- सोनी समाज से जीतकर आए हैं दो दो पार्षद,मुस्लिम समुदाय से भी हैं दो दो पार्षद,क्या सोनी समाज या मुस्लिम समुदाय से मिलेगा किसी को मौका?
- क्या महिला पार्षद को कांग्रेस बना सकती है उपाध्यक्ष, अध्यक्ष महिला होने के कारण क्या ले सकती है कांग्रेस ऐसा निर्णय?
- आदिवासी समाज से अध्यक्ष हुई हैं निर्वाचित क्या कांग्रेस भी उपाध्यक्ष पद के लिए आदिवासी समाज से चुन सकती है पार्षद?
- कांग्रेस को सोनी समाज का मिला है भरपूर साथ,मुस्लिम समुदाय से भी ज्यादा सोनी समाज ने दिया है साथ,क्या सोनी समाज से होगा उपाध्यक्ष?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/पटना 18 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। पटना नगर पंचायत के संपन्न हुए चुनाव में अध्यक्ष पद सहित पंद्रह वार्ड पार्षद प्रत्याशियों में से भाजपा ने अध्यक्ष सहित पांच पार्षदों को चुनाव में जीत दिला लिया है वहीं आठ पार्षद प्रत्याशी कांग्रेस के जीत दर्ज कर ले गए और दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मार ली। अब आठ पार्षदों के हिसाब से कांग्रेस उपाध्यक्ष बना ले जाएगी यह तय नजर आ रहा है। कांग्रेस किसे पार्षद बनाएगी यह अब देखने वाली बात होगी। कांग्रेस से यदि समाज और समुदाय वार जीतने वाले पार्षदों की गिनती की जाए तो कांग्रेस ने सोनी समाज के तीन लोगों को पार्षद पद का टिकट दिया था जिनमें से दो चुनाव जीतकर पार्षद बन चुके हैं वहीं मुस्लिम समुदाय के दो प्रत्याशियों में से दोनों चुनाव जीत गए हैं। वहीं एक आदिवासी समाज से एक सामान्य वर्ग से और दो अनुसूचित जनजाति वर्ग से प्रत्याशी चुनाव जीतकर पार्षद बन गए हैं।
अब यदि कांग्रेस उपाध्यक्ष किसे बनाएगी इस संदर्भ में की जाए तो उपाध्यक्ष पद पर सबसे प्रबल दावेदारी ऐसे तो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष यवत सिंह के भतीजे की बनती है क्योंकि यह चुनाव यवत सिंह के ही नेतृत्व में लड़ा गया और यदि कांग्रेस में बगावत नहीं होती कांग्रेस अध्यक्ष पद भी जीत जाती वहीं इनके अलावा यदि किसी को किसी अन्य को पार्टी मौका देती है दो सोनी समाज मुस्लिम समुदाय या अनुसूचित जनजाति समुदाय से जीतकर आए दो दो लोगों में से किसी एक को मौका दे सकती है।वैसे इस चुनाव में कांग्रेस को सोनी समाज का साथ मुस्लिम समुदाय के साथ से भी ज्यादा मिला है वहीं आदिवासी समाज का साथ कांग्रेस की बजाए भाजपा को मिला है इस आधार पर सोनी समाज से उपाध्यक्ष बनाना कांग्रेस के लिए विचारणीय होना चाहिए। सोनी समाज से जीतकर आए दो लोगों में से एक महिला है और भाजपा से जीतकर आई अध्यक्ष भी महिला हैं ऐसे में यदि सोनी समाज से जीतकर आई महिला पार्षद को कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाती है एक नया सन्देश नगर में जा सकता है और सोनी समाज को भी कांग्रेस एक तरह से धन्यवाद दे सकती है। सोनी समाज,अनुसूचित जनजाति समाज और मुस्लिम समुदाय के बीच से ही अब कांग्रेस को उपाध्यक्ष चयनित करना चाहिए ऐसा राजनीति के जानकारों का कहना मानना है जिससे कांग्रेस पुनः खुद को मजबूत कर सके नगर में। वैसे सोनी समाज की नव निर्वाचित महिला पार्षद को उपाध्यक्ष बनाकर कांग्रेस भी भाजपा की तरह सभी को चौंका सकती है कि कांग्रेस भी अप्रत्याशित निर्णय लेने से पीछे नहीं हटती और वह भी छोटे से छोटे कार्यकर्ता को शीर्ष तक पहुंचाने में विश्वास रखती है। वैसे कांग्रेस यदि अपने चिरपरिचित अंदाज में चली तो जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष के भतीजे या फिर मुस्लिम समुदाय को मौका दे सकती है, सामान्य वर्ग से भी एक चेहरा है कांग्रेस के पास जिसे वह आजमा सकती है। वैसे यदि अध्यक्ष का भी मत उपाध्यक्ष चुनने में उपयोगी और गिनती किया जाएगा तो ऐसे में भाजपा भी दौड़ से बाहर नहीं है और दोनों दलों में टाई की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। वैसे आदिवासी समाज से न हो उपाध्यक्ष यह मांग कांग्रेस के अन्य पार्षद करते सुने जा रहे हैं और उनका कहना है कि आदिवासी समाज से अध्यक्ष भी उपाध्यक्ष भी सामान्य और पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय जैसा होगा।