- वोटर लिस्ट में गड़बड़ी से लेकर वोटिंग प्रतिशत तक,राजनीतिक दलों की शिकायतों को दूर करेगा चुनाव आयोग…
- वोटर लिस्ट से नाम काटने के मसले का भी आयोग करेगा समाधान…
- नए सीईसी की जिम्मेदारी संभालने के बाद ऐक्शन में ज्ञानेश कुमार
- वोटर लिस्ट तैयार करने वाले ईआरओ भी मीटिंग में होंगे शामिल…
नई दिल्ली,02 मार्च 2025 (ए)। केरल कैडर के 1988 बैच के रिटायर्ड आईएएस ज्ञानेश कुमार के 19 फरवरी को भारतीय चुनाव आयोग के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के बाद 4 और 5 मार्च को दिल्ली में ऑल इंडिया सीईओ मीटिंग बुलाई गई है। सीईसी का पद संभालने के बाद ज्ञानेश कुमार की यह देश के तमाम सीईओ के साथ पहली मीटिंग होगी। जिसमें वोटर लिस्ट अपडेट करने से लेकर चुनाव कराने के बीच जो-जो भी दिक्कतें आती हैं या इस सिस्टम को और कैसे बेहतर किया जा सकता है। इसके लिए सभी से सुझाव भी मांगे जाएंगे।
देशभर के चुनाव अधिकारी होंगे शामिल
सूत्रों का कहना है कि यह मीटिंग इसलिए अहम मानी जा रही है क्योकि इस मीटिंग में पहली बार केवल देश के तमाम राज्यों के सीईओ यानी चीफ इलेक्ट्रॉल ऑफिसर ही नहीं बुलाए गए हैं बल्कि वोटर लिस्ट को तैयार करने में अहम योगदान देने वाले ईआरओ यानी इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर और डीईओ यानी डिस्टि्रक्ट इलेक्शन ऑफिसरों को भी बुलाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार इस मीटिंग में वोटर लिस्ट तैयार करने में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान के बारे में भी पैन इंडिया स्तर पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। ताकि इसमें और अधिक से अधिक पारदर्शिता लाई जा सके। खासतौर से वोटर लिस्ट में वोटरों के नाम जोड़ने और काटने को लेकर जिस तरह से महाराष्ट्र और दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग भारी विवादों में रहा था।
नए सीईसी से काफी उम्मीदें
नए सीईसी ज्ञानेश कुमार 26 जनवरी 2029 को रिटायर होंगे। उनके कार्यकाल में शायद ही लोकसभा चुनाव हों, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से सीईसी ज्ञानेश कुमार नए-नए आइडियों को साथ लेकर काम कर रहे हैं। उससे उम्मीद है कि भविष्य में जो भी चुनाव होंगे, चाहे वह किसी राज्य के विधानसभा चुनाव
हों या फिर लोकसभा चुनाव। उनमें कभी वोटर लिस्ट को लेकर तो कभी वोटर टर्न आउट बढ़ने और समय पर अपडेट ना होने तो कभी ईवीएम या उसकी बैटरी में गड़बड़ी होने जैसे मसलों को लेकर आयोग विवादों में रहा है।इन विवादों को पैदा करने वालों को आयोग काफी हद तक संतुष्ट करने में कामयाब होने पाए। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि आयोग अभी भी पूरी पारदर्शिता के साथ काम करता है लेकिन फिर भी इसमें बीच-बीच में जिस किसी को संदेह होता है। उन्हें दूर करने की और भरसक कोशिश की जाएगी। इसके लिए सब मिलकर प्रयास करेंगे तो चीजें और बेहतर होंगी।
भविष्य में समस्याओं से मुक्ति की योजना
आयोग चाहता है कि भविष्य में फिर से इस तरह की कोई समस्या सामने ना आने पाए। इसलिए वोटर लिस्ट अपडेट करते वक्त विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और आम लोगों को इसके लिए मैक्सिमम स्तर पर संतुष्ट करने का भी प्लान तैयार करने पर बात की जाएगी। जिसमें वोटर लिस्ट से अगर किसी वोटर का जोड़ना है या खासकर काटना है तो उस वोटर को इस बारे में 100 फीसदी यह पता होना ही चाहिए कि उसका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है, फिर वह किसी भी आधार पर काटा गया हो।
वोटर लिस्ट से नाम कटने पर आएगा मैसेज
सूत्रों का कहना है कि इसके लिए हो सकता है कि आने वाले समय में वोटर लिस्ट से नाम काटे गए वोटरों के पास मोबाइल फोन पर मैसेज और मेल समेत अन्य माध्यम से सूचना देकर उन्हें इसके बारे में तुरंत जानकारी दी जाए। ताकि अगर किसी वास्तविक वोटर का नाम वोटर लिस्ट से कट भी गया है तो वह समय रहते चैलेंज करके अपना नाम फिर से वोटर लिस्ट में जुड़वा सके। सूत्रों का कहना है कि मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा होने की उम्मीद है कि जिस भी बालिग का जब एक बार वोटर कार्ड बन गया और अगर किन्हीं कारणवश वह दूसरे इलाके या राज्य में शिफ्ट करता भी है तो उस वोटर का वोटर कार्ड नंबर एक ही रहे। यानी हर वोटर का एक यूनिक नंबर हो सकता है क्या। इसके अलावा दो दिवसीय इस मीटिंग में कई और अहम मसलों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। ताकि वोटर लिस्ट अपडेट करने से लेकर चुनाव कराने तक आयोग किसी भी कंट्रोवर्सी में ना रहे।