- क्या गैर पार्टी समर्थित निर्वाचित सदस्यों के दम पर भाजपा अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनाने का भर रही है दम?
- क्या भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को हराने वाला भाजपा के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी के समान?
- हारे हुए भाजपा समर्थित प्रत्याशी कोस रहे हैं भाजपाइयों को, और हराने वाले गैर पार्टी समर्थित जीतकर आए सदस्य भाजपा को भा रहे हैं ज्यादा?
- भाजपा में शुरू होगी अंदरूनी कलह,अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर अभी से ही शुरू हो गई है जोड़ तोड़…
- मोहित बनाम जिलाध्यक्ष… सौभाग्यवती बनाम विधायक…क्या यही है जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशियों को लेकर सरगर्मी?
- मोहित भाजपा के नए सिपाही तो वहीं सौभाग्यवती भाजपा की पुरानी सिपाही दोनों में से किस पर भाजपा जताएगी सहमति व एकजुटता?
- यदि नए को मिला मौका तो पुरानी कर्मठ कार्यकर्ता आ सकते हैं बगावत में,सूत्र
- क्या अभी भी भाजपा से छीना जा सकता है जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज क्या ऐसा कोई संयोग होगा या है उम्मीद?
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–रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर,01 मार्च 2025 (घटती-घटना)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो चुका है अब जोर आजमाइश जिला पंचायत व जनपद पंचायत में अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनाने को लेकर चल रही है, भाजपा जिला पंचायत में तो अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने की तरफ आगे बढ़ रही है ऐसा उसका दवा भी है क्योंकि उनके पास भाजपा के पांच समर्थित चुनाव जीतकर आए सदस्य हैं पर वही दो गैर पार्टी समर्थित जीतकर आए सदस्य भी भाजपा के पास जा रहे हैं, जो लगातार सोशल मीडिया में फोटो वायरल से लेकर तमाम खबरों के माध्यम से जाना जा रहा है पर यदि देखा जाए तो भाजपा का कद भी कहीं न कहीं घटा है, क्योंकि भाजपा गैर पार्टी समर्थित जीतकर आए सदस्यों का स्वागत कर रही है जो भाजपा के प्रत्याशियों को पटकनी देकर जीतकर आए हैं, मतलब कि अपने ही पार्टी के समर्थित प्रत्याशी को पटकनी देने वाले का स्वागत भाजपा जोर-जोर से कर रही है, अब यह भाजपा का स्वार्थ है या फिर जिला पंचायत में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने की एक रणनीति है? वहीं क्या यह पूर्व नियोजित कोई एक प्लान बी है जिसपर भाजपा काम कर रही थी? वह तो भाजपा जाने पर वही पार्टी समर्थित हारे हुए प्रत्याशी इस घटनाक्रम से दुखी हैं और अपनी व्यथा भी सोशल मीडिया पर बताने लगे हैं और बताना भी चाहिए क्योंकि उनका मनोबल कहीं ना कहीं भाजपा ने गैर पार्टी समर्थित से जीतकर आए सदस्यों को तत्काल अपने पार्टी में शामिल कर लिया है और अपनी पीठ थपथपा रहे हैं भाजपा के बड़े नेता, तो वहीं इस वजह से भाजपा के अंदरखाने में आलोचना के साथ कमजोरी भी बनने वाली है जो आगामी 2028 में देखने को मिलेगी। भाजपा ने तो एक ऐसे अपने बागी जिला सदस्य को फिर से सम्मानपूर्वक भाजपा में लाया है जिसे लेकर चुनाव के दौरान भाजपाइयों व प्रत्याशियों के बीच सड़क पर मारपीट की भी स्थिति निर्मित हो गई थी मामला थाने तक भी पहुंच गया था भाजपाइयों के ऊपर बड़े आरोप लगाए गए थे, बताया जा रहा है कि प्राथमिकी में भी भाजपाइयों के नाम दर्ज है जिसमें प्रत्याशी की शिकायत पर सारी चीज देखने को मिली थी, पर ऐसी घटनाओं के बाद भाजपा के जिलाध्यक्ष का कहीं ना कहीं अपने भाजपाइयों का मनोबल गिराने वाला यह निर्णय माना जा रहा है। जहां गैर पार्टी समर्थित सदस्यों के साथ भाजपा पूर्ण बहुमत से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जिला पंचायत में बनाने का दावा कर रही है तो वहीं जनपद में स्थिति काफी अलग है। जनपद की स्थिति यह है कि भाजपा दूर-दूर तक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाती नजर नहीं आ रही है वहीं गोंडवाना या गैर पार्टी समर्थित जनपद सदस्यों का अहम रोल इस बार रहने वाला है ।
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जिला पंचायत में अध्यक्ष की दावेदारी भी पड़ सकती है खटाई में
जिला पंचायत में पूर्ण बहुमत के साथ अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनाने का दावा भाजपा कर रही है, और गैर पार्टी समर्थित सदस्यों को साथ लेकर यह दावा भाजपा का है, लगातार गैर पार्टी समर्थित सदस्यों का सम्मान भाजपा कर रही है गैर पार्टी समर्थित सदस्यों का सम्मान ऐसा हो रहा है जैसे कि भाजपा समर्थित जीते हुए सदस्यों का भी नहीं हुआ होगा, भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को हराने वाले गैर पार्टी समर्थित जीतकर आए सदस्य इस समय भाजपा के लिए देवतुल्य हैं और हारे हुए भाजपा समर्थित प्रत्याशी इस समय असुर लगने लगे हैं। क्योंकि अभी स्वार्थ की राजनीति है और अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनाना उपलब्ध है, इसीलिए उपलब्धियां हासिल करने के लिए असुरों को भी देवतुल मनना गलत नहीं होगा? इतना सब कुछ होने के बाद भी भाजपा के लिए अध्यक्ष पद अभी भी सुरक्षित नहीं है, यह माना जा रहा है ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि संगठन की पसंद अध्यक्ष पद के लिए अलग है तो वहीं वर्तमान विधायक की पसंद जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अलग है, संगठन जिसे जिला पंचायत का अध्यक्ष बनाना चाह रही है उसकी उपलब्धि इतनी है की पहली बार में उसने किसी कांग्रेस के बड़े नेता को चुनाव हराया है, इस उपलब्धि पर उसे अध्यक्ष की कुर्सी पर नवाजने की तैयारी है तो वहीं दूसरी महिला नेत्री है जो वर्तमान विधायक की पसंद है पर संगठन के लिए लंबे समय से अपना काम करते आ रही है कई बार की निर्वाचित जनप्रतिनिधि है अभी तक उन्होंने हार का मूह नहीं देखा है भाजपा के लिए दृढ़ता के साथ काम करना ही उनका उद्देश्य रहा है। यही वजह है कि अध्यक्ष पद को लेकर असमंजस की स्थिति बगावत भी पैदा कर सकती है। विधायक की पसंद को लेकर एक बात और है वह है कि वह एक ऐसी आदिवासी नेत्री हैं जो भाजपा के लिए सबसे ज्यादा समर्पित रही हैं और उन्हें कांग्रेस शासनकाल में भी बदलते नहीं देखा गया था।
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जिलाध्यक्ष बनाम मोहित व सौभाग्यवती बनाम वर्तमान विधायक भईया लाल राजवाड़े देखा जा रहा है
सूत्रों का दवा है की भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष कि सामने सिर्फ 2028 दिख रहा है जिसे देखते हुए वह कांग्रेस से भाजपा में शामिल होकर पहली बार चुनाव जीतने वाले मोहित पैकरा पर उनका जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का रुझान जाता है उनका कहना है कि जिसने कांग्रेस के दिग्गज नेता को हराया है उसकी योग्यता आगे चलकर भाजपा के लिए 2028 में सफलता दिला सकती है, पर वही वर्तमान विधायक की पसंद सौभाग्यवती इसलिए हैं क्योंकि वह नेत्री को शुरू से ही भाजपा के लिए समर्पित देख रहे हैं और कई चुनाव उसने भाजपा के लिए लड़ा है कहा जाता है कि सरपंच से लेकर जनपद व जनपद से लेकर जिला चुनाव उन्होंने भाजपा समर्थित होकर लड़ा है और जीता है, जनपद में भी वह अध्यक्ष निर्वाचित हो चुकी हैं और अब जिला पंचायत में भी पहली बार में ही अध्यक्ष निर्वाचित होना चाह रही हैं इसलिए उनकी उपल्ब्धता भाजपा के लिए ज्यादा जरूरी है और काफी अनुभवी नेत्री हैं इसीलिए उनका जिला पंचायत अध्यक्ष बना ज्यादा जरूरी माना जा रहा है।
क्या अभी भी ऐसी संभावना है कि भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी खीसक सकती है?
क्या अभी भी ऐसी संभावना है कि भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी से दूर हो सकता है? तो इस सवाल का जवाब है हां भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी खसक सकती है, यदि कोई अच्छा नेता इसकी कैंपेनिंग करें और भाजपा की फूट को हथियार बनाएं तो ऐसा संभव है पर ऐसा संभव तब होगा जब टुकड़ों में बटी कांग्रेस एक हो पाएगी पर उससे बड़ा असंभव तो यह है कि टुकड़ों में बटी कांग्रेस एक नहीं हो सकती, क्योंकि वहां तो एक दूसरे को हराने की प्रतिस्पर्धा चल रही है जो अगले विधानसभा 2028 में भी देखने को मिलेगी पर अभी भी कांग्रेस में तीन ऐसे नेता हैं जो भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी खींच सकते हैं। आवर्ती नेता कौन है यह जनता के दिमाग व भाजपा कांग्रेस के लोगों के लिए सोचनीय विषय है… और याददाश्त पर दिमाग की परीक्षा भी।