रायपुर@छत्तीसगढ़ विधानसभा में रामा बिल्डकॉन के जमीन आबंटन का मामला गरमाया

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रामा बिल्डकॉन को जमीन आबंटन के मामले में राजस्व मंत्री को सत्ता पक्ष के विधायक ने घेरने का किया प्रयास…मंत्री ने दिया गोलमोल जवाब…

रायपुर,05 मार्च 2025 (ए)। राजधानी रायपुर के अमलीडीह में रामा बिल्डकॉन को सरकारी जमीन आबंटित किये जाने का मुद्दा भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने प्रश्नकाल में उठाया। इस दौरान राजस्व मंत्री ने आबंटन निरस्त करने की बात तो कही मगर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया।
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने पूछा- जमीन आबंटन निरस्त होने के कारण क्या है? जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- मंत्रिमंडल में नियम में बदलाव की वजह से आबंटन निरस्त कर दिया गया था। जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई थी, बल्कि प्रक्रियाधीन थी, इस दौरान कैबिनेट का फैसला आ गया, जिसके बाद जमीन का आवंटन नहीं किया गया। धरमलाल कौशिक ने इस दौरान जानना चाहा कि 56 करोड़ रुपए पटाया जाना था लेकिन सिर्फ 9 करोड़ रुपए की राशि जमा की गई थी। अधिकारियों ने जो इस तरह से काम किया था उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? धरमलाल कौशिक ने कहा कि भूमि का आबंटन रामा बिल्डकॉन को किया गया था। यह जवाब दिया गया है, मगर भूमि रिकॉर्ड में किसके नाम पर है? जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि भूमि का आबंटन की प्रक्रिया चल रही थी। संबंधित पक्ष ने राशि नहीं पटाई गई थी। शासन ने आबंटन निरस्त कर दिया था। राजस्व मंत्री ने कहा- आबंटन कलेक्टर के द्वारा किया जाता है, जब राशि पटाई जाती है। राशि जमा करने के पूर्व ही आबंटन रद्द कर दिया गया था। रिकॉर्ड में भूमि शासन के नाम पर ही दर्ज है। कलेक्टर द्वारा डिमांड लेटर दिया ही नहीं गया था। रामा बिल्डकॉन को जमीन के आबंटन के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था और इसका स्थानीय निवासियों के साथ ही कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने भी विरोध किया था। तब बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे। मगर संभागायुक्त द्वारा की गई जांच के बाद मामले ठन्डे बास्ते में चला गया। आरोप लग रहे हैं कि अफसरों को बचाने की नियत से गोलमोल रिपोर्ट दी गई है। ऐसा ही कुछ विधानसभा में नजर आया, जहां राजस्व मंत्री ने नए नियम का हवाला देते हुए केवल आबंटन निरस्त किये जाने की जानकारी देकर बात को खत्म कर दिया।
सदन में सर्पदंश मुआवजा घोटाले का मुद्दा गरमाया, जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज सर्पदंश से होने वाली मौतों और उसके मुआवजे में हो रहे संभावित घोटाले का मुद्दा गरमाया। भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने सरकार से पूछा कि जशपुर को नागलोक कहा जाता है,जहां सर्पदंश से सबसे ज्यादा मौतें होती है, लेकिन विधानसभा में जो आंकड़े आये हैं, उसमें जशपुर से ज्यादा बिलासपुर में मौत के बाद मुआवजा राशि वितरित करने की बात कही गयी है।
मंत्री ने दिया जांच का आश्वासन
जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने इसकी जांच की घोषणा की है। सुशांत शुक्ला ने ये भी कहा कि मुआवजा दिलाने के लिए एक रैकेट सक्रिय है, जो गलत तरीके से मुआवजा दिलाने का काम करता है। इन बातों पर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि अभी तक ये मामला संज्ञान में नहीं आया है, अगर उनके पास इस संबंध में कोई साक्ष्य है, तो वो उसे उपलब्ध करा दें। उसकी वो जांच करा लेंगे।
बिलासपुर में 431 मौतें, जशपुर में सिर्फ 96
सर्पदंश से मृत्यु पर मुआवजा चार लाख प्रति व्यक्ति दिया जाता है। सर्पलोक जशपुर में सर्पदंश से मात्र 96 लोगों की मौत के आंकड़े आये हैं, जबकि बिलासपुर में सर्पदंश से 431 लोगों की मौत हुई है। विधायक ने सर्पदंश मृत्यु मुआवजा में करोड़ों रुपए के घोटाले की बात कही।
मुआवजे की प्रक्रिया पर भी सवाल
इस सवाल के सप्लीमेंट्री सवाल पर धर्मजीत सिंह ने जानना चाहा कि किसी व्यक्ति की अगर सर्पदंश से मृत्यु हो जाती है, तो उसे मुआवजा पाने के लिए किन प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। जवाब में मंत्री ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सर्पदंश की पुष्टि होती है, जिसके बाद मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होती है।
प्रश्नकाल के 30 मिनट पहले नेता प्रतिपक्ष को मिला प्रश्न का उत्तर,अफसरों पर भड़के महंत… इसे कैसे पढ़ढ़कर मैं सवाल पुछूंगा,स्पीकर ने भी दे डाली सत्तापक्ष को नसीहत
छत्तीसगढ़ विधानसभा के 7वें दिन बुधवार को भारतमाला प्रोजेक्ट का मुद्दा गूंजा। राजस्व विभाग के प्रश्नकाल शुरु होते ही पहला सवाल चरणदास महंत का था। प्रश्नकाल प्रारंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष का ध्यान जवाबों का पुलिंदा दिखाते हुए खींचा कि 30 मिनट पहले राजस्व विभाग ने जवाब भेजा है, अब इसे कैसे पढ़कर मैं सवाल पुछूंगा। उन्होंने इस पर गंभीर आपत्ति जताई। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों का यह रवैया ठीक नहीं है। सदस्यों को अगर टाईम पर जवाब नहीं मिलेगा तो फिर वे इस पर सवाल कैसे पुछूंगा। जिस पर स्पीकर डॉ.रमन सिंह ने राजस्व विभाग के इस आचरण पर चिंता जताई।
मुआवजे की राशि में करोड़ों का घोटाला, मंत्री ने दिए जांच के निर्देश
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज सातवां दिन है। बजट सत्र के सातवें दिन राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। इस घोषणा के तहत बिलासपुर और जशपुर में सर्पदंश से हुई मौतों के मुआवजे की जांच की जाएगी। बीजेपी विधायक सुशांत शुक्ला ने इस मामले पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि सर्पदंश मृत्यु के मुआवजे में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। इस मुद्दे को लेकर सदन में गंभीर सवाल उठाए गए, जिससे मुआवजे की प्रक्रिया और जांच की आवश्यकता पर बल दिया गया है। यह कदम मुआवजे की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और घोटाले की संभावना को खत्म करने के लिए उठाया गया है।


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