सूरजपुर@क्या घोटालेबाज व अपराधी किस्म के व्यक्ति के भरोसे सांवारावा धान खरीदी केंद्र में हुई धान खरीदी?

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-शमरोज खान-
सूरजपुर,12 मार्च 2025 (घटती-घटना)। जिला सूरजपुर के ओड़गी ब्लॉक का सांवारावा धान खरीदी केंद्र काफी सुर्खियों में है,यहां पर भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष के पसंद के धान खरीदी केंद्र प्रभारी बनाए गए हैं, ऐसा सूत्रों का कहना है जिसे धान खरीदी का जिम्मा मिला हुआ है वह कई तरीके से अपराधी प्रवृत्ति के माने जाते हैं,क्योंकि 3 अपराध भी उनके नाम दर्ज है एक तो धान खरीदी केंद्र में गड़बड़ी का मामला भी न्यायालय में लंबित है, दो खाते में कई किसानों का धान खुद ही बेचते हैं ऐसी शिकायत आने पर जब जांच की बारी आई तो उस मामले को गड़बड़ी का नाम देकर मानवीय त्रुटि बताया गया,पर सवाल यही खत्म नहीं होता मानो त्रुटि में एक दो नाम चढ़ सकते थे पर 20-21 किसानों के नाम चढ़ना कहीं ना कहीं गड़बड़ी जानबूझकर की जाने की तरफ इशारा करती है, 2 खाते में 21 किसानों के धान खरीदी के जांच का जिम्मा तहसीलदार को मिला था क्या वह भी इस सामने सेट हो गए? जिस वजह से वह निष्पक्ष जांच नहीं कर पाए? सांवारावा धान खरीदी प्रबंधक रिजवान काफी सुर्खियों में रहते हैं कभी बुलेट शोरूम में घुसकर कुलदीप जैसा हत्यारा बनने को कहते हैं हुए शोरूम संचालक को धमकी देते हैं तो कभी वाहन चालक जो उनसे रसीद मांगता है उसे भी वह गाली-गलौज करते हैं और अपने रंगदारी झाड़ते हैं।
सब जगह एक किसान का एक खाता होता है…पर रिजवान के प्रभार वाले धान खरीदी केंद्र में दो खाते में कई किसान होते हैं…कैसे?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो कोऑपरेटिव बैंक के खाते हैं जिसमें तकरीबन 21 किसान है जबकि हर किसान के अलग-अलग खाते होते हैं पर रिजवान की धान खरीदी केंद्र में एक खाते में 9 किसान और एक खाते में 12 किसान होने की जानकारी मिली है यह जानकारी सूत्रों ने बैक स्टेटमेंट के साथ उपलब्ध कराई है जिसमें जांच भी हो रही थी और इस जांच में सूत्रों का दावा है कि तहसीलदार को भी सेट करने में रिजवान सफल हो गए और यह बताया गया की गलती से किसानों का नाम उसमें एंट्री हो गया था पर सवाल यह उठता है कि एक दो किसान के नाम एंट्री होते तो समझ में आते पर इतने सारे किसानों का नाम कैसे उसमें धोखे से एंट्री हो सकता है क्या तहसीलदार साहब भी इस जांच को प्रभावित कर गए रिजवान के पैसे वह नेताओं के संरक्षण में?
धान लोड करने के बाद कागज मांगने पर नहीं पहुंचे धान खरीदी केंद्र के प्रभारी और लगातार फोन करने पर ड्राइवर से की गाली-गलौज
धान खरीदी केंद्र सावारावा के प्रभारी के ऊपर नया आरोप लगा है जो एक ट्रक वाले ने लगाया है जिसके अनुसार उसने धान खरीदी केंद्र से उठाव का धान ट्रक में लोड किया और फिर प्रभारी को फोन लगाया प्रभारी पहले तो आए नहीं और कागज नहीं दिया और कई बार जब फोन किया तब उन्होंने ट्रक वाले को गाली गलौज कर धमकी दी। कुल मिलाकर वह एक तरह से ट्रक वाले को उसका काम नहीं करने देना चाहते हैं।
2021-22 की धान खरीदी में गड़बड़ी के बाद भी क्यों बनाया क्या इन्हें धान खरीदी केंद्र का प्रभारी?
2021-22 में यही रामपुर धान खरीदी केंद्र के प्रभारी थे जहां पर इन्होंने धान खरीदी में गड़बड़ी की थी यह गड़बड़ी भी काफी व्यापक स्तर की थी,जिस वजह से 2 साल के लिए धान खरीदी से इन्हें दूर कर दिया गया था,जिसे लेकर मामला भी न्यायालय में लंबित बताया जा रहा है,पर वही 2 साल के बाद फिर से इन्हें सांवारावा धान खरीदी केंद्र का प्रभारी बनाकर भेजा गया है वह भी एक भाजपा नेता की सिफारिश पर, वहीं सवाल यह उठता है कि जिसके ऊपर धान खरीदी की गड़बड़ी का मामला पाया गया उसी को फिर से दूसरे धान खरीदी केंद्र का प्रभारी क्यों बनाया गया? क्या विपणन में गड़बड़ी करने वाले को ही धान खरीदी केंद्र का प्रभारी बनाने का नियम है? जैसा कि रिजवान को रामपुर धान खरीदी केंद्र में गड़बड़ी के बाद सांवारावा में गड़बड़ी करने का जिम्मा दे दिया गया?
क्या भाजपा नेता के लिए अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति ही होते हैं चहेते?
सवाल यह उठ रहा है कि यदि धान खरीदी केंद्र सांवारावा के प्रभारी अपराधी प्रवत्ति के हैं तो उन्हें क्यों जिम्मा खरीदी का दिया गया। सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि यह बात सही है कि अपराधी प्रवृति के व्यक्ति को धान खरीदी केंद्र का प्रभारी बनाए जाने के पीछे भाजपा नेता की मंशा है? तो क्या भाजपा नेता को कोई और नहीं मिल पा रहा है उन्हें अपराधी ही मिल रहा है खरीदी केंद्र प्रभारी बनाए जाने के लिए? सवाल भाजपा के उस नेता से जिसके कारण एक अपराधी धान खरीदी केंद्र का प्रभारी बना हुआ है?


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