विदेशी फंड से होता है धर्मांतरण का खेल…
सीएम साय ने दे दिया यह सख्त निर्देश
एनजीओ वालों की अब खैर नहीं
रायपुर,21 फरवरी 2025(ए)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय धर्मांतरण को रोकने के लिए सख्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को राज्य में विदेशी फंड प्राप्त करने वाले एनजीओ की जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह की सहायता का उपयोग धर्मांतरण सहित अवैध गतिविधियों में तो नहीं किया जा रहा है? सीएम ने कहा कि धर्मांतरण जैसी अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रायपुर के स्वामी विवेकानंद एटरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीच के दौरान सीएम ने कहा, कई एनजीओ स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए विदेशों से सहायता (धन) प्राप्त करते हैं। लेकिन यह देखा गया है कि इस तरह के फंड का इस्तेमाल स्वास्थ्य और शिक्षा के बजाय धर्मांतरण पर अधिक किया जाता है। मैंने अधिकारियों से कहा है कि इसकी जांच की जानी चाहिए, जिससे इस तरह के फंड का इस्तेमाल उसके वास्तविक उद्देश्य के लिए हो।
सख्त कानून लागू हैं…
उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी एनजीओ स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर विदेशी फंडिंग लेकर किसी भी तरह की अवैध गतिविधि में लिप्त न हो। यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए पहले से ही सख्त कानूनों को लागू कर रही है।
धर्मांतरण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं
साय ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है और राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। लेकिन यदि कोई भी संस्था धर्मांतरण के माध्यम से समाज में अस्थिरता फैलाने का प्रयास करती है, तो सरकार उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर आवश्यक कदम उठाएगी, जिससे इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।
लोगों को भ्रमित कर किया जा रहा है धर्मांतरण
सीएम ने कहा कि हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां हर व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार धर्म मानने की स्वतंत्रता है। लेकिन जब अशिक्षा, गरीबी, चंगाई या लोक-परलोक के नाम पर लोगों को बहका कर या प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो यह न केवल अनैतिक है, बल्कि संविधान की मूल भावना के भी विरुद्ध है। कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर विदेशी धन प्राप्त करती हैं, लेकिन इसकी आड़ में स्थानीय लोगों को भ्रमित कर, लालच देकर, चंगाई के माध्यम से धर्मांतरण कराती हैं।
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