बैकुण्ठपुर,@क्या वर्तमान विधायक को भी जनपद क्षेत्र क्रमांक 11 के जीते हुए प्रत्याशी ने दिया धोखा…जिससे अंजान हैं वह?

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-रवि सिंह-

बैकुण्ठपुर,26 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो गया है पर चुनाव की समीक्षा के बीच कई चीज चौंकाने वाली सामने आ रही हैं, इस समय यदि कोई सबसे चर्चा में है तो वह है जनपद क्षेत्र क्रमांक 11,यहां पर जिस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है इस प्रत्याशी व वर्तमान विधायक के बीच एक समझौते की बात आम हो गई है। ऐसा चर्चा में है की वर्तमान विधायक ने अपनी बेटी को जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 से जीत दिलाने के लिए जनपद क्षेत्र क्रमांक 11 के प्रत्याशी के पति साथ एक समझौता किया था, की मैं तुम्हें जिताऊंगा तुम मेरी बेटी को ज़ीत दिलाओ। पर यह समझौता कितना कारगर था यह तो परिणाम आने के बाद समझ में आ गया है, यदि यह बात समझौते की सही है तो वर्तमान विधायक ने तो अपना काम कर दिया और उस प्रत्याशी को जीत मिल गई पर यदि उस प्रत्याशी की बात करें जिसे जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 के प्रत्याशी को जीत दिलाना था क्या उसके लिए उसने काम किया? क्या उसे उतना वोट दिलाया जितना उसे चाहिए था? यदि आंकड़े की बात की जाए तो बिल्कुल भी नहीं, जिस क्षेत्र में जीतने के लिए वर्तमान विधायक ने उसकी मदद की उसे क्षेत्र से वर्तमान विधायक की बेटी को वह वोट नहीं मिल सका, जिसकी वह उम्मीद लेकर बैठे थे। यदि वह वोट मिलता तो बहू की तरह बेटी भी अच्छे मतों से जीत दर्ज करती, जो नहीं हो सका, बेटी अपनी व अपने पिता की किस्मत से चुनाव जीत कर आई है। पर यदि इस सबके पीछे के समझौते की बात की जाए तो जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 11 के प्रत्याशी ने वर्तमान विधायक को भी धोखा दिया, यह कहना गलत नहीं होगा, शायद इस बातों से विधायक भी अनजान होंगे, क्योंकि काफी भोले हैं और सभी के बातों में आ जाते हैं। शायद इस बार भी वह बातों में आ गए और अपने भोलेपन में एक बार फिर ठगे गए। यह जो समझौता है यह चर्चा का विषय है इसकी पुष्टि दैनिक घटती घटना नहीं करता है।

आशा महेश साहू के समर्थक विधायक की बेटी का नहीं उसके सामने के प्रतिद्वंद्वी का कर रहे थे प्रचार
वर्तमान विधायक शायद इस बात से भी अनजान होंगे कि उनकी बेटी के खिलाफ आशा महेश साहू के समर्थक चुनाव के प्रारंभ से ही प्रचार कर रहे थे, जो के चुनाव समाप्ति तक जारी रहा। सोशल मीडिया में सरेआम लिख रहे थे और उनकी बेटी के प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार हो रहा था और वोट मांगा जा रहा था,परिणाम आने पर यह भी देखने को मिल रहा है कि जो बढ़त मिलनी चाहिए थी वह मिल नहीं पाई। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब आशा महेश साहू के समर्थक ही विधायक की बेटी के खिलाफ प्रचार कर रहे थे,तो फिर वर्तमान विधायक कैसे इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि आशा महेश साहू अपने क्षेत्र से उनकी बेटी को सबसे ज्यादा मत दिलाएंगे। वह तो समय रहते हुए वर्तमान विधायक प्रतिनिधि ने हालात को अनुकूल न जानकर मोर्चा संभाला,तब जाकर जनपद उपाध्यक्ष आशा साहू के क्षेत्र में, जहां उनका प्रभाव है, वहां से थोड़ी बहुत बढ़त जिला पंचायत के प्रत्याशी गीता राजवाड़े को प्राप्त हो पाई। तथाकथित सौदे के भरोसे बैठे रहने से लुटिया डूबनी तय थी।
क्या अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करते हैं यह सत्तापक्ष विधायक को?
पूर्व जनपद उपाध्यक्ष और उनके पति क्या साापक्ष के विधायकों को समय समय पर अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए इस्तेमाल करते हैं? वैसे उनकी कार्यप्रणाली देखकर ऐसा ही लगता है कि वह अपने स्वार्थ पूर्ति तक के लिए ही विधायकों के साथ रहते हैं, स्वार्थ पूर्ति उपरांत वह नया सहारा ढूंढते हैं।
पूर्व विधायक को भी किया था इस्तेमाल, अब वर्तमान को भी नहीं छोड़ा जनपद क्षेत्र क्रमांक 11 के प्रत्याशी पति ने इस्तेमाल करने से
जनपद क्षेत्र क्रमांक 11 के प्रत्याशी कहें या उनके पति को कहें, वह विधायकों को इस्तेमाल करने में भी अव्वल रहे। उन्होंने पिछले चुनाव में पूर्व विधायक को इस्तेमाल किया था और तब वह कांग्रेस खेमे के प्रत्याशी थे, वहीं इस बार उन्होंने वर्तमान भाजपा विधायक को इस्तेमाल किया चुनाव में अपनी जीत के लिए। भाजपा विधायक भी पुत्री मोह में यह भूल गए या अपने भोलेपन में यह भूल गए कि यह उनके भी नहीं और किसी के नहीं, साा का उपयोग ही इनकी राजनीति है। क्योंकि पिछले विधायक से अपना काम साध लेने के बाद इन्होंने विगत चुनाव में उन्हें धोखा भी दिया था।
वर्तमान विधायक को भड़काने,झूठ बोलने से भी नहीं रहे पीछे एक जनपद सदस्य पद के प्रत्याशी के पति
जनपद क्षेत्र क्रमांक 11 के एक प्रत्याशी के पति ने विधायक को अन्य प्रत्याशियों के विरुद्ध भड़काने झूठ का भी सहारा लिया। उसने विधायक को भड़काने यह भी कहा कि एक प्रत्याशी उन्हें चौक में गाली दे रहा है, जबकि वह इसकी पुष्टि किए बिना ऐसा कहता रहा। कुल मिलाकर अपना स्वार्थ पूरा करने प्रत्याशी पति ने हर हथकंडा अपनाया। बाद में जब वास्तविकता सामने आई तो जनपद सदस्य के प्रत्याशी ने अपने कर्मचारियों को डांट फटकार लगाई थी, जिसे तेल मिर्च लगाकर वर्तमान विधायक को गाली देने का आरोप लगाकर दूरी बढ़ाने का इस्तेमाल किया गया।
पूर्व विधायक भी हो चुकी हैं इस्तेमाल… फिलहाल नहीं बनती आपस में दोनों की…
पूर्व विधायक पूर्व जनपद उपाध्यक्ष सहित उनके पति से इस्तेमाल हो चुकी हैं, राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूर्ति के लिए । आजकल या कहें विधायक रहते ही उनसे पूर्व जनपद उपाध्यक्ष व उनके पति दूर हो चुके थे। पूर्व विधायक ने पहले उन्हें और उनके पति को अपना सबसे करीबी बनाया था लेकिन जब उन्हें स्वार्थ का मामला समझ में आया उन्होंने खुद से पूर्व जनपद उपाध्यक्ष को जो तब उपाध्यक्ष थीं को अपने से दूर कर दिया था।


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