अंबिकापुर, 01 मार्च 2025 (घटती-घटना)। अम्बिकापुर की नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत के द्वारा दिये गये नफरती बयान के विरोध में आज कांग्रेस के सैकडो कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के नेतृत्व में राजीव भवन से कोतवाली तक रैली निकाल एफ0आई0आर0 दर्ज करने के लिये आवेदन दिया है। मंजूषा भगत के द्वारा दिये गये नफरती बयान को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता आक्रोशित थे। कांग्रेस इस बात से आक्रोशित है कि मंजूषा भगत ने न केवल पूर्ववर्ती आदिवासी महापौर और कांग्रेस के कार्यकाल को अशुद्ध कहा, साथ ही साथ उन्होंने मां महामाया कि नगरी अम्बिकापुर के भी अशुद्ध होने की बात कहकर पूरे अम्बिकापुर शहर और यहां के सम्मानित नागरिकों का अपमान किया है। कांग्रेस मंजूषा भगत का बयान सार्वजनिक होने के उपरांत ही कांग्रेस के द्वारा उनसे सार्वजनिक माफी की मांग की थी। ऐसा नहीं होने पर आज कांग्रेस ने रैली निकाल कोतवाली अम्बिकापुर को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिये आवेदन दिया है। कांग्रेस यह मानती है कि मंजूषा भगत का बयान निगम में कांग्रेस के कार्यकाल और महापौर डॉ. अजय तिर्की के साथ ही भाजपा से महापौर रहे प्रबोध मिंज के प्रति अस्पृश्यता एवं धार्मिक भेदभाव की भावना से परिपूर्ण होकर एक नफरती बयान है। यह बयान कहीं न कहीं भाजपा की आदिवासियों के प्रति हीनभावना को प्रदर्शित करता है। यह बयान संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है जो जातिगत और धार्मिक अस्पृश्यता का निषेध करता है। एक जनप्रतिनिधी के लिये यह आचरण अशोभनीय है। थाना कोतवाली ने कांग्रेस के दिये आवेदन की पावती में लिखित में आश्वासन दिया है कि वो जांच उपरांत कारवाई करेगी। आवेदन के साथ कांग्रेस ने मंजूषा भगत के बयान का इलेक्टि्रॉनिक रिकार्ड भी दिया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा है कि नियत समय में अगर पुलिस कारवाई नहीं करती है तो हम न्यायालय में परिवार भी दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा है कि अपने बयान से मंजूषा भगत ने सनातन धर्म की परंपरा और पवित्र गंगाजल का भी अपमान किया है। सनातन परंपरा के अनुसार पवित्र गंगाजल सात्विक और धार्मिक उपयोग हेतु है। जैसे हाल ही में पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री टी0एस0 सिंहदेव ने शिवसागर बांध में छठ घाट के निर्माण के लिये कुंभ से लाये गंगाजल का उपयोग किया। यदि नवनिर्वाचित महापौर यह बोलती कि वे अम्बिकापुर की जनता की सेवा के लिये पवित्र गंगाजल से स्वयं भी शुद्ध होकर एवं कार्यक्षेत्र को शुद्ध कर काम प्रारंभ करेंगी, तो यह कतई आपाीजन नहीं होता। बल्कि हम सब पक्ष-विपक्ष की राजनिति से उपर उठकर इसका स्वागत करते। लेकिन जब वे यह बोलती हैं कि उन्होंने निगम आयुक्त को यह सख्त निर्देश दिया है कि पुराने कुर्सी-टेबल को हटयें और नयी व्यवस्था बनायें क्योंकि वे अम्बिकापुर में पहली हिंदु महापौर हैं, वो कार्यस्थल का गंगाजल से शुद्धीकरण करेंगी तब वे दुर्भावना से पवित्र गंगाजल के उपयोग की बात करती हैं जो कि पवित्र गंगा जल का भी अपमान है। औषधीय और पादप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक ने कहा कि मंजूषा भगत पूरे शहर को अशुद्ध बतला रही हैं जो कि महामाया की नगरी में रहने वाले उन सभी मतदाताओं का अपमान है, जिन्होंने उन्हें महापौर के रुप में चुना है। चाहे मंजूषा भगत हो या उनसे पूर्व के दोनो महापौर इन सभी को चुनते हुए शहर के नागरिकों ने उनका धर्म नहीं देखा था। शहर के नागरिक उनसे शहर के विकास का एजेंडा सुनना चाहते हैं न कि उनके द्वेषपूर्ण बयान।
मेरा उद्ेश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं : मंजूषा
वहीं नव निर्वाचित महापौर मंजूषा भगत ने शनिवार को पुन: मीडिया में बयान दी है और उन्होंने कहा है कि मेरा उद्देश्य किसी भी जाति व धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं है। हर जाति-धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व पूजा अर्चना की जाती है। मुझे जनता ने जीताकर भेजा है। 2 फरवरी को शपथग्रहण के बाद पदभार ग्रहण करूंगी। मैं चाहती हूं कि अपने चेंबर में बैठने से पूर्व विधिवत पूजा अर्चना करूं। वहीं शपथग्रहण के बारे में कहा कि शपथग्रहण कराना जिला प्रशासन का काम है। सीएम की उपस्थिति में शपथग्रहण होगा। मैं चाहूंगी की सभी पार्षद शपथ लें। बिना शपथ के सभापति चुनने का भी उन्हें अधिकार नहीं रहेगा और न ही पूर्ण रूप से पार्षद कहलाएंगे।
2 मार्च को शपथ में शामिल नहीं होंगे कांग्रेस के पार्षद
नगर निगम में विपक्ष के नेता शफी अहमद ने कहा है कि 2 मार्च को नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षद एवं महापौर के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस और उसके पार्षद शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने अनुरोध किया था कि नवनिर्वाचित महापौर अपने द्वेषपूर्ण और नफरती बयान के लिये सार्वजनिक मांफी मांगे। लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा नहीं किया है, इसलिये शपथग्रहण समारोह में सहभागिता का प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा है कि वे कलेक्टर से यह मांग करेंगे कि कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षदों के लिये वे पृथक से शपथ लेने की व्यवस्था करें। कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षद शपथग्रहण समारोह से अलग कलेक्टर के कक्ष अथवा निगम परिसर में शपथ लेने के लिये तत्पर और तैयार हैं।
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