनाव जीतकर आ सके थे वहीं अध्यक्ष भाजपा की जीत सकीं थीं लेकिन नव निर्वाचित अध्यक्ष की राजनीतिक समझ और रणनीति के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष की राजनीतिक कुशलता के कारण भाजपा ने नगर पंचायत में उपाध्यक्ष सहित अपने खेमें में अब कुल 8 पार्षद कर लिए हैं। भाजपा उपाध्यक्ष बना पाएगी ऐसा लग नहीं रहा था लेकिन जिलाध्यक्ष सहित नगर पंचायत अध्यक्ष के बेहतर रणनीति की वजह से उपाध्यक्ष पद भी भाजपा के पास आ गया वहीं इस चुनाव में जहां भाजपा को पार्टी के हिसाब से नगर में मजबूती मिली और पार्टी से नए लोग खासकर निर्वाचित लोग जहां जुड़े वहीं कुछ हारे हुए भाजपा के पार्षद प्रत्याशी भाजपा से या पार्टी से नाराज भी हुए।एक पार्षद पद के हारे हुए भाजपा पटना के वरिष्ठ नेता पार्टी से इतना नाराज चल रहे हैं कि वह पार्टी के कार्यक्रमों का ही बहिष्कार कर चुके हैं और कहीं भी पार्टी कार्यक्रमों में उनकी शिरकत नजर नहीं आ रही है। सूत्रों की माने तो वह फिलहाल ऐसा करके पार्टी पर और संगठन सहित विधायक पर दबाव बनाना चाहते हैं जिससे उन्हें एल्डरमैन का पद मिल सके और वह पिछले दरवाजे से नगर पंचायत में प्रवेश कर सकें। सूत्रों का दावा है कि हाल फिलहाल में पार्टी के जितने भी कार्यक्रम सम्पन्न हुए जिनमें प्रधानमंत्री का बिलासपुर आगमन,जिला स्तर पर बैठकें जिसमें बाहर से जिला प्रभारी भी उपस्थित हुए साथ ही पार्टी की मंडल स्तर की बैठकें और स्थापना दिवस पार्टी का के दौरान के कार्यक्रम में वह शामिल नहीं हुए। उन्होंने सभी कार्यक्रमों से दूरी बनाई हुई है।
जिन्हें नहीं मिला था पार्षद पद का टिकट जिन्होंने पार्टी के लिए चुनाव में किया है निस्वार्थ काम,एल्डरमैन के लिए उन्हें नामित करना ही पार्टी के हित में…
एल्डरमैन वैसे भी उन्हें बनाया जाता है जिन्हें टिकट नहीं मिलता और उन्हें मेहनत के लिए इस पद को ईनाम बतौर दिया जाता है,एक ही व्यक्ति को टिकट भी और फिर एल्डरमैन भी बनाना पार्टी के हित में नहीं माना जाएगा। पार्टी के हित में है कि वह अब नए चेहरों को मौका दे और संगठन समाज और समुदाय से ऐसे लोगों को नामित करे जो पार्टी के लिए समर्पित लोग हैं और जिन्हें उपकृत किए जाने की जरूरत है। उन्हें पार्टी को उपकृत नहीं करना चाहिए जिनका जनाधार ही शून्य हो चुका है।
एक व्यक्ति एक पद वाले फार्मूले पर भी पार्टी को करना चाहिए विचार
भाजपा को एक व्यक्ति एक पद वाले फार्मूले पर भी विचार करना चाहिए,हारे हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता को लेकर जनचर्चा यही है कि केवल उन्हें ही हर पद क्यों चाहिए। पार्टी में अन्य भी लोग हैं जिन्हें पद देना चाहिए और ऐसे में विधायक और संगठन को विचार करना चाहिए कि जिन्हें कोई पद मिल चुका है उन्हें दूसरा पद न दिया जाए। वैसे अस्पताल,कॉलेज और स्कूल में भी अलग अलग नियुक्तियों की मांग लोग विधायक से करने जायेंगे और एक व्यक्ति एक ही जगह की बात वह रखेंगे।
पहले दबाव देकर जबरन चुनाव लड़े और अब दबाव डालकर जबरन एल्डरमैन बनना चाहते हैं?
वैसे क्या हारे हुए पार्षद प्रत्याशी जबरन पहले दबाव देकर चुनाव लड़े और अब वह दबाव डालकर ही एल्डरमैन बनना चाहते हैं। वैसे माना ऐसा ही जा रहा है,पहले वह जबरन चुनाव लड़ने आगे आए और जीत का उन्होंने दावा किया बाद में जब परिणाम आया वह चुनाव हार गए,चुनाव हारने के बाद अब वह एल्डरमैन बनकर जिद पूरी करना चाह रहे हैं,वैसे उनकी मांग देखना है कि विधायक और संगठन पूरा करता है कि नहीं क्योंकि जनता उन्हें नगर पंचायत में नहीं देखना चाहती ऐसा सूत्रों का कहना है।
हारे हुए पार्षद प्रत्याशी भाजपा नेता को एल्डरमैन बनाने से पार्टी को होगा नुकसान,नगर के लोगों की नाराजगी का करना होगा सामना
सूत्रों का कहना है कि यदि हारे हुए पार्षद प्रत्याशी को एल्डरमैन बनाया जाता है पार्टी या विधायक की तरफ से उन्हें नामित किया जाता है तो पार्टी को नगर में नुकसान का सामना करना होगा ओर नगर के लोग जो आज पार्टी से जुड़ रहे हैं वह पार्टी से दूर चले जायेंगे,सूत्रों का कहना है कि नगर की अधिकाशं जनता अब हारे हुए भाजपा के पार्षद प्रत्याशी वरिष्ठ भाजपा नेता को नगर पंचायत में नहीं देखना चाहती।
क्या सभी पदों पर खुद बैठना चाहते हैं हार चुके पार्षद पद के प्रत्याशी वरिष्ठ भाजपा नेता,अभी भी हैं कई पदों पर विराजमान?
वैसे सवाल यह है कि क्या सभी पदों पर यह खुद बैठना चाहते हैं किसी को मौका नहीं देना चाहते हैं। सहकारी समिति के मुख्य पद पर यही विराजमान हैं मनोनीत हैं,कॉलेज में भी मनोनीत हैं बताया जाता है स्कूल में मनोनीत हैं और अस्पताल में भी इन्हीं की उपस्थिति होती है। इनके अलावा क्या पार्टी का कोई और योग्य नहीं है जो इन पदों को ले सके। विधायक को ध्यान देना होगा कि ऐसे नेताओं को यदि वह तवज्जो दे रहे हैं तो एक पद पर ही दें जब वह एक नहीं कई पदों पर विराजमान हैं तो इन्हें अब आगे के लिए पद नहीं देना चाहिए।
पिछले चुनाव में विधायक स्वेक्षानूदान मामले में इन्हीं के कारण विधायक हुए थे बदनाम मिली थी करारी हार
वैसे पिछले विधानसभा चुनाव में इन्हीं के कारण और इनके द्वारा ही परिवार भर के लोगों के नाम से विधायक स्वेक्षानूदान लेने के कारण विधायक बदनाम हुए थे और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। बता दें कि विधायक को इनको लेकर विचार करना होगा क्योंकि इस बार जहां इनका खिसक चुका जनाधार नगर पंचायत चुनाव में भी नजर आया वही इस बार पंचायत चुनावों में इन्हें कोई जिम्मा नहीं मिला और परिणाम पार्टी के पक्ष में आया,कुल मिलाकर इनका अब कोई जनाधार विशेष है जिससे इनका दवाब लेना चाहिए ऐसी मजबूरी न तो पार्टी के हिसाब से है न विधायक के लिए ही है,वहीं नगर के लोग वैसे भी इन्हें अब नगर पंचायत से दूर देखना चाहते हैं।
पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाकर संगठन और विधायक पर बना रहे दबावःसूत्र
सूत्रों का कहना है कि हारे हुए पार्षद प्रत्याशी भाजपा के वरिष्ठ नेता आजकल पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाकर चल रहे हैं,ऐसा करके वह संगठन और विधायक पर दबाव बना रहे हैं,प्रधानमंत्री के बिलासपुर आगमन पर,पार्टी के जिला स्तर के कार्यक्रमों बैठकों में वहीं मंडल स्तर की बैठकों सहित स्थापना दिवस पार्टी के कार्यक्रमों में वह नदारद थे। उनकी तरफ से पार्टी और विधायक को यह इशारा है कि उन्हें एल्डरमैन बनाया जाए वरना वह पार्टी से दूरी बना लेंगे। सूत्रों के अनुसार वह इस समय इसी जुगत में लगे हैं कि पार्टी और विधायक उनके प्रति झुकाव साबित करें।
क्या हारे हुए पार्षद प्रत्याशी जनाधार विहीन भाजपा नेता के लिए पार्टी एवं विधायक जाहिर करेंगे झुकाव?
वैसे भाजपा के हारे हुए जनाधार विहीन नेता के लिए क्या पार्टी और विधायक झुकाव जाहिर करेंगे। ऐसा सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि पार्टी के 15 में से 10 पार्षद प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं और यदि एक किसी को एल्डरमैन बनाया जाता है तो फिर अन्य 9 के साथ अन्याय होगा।अब देखना है कि जिसे नगर के एक वार्ड की जनता ने ही नकार दिया घर बैठा दिया उसके लिए विधायक और पार्टी क्या झुकाव साबित करेंगे उन्हें एल्डरमैन के लिए नामित करेंगे।
क्या एल्डरमैन का पद हारे हुए भाजपा पार्षद प्रत्याशी की जिद है?
वैसे वह संगठन पर और विधायक पर दबाव भले बना रहे हैं नगर पंचायत में पिछले दरवाजे से जाने के लिए और एल्डरमैन बनकर जाने के लिए लेकिन नगर के ही लोगों की माने तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि उनकी इससे और छवि धूमिल होगी क्योंकि जब उन्हें एक वार्ड की जनता ने ही नगर पंचायत नहीं जाने योग्य माना और उन्हें पराजित कर दिया तो ऐसे में उन्हें पिछले दरवाजे से नगर पंचायत में नहीं जाना चाहिए। वहीं उनकी नाराजगी इतनी है कि वह धार्मिक आयोजनों में भी नहीं जा रहे हैं और वहां भी नहीं जा रहे हैं यह वहां भी नजर नहीं आ रहे हैं जहां वह खुद धार्मिक किसी स्थल के सर्वेसर्वा हैं। उनकी नाराजगी जहां एक वार्ड जहां से वह हारे हैं वहां के लोगों से जहां होनी चाहिए थी बताया जा रहा है कि उन्होंने पूरे नगर से नाराजगी पाल ली है और पार्टी के लोगों से खासकर वह ज्यादा नाराज हैं। अब उनकी उम्मीद और उनका दबाव स्थानीय विधायक पर है जिनसे वह खुद को पिछले दरवाजे से नगर पंचायत में प्रवेश के लिए अड़े हुए हैं और विधायक भी बताया जा रहा है असमंजस में हैं। वैसे देखने वाली बात यह होगी यदि सूत्रों का कहना सही है कि एल्डरमैन का पद हारे हुए भाजपा पार्षद प्रत्याशी की जिद है विधायक से तो क्या विधायक क्या एक जनाधार विहीन किसी भाजपा नेता के लिए उसकी यह जिद पूरी करने में मदद करते हैं।
पार्षद का चुनाव हारकर भी बनना है एल्डरमैन, विधायक पर भाजपा नेता ने बनाया है दबाव:सूत्र
पार्षद पद का चुनाव हारकर भी भाजपा के वरिष्ठ नेता को एल्डरमैन बनना है ऐसा सूत्रों का दावा है,बताया जा रहा है इसके लिए उन्होंने विधायक पर दबाव बनाया है,भाजपा नेता किसी भी हाल में एल्डरमैन बनना चाहते हैं और पिछले दरवाजे से वह नगर पंचायत में जाना चाहते हैं। उनकी ऐसी जिद के पीछे की वजह भी सूत्रों के द्वारा बताई जा रही है वहीं उनके इस जिद की आलोचना भी हो रही है क्योंकि सूत्रों का कहना है कि उन्हें नगर पंचायत में जनता भी नहीं देखना चाहती और उनका नगर पंचायत में जाना पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित होगा।
ठेकेदारी के लिए एल्डरमैन बनना चाहते हैं भाजपा के हारे हुए पार्षद प्रत्याशी
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के हारे हुए पार्षद प्रत्याशी व वरिष्ठ भाजपा नेता ठेकेदारी के लिए एल्डरमैन बनना चाहते हैं। पंचायत रहते उन्होंने पटना में काफी काम किया हुआ है और वह चूंकि पार्षद पद का चुनाव हार गए इसलिए अब वह पिछले दरवाजे से नगर पंचायत में जाना चाहते हैं और ठेकेदारी करना चाहते हैं। उनकी मंशा न सेवा है न ही पार्टी की मजबूती है उनकी मंशा स्वार्थ से पूर्ण है यह नगर के लोगों का भी मानना है । वैसे अंदर ही अंदर उनका नगर में काफी विरोध है ऐसा भी सूत्रों का दावा है ।