- जिला पंचायत चुनाव कोरिया में भाजपा समर्थित प्रत्याशी जीते 5 गोगपा समर्थित 2 बगैर समर्थन 2 कांग्रेस समर्थित 1
- पूर्व विधायक कांग्रेस की प्रतिनिधि की पत्नी सहित पूर्व विधायक की पसंद के दोनों प्रत्याशी हारे
- पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी को भी कड़ी टक्कर में मिली हार
- वेदांती तिवारी जिला पंचायत चुनाव हारने के बाद क्या विधायक की दौड़ से हुए बाहर?
- वेदांती तिवारी जिला पंचायत चुनाव हारने के बाद क्या राजनीति से लेंगे सन्यास?
- वेदांती तिवारी को भाजपा समर्थित ने नहीं कांग्रेसियों ने हराया,क्षेत्र में है चर्चा, जिला से जनपद तक भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराया
- भाजपा समर्थित प्रत्याशियों में से 5 को मिली जीत 5 को करना पड़ा हार का सामना,दो को तो निर्दलीयों से हारना पड़ा…
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-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,24 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। पूरे छाीसगढ़ में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में यदि सबसे अधिक रोमांच कहीं था तो कोरिया जिले में ही देखने को मिला,इस चुनाव में अच्छे-अच्छे दिग्गज हारे तो वहीं कई प्रकार के मिथ्या भी टूटी, भाजपा समर्थित जिला पंचायत प्रत्याशी 10 में से तीन ही भाजपा जिलाध्यक्ष जीत पाए दो बेटी व बहू वर्तमान विधायक ने जिताया,त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कोरिया जिले की बात की जाए तो यहां नए भाजपा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा ने अपनी जीत का परचम लहरा दिया है और यह तय नजर आ रहा है कि भाजपा जिला पंचायत में अपनी सरकार बना ले जाएगी। जिला पंचायत के 10 क्षेत्रों के सदस्यों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने 5 अपने सदस्यों को जीत दिलाने में सफलता प्राप्त की है वहीं यदि बहुमत के आंकड़े की बात की जाए तो बहुमत के 6 के आंकड़े को भी भाजपा प्राप्त कर लेगी, क्योंकि एक क्षेत्र से जीतकर आया जिला पंचायत सदस्य भाजपा का ही बागी सदस्य है, जिसे पार्टी ने बागी होने पर पार्टी से बाहर नहीं निकाला है और वह भाजपा के ही साथ जायेगा और कहीं के कहीं विधायक और विधायक प्रतिनिधि की सहमति से वह चुनाव मैदान में था, इस तरह भाजपा बहुमत के 6 के आंकड़े को प्राप्त कर चुकी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिले में सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस की रही जहां केवल 1 सीट ही कांग्रेस जीत सकी शेष अन्य 3 में से 2 में गोगपा समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई और 1 में बिना किसी समर्थन के चुनाव लड़ रही एक प्रत्याशी की। वैसे क्षेत्र क्रमांक 3 से जीतकर आई प्रत्याशी को कुछ कांग्रेस नेताओं का समर्थन प्राप्त था लेकिन उसके विरुद्ध जिलाध्यक्ष कांग्रेस के द्वारा की गई शिकायत उसे शायद ही कांग्रेस की तरफ रुख करने के लिए प्रेरित करे या उत्साहित करे।
क्षेत्र क्रमांक 4 व 6 में ही कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने भाजपा समर्थित प्रत्याशी को दी कड़ी टक्कर
पूरे चुनाव के दौरान दो ही जिला पंचायत क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी बैकुंठपुर अंतर्गत भाजपा प्रत्याशियों को टक्कर दे सके, जिनमें से एक 4 नम्बर का क्षेत्र एक 6 नम्बर का क्षेत्र। क्षेत्र क्रमांक 4 के कांग्रेस प्रत्याशी जहां मात्र 23 वोट से हारे तो वहीं क्षेत्र क्रमांक 6 कांग्रेस समर्थक प्रत्याशी 230 वोट से हारे। यहां पर इतनी कड़ी टक्कर थी कि कोई भी अंतत यह नहीं बोल पा रहा था कि कौन सा प्रत्याशी जीतेगा लास्ट गणना में ही हार व जित तय हो पाई। इन दोनों प्रत्याशियों के लिए भले ही परिणाम मायूसी वाले हैं पर इन्होंने जिस प्रकार से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मान सम्मान की लड़ाई लड़ी उसे देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगे भी कांग्रेस को इन नेताओं की जरूरत पड़ेगी क्योंकि इनके बिना विधानसभा में जितना भी कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा। कुल मिलाकर बैकुंठपुर अंतर्गत कांग्रेस के दो ही जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्यासी दमदार थे जिन्होंने भाजपा प्रत्याशियों को टक्कर दी अंत तक उन्हें जीतने से रोके रखा।
क्षेत्र क्रमांक 4 में जहां भाजपा के बागी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की तो वहीं क्षेत्र क्रमांक 3 में कांग्रेस के बागी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की
क्षेत्र क्रमांक 4 में भाजपा से बगावत कर लड़ रहे प्रत्याशी ने जीत दर्ज की वहीं क्षेत्र क्रमांक 3 में कांग्रेस के बागी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। दोनों जगहों पर हार भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों की हुई। जिला पंचायत के चुनाव में यह बड़ा उलटफेर माना गया है। बागियों ने राष्ट्रीय दलों को हराया है। अब इन्हें पार्टी वापस पार्टी में शामिल करती है कि नहीं यह देखने वाली बात होगी। भाजपा ने तो अपने बागी प्रत्याशी को केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया है लेकिन कांग्रेस ने तो अपने बागी क्रमांक 3 से जिला पंचायत सदस्य चुनकर आई संगीता सोनवानी को चुनाव आयोग तक से कार्यवाही का डर दिखाया था।
जिस तरह से कांग्रेस ने नगरीय निकाय, जिला पंचायत व जनपद का चुनाव लड़ा और हारे, ठीक वैसे ही विधानसभा चुनाव में भी हार के लिए हो जाए तैयार
जिस तर्ज पर कांग्रेस ने नगरीय निकाय,जिला पंचायत और जनपद पंचायत का चुनाव लड़ा यह तय है कि कांग्रेस अब जितने के लिए लड़ना छोड़ चुकी है आपस में वह एकदूसरे को निपटाने के लिए चुनाव लड़ने लगी है। यदि यही हाल रहा तो कांग्रेस विधानसभा चुनाव में भी आगामी हारने के लिए ही लड़ने वाली है क्योंकि आपस में एक दूसरे को निपटाने के लिए कांग्रेस की राजनीति इसबार खुलकर देखी गई।
विधायक के दावेदार को हराने के चक्कर में कांग्रेस पूर्व विधायक के प्रतिनिधि के पत्नी को भी नहीं जीत पाई…वर्तमान विधायक की बेटी ने हराया
विधायक दावेदार को जिला पंचायत चुनाव हारने में कांग्रेसी इतने मशगूल हो गए की पूर्व विधायक प्रतिनिधि की पत्नी को जीतने में उनकी कोई भी रुचि नहीं दिखी, जिस वजह से पूर्व विधायक के प्रतिनिधि की पत्नी को वर्तमान विधायक की बेटी ने हरा दिया और अपने पिता का नाम रोशन किया और बता दिया कि अपने पिता की तरह ही वह भी जन सेवा करना चाहती हैं और आगे भी अपने पिता की तरह ही वह काम करेंगी, ऐसा वह अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी आमसभा में कह चुकीं हैं अब देखना यह है कि उनकी बेटी भी अपने पिता के समान लोगों के बीच अपना विश्वास बना पातीं हैं या फिर विश्वास खों बैठेंगी?
कांग्रेस ने यह चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे को निपटाने के लिए लड़ा था?
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कांग्रेस का अंतर्कलह खुलकर सामने आया जहां जिला पंचायत उपाध्यक्ष को हराने खुलकर पूर्व विधायक गुट सक्रिय रहा वहीं दूसरे को हराने के चक्कर में ही पूर्व विधायक अपने ही दो खास लोगों को चुनाव नहीं जीता पाईं, जिससे पार्टी को भी नुकसान हुआ जिसमें उनके खास सिपहसलार सहित पूर्व प्रतिनिधि की उनके पत्नी शामिल हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस ने यह चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे को निपटाने के लिए लड़ा था और वह अपने अभियान में निपटाने वाले सफल रहे।
नए जिलाध्यक्ष भाजपा की अब बल्ले बल्ले है…
भाजपा के लिए यह सुखद अनुभवों वाला चुनाव रहा नए जिलाध्यक्ष भाजपा की अब बल्ले बल्ले है, क्योंकि जीत का सेहरा उन्हीं के सिर बंधना है और बंधना भी चाहिए क्योंकि उन्होंने दिनरात एक करके पहले नगरीय निकाय की एक निकाय पर परचम लहराया फिर मेहनत कर उन्होंने जिला पंचायत में भी अपना बेहतर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष भाजपा के नेतृत्व में नगरीय निकाय सहित जिला पंचायत का चुनाव भाजपा अच्छी तरह से जीत सकी यह कहना गलत नहीं होगा। वैसे इस चुनाव में भाजपा विधायक ने भी काफी मेहनत की और उन्होंने अपना भी जनाधार साबित किया और अपनी पुत्री सहित उन्होंने बहु को अलग अलग जिला पंचायत क्षेत्रों से जीत दिलाने में सफलता प्राप्त की। भाजपा विधायक की बहु सहित पुत्री में से अब जिला पंचायत उपाध्यक्ष कौन होगा यह देखने वाली बात होगी और यह उनके परिवार का आंतरिक मामला माना जा रहा है।
5 भाजपा समर्थित,2 गोगपा समर्थित,2 बिना किसी समर्थन और 1 कांग्रेस समर्थित जीत दर्ज करने वाले सदस्य पहुंचे जिला पंचायत
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम सामने आने उपरांत भाजपा समर्थित 5 गोगपा समर्थित 2 बिना किसी समर्थन वाले 2 वहीं कांग्रेस समर्थन वाले 1 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए प्रत्याशी जिला पंचायत पहुंच सके हैं। सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस की है जो 1 की संख्या के साथ जिला पंचायत पहुंची है। गोगपा का प्रदर्शन बेहतर है जहां वह दो की संख्या के साथ जिला पंचायत में पहुंची है। बिना समर्थन वाले 2 में से 1 को भाजपा का माना जा रहा है वहीं 1 है तो कांग्रेस की लेकिन वह कांग्रेस के साथ जाती हैं कि नहीं यह देखने वाली बात होगी।
जिला पंचायत में भाजपा की सरकार बननी तय
कोरिया जिला पंचायत में भाजपा की सरकार बननी तय है। पहली बार ऐसा लगता है कि भाजपा अध्यक्ष उपाध्यक्ष दोनों पदों पर अपने लोगों को बैठा ले जाएगी। वैसे भाजपा को एक सदस्य की आवश्यकता होगी जो ऐसे तो है उसके पास एक बिना समर्थन वाला जीतकर आया सदस्य भाजपा का ही पदाधिकारी है लेकिन वह किन शर्तों पर भाजपा को समर्थन देता है यह देखने वाली बात होगी ।
जिलाध्यक्ष भाजपा के नेतृत्व में जिले में दूसरी बड़ी जीत
जिला पंचायत कोरिया में 5 सदस्यों के साथ भाजपा का पहुंचना भाजपा कोरिया जिलाध्यक्ष की दूसरी बड़ी जीत कही जा सकती है। भाजपा जिलाध्यक्ष कोरिया ने पहले नगरीय निकाय चुनाव में एकमात्र नगरीय क्षेत्र में हुए चुनाव में अध्यक्ष पद सहित 5 पार्षदों को जीत दिलाने में सफलता प्राप्त की वहीं अब जिला पंचायत में भी भाजपा की सरकार बनाने की स्थिति भी जिलाध्यक्ष भाजपा की ही रणनीतियों की जीत मानी जा रही है। जिलाध्यक्ष भाजपा दिनरात एक करके लगे थे और उसका परिणाम सामने है और भाजपा बड़ी जीत दर्ज कर सकी है।
जिसे कांग्रेस टिकट देने के लिए दौड़ाती रही वही प्रत्याशी बिना कांग्रेस के समर्थन भाजपा समर्थित प्रत्याशी को हराने में सफल हुईं
कांग्रेस नेत्री संगीता सोनवानी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी बनने के लिए वरिष्ठ कांग्रेसियों से लेकर पूर्व विधायक तक चक्कर काटती रही, वरिष्ठ कांग्रेसी तो पार्टी का समर्थन देने के लिए तैयार थे पार्टी समर्थित प्रत्याशी बनाने को तैयार थे, पर यदि कोई पार्टी समर्थित प्रत्याशी बनाने से रोक रहा था तो वह थी कांग्रेस की पूर्व विधायक जिस वजह से उन्हें कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी नहीं बनाया जा सका, अंततः वह वरिष्ठ नेताओं से अनुमति लेकर मैदान में उतर गई और भाजपा समर्थित प्रत्याशी को धूल चटा दिया, संगीता सोनवानी पहली ऐसी कांग्रेसी हैं जिसने बिना कांग्रेस के समर्थन वह चुनाव लड़ीं और भाजपा समर्थित प्रत्याशी को हराया, वही एक सीट पर भाजपा को भाजपा नेता जो निर्दलीय खड़े थे उसने हराया।
कांग्रेस आगामी विधानसभा में दावेदारी कम करने क्या हरवाई जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 के पार्टी समर्थित प्रत्याशी को?
सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस जिला पंचायत चुनाव जीतने के लिए नहीं लड़ रही थी वह आगामी 2028 के विधानसभा में कांग्रेस से विधायक पद के दावेदार काम करने के लिए लड़ रही थी, इसी वजह से इसबार क्षेत्र क्रमांक 6 से वेदांती तिवारी को कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी बनाया गया था और उन्हें हराने के लिए भी भाजपा समर्थित प्रत्याशी को खूब सहयोग किया गया था, जिसके दम पर अपने ही कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को चुनाव हराकर अगले विधानसभा से दावेदारी से रोक दिया, ऐसा उनका सोचना है पर 2028 में क्या सही में वेदांती तिवारी विधानसभा के दावेदार नहीं होंगे? यह कहना अभी से ही गलत होगा। क्योंकि 2028 का विधानसभा चुनाव वैसे भी कई मायने में अलग ही होने वाला है क्योंकि उस समय विधानसभा का परिसीमन भी होना है कौन सा क्षेत्र कटेगा कौन सा क्षेत्र जुड़ेगा इस पर भी अगला विधानसभा प्रत्याशी तय होगा, कौन से आरक्षण के तहत सीट होगी यह भी तय होना है सामान्य होगा या फिर ओबीसी होगा या एससी एसटी होगा यह कई चीजें तब मायने रखेंगी।
वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष 2028 विधानसभा के प्रत्याशी होने के लिए अभी से बना रहे रणनीति
भाजपा जिलाध्यक्ष अब खुद को आगामी विधानसभा चुनाव 2028 में प्रत्याशी साबित करने अभी से रणनीति बनाते नजर आ रहे हैं। उनकी सफलता चुनावों को उन्हें इस लायक बनाती भी है। वैसे निर्णय भाजपा का होगा,यह तय है।
यह रहा जीत का अंतर
भाजपा की वंदना राजवाडे लगभग 5200, भाजपा की सौभग्यवती सिंह लगभग 1600, निर्दलीय संगीता सोनवानी लगभग 220 मत, निर्दलीय राजेश साहू लगभग 21 मत, भाजपा की गीता राजवाडे लगभग 1400, भाजपा के मोहित पैकरा लगभग 230 मत से विजयी रहे। कांग्रेस के वेदान्ती तिवारी एकदम आखिरी में आमापारा व मोदीपारा से पिछड़ने की वजह से 232 मतों से हारे। कांग्रेस के ही बिहारी लाल राजवाडे तेंदुआ की अवरापारा पोलिंग से लगभग 190 मतों से पीछे रहने के कारण हार गए।
ये रहे जीतने वाले उमीदवार
जिला पंचायत क्षेत्र क्र. प्रत्यासी राजनितिक दल
क्षेत्र क्र. 01 वन्दना राजवाड़े भाजपा
क्षेत्र क्र. 02 सौभाग्यवती सिंह भाजपा
क्षेत्र क्र. 03 संगीता सोनवानी निर्दलीय
क्षेत्र क्र. 04 राजेश साहू निर्दलीय
क्षेत्र क्र. 05 गीता राजवाड़े भाजपा
क्षेत्र क्र. 06 मोहित पैकरा भाजपा
क्षेत्र क्र. 07 शिवकुमारी भाजपा सोनहत
क्षेत्र क्र. 08 सुरेंद्र सिंह कांग्रेस सोनहत
क्षेत्र क्र. 09 सुषमा कोराम गोगपा
क्षेत्र क्र. 10 स्नेहलता उदय गोंगपा