एमसीबी/खड़गवां,@निगम चुनाव तो जीते लेकिन पंचायत चुनाव में मंत्री के गृह क्षेत्र में फिर हारी भाजपा

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-रवि सिंह-
एमसीबी/खड़गवां,18 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। नवीन एमसीबी जिले के पहले जिला पंचायत चुनाव के पहले चरण के खड़गवां विकासखंड में हुए चुनावों में स्वास्थ्य मंत्री के गढ़ में जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की है । मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के क्षेत्र में कोरिया जिले की वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष सहित दूसरी प्रत्याशी को भी करारी हार का सामना करना पड़ा है ,दोनों भाजपा समर्थित प्रत्याशी थीं, यहां कांग्रेस ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है ,मनेंद्रगढ़ खड़गवां के दोनों जिला पंचायत क्षेत्रों में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है,जिससे पार्टी ने क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति को और प्रबल किया है, इस चुनाव में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के क्षेत्र में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा, जो एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर है। मंत्री के प्रभाव वाले इलाके में भाजपा की उम्मीदें पूरी नहीं हो पाई जबकि वहा से एक सीट पर भाजपा की वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रेणुका सिंह चुनाव लड़ रही थी जिन्हें हरा कर कांग्रेस ने अपनी स्थिति को मजबूत किया, कांग्रेस की ममता सिंह और प्रिया मसराम ने जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 9 और 10 से जीत हासिल की है ,क्षेत्र क्रमांक 9 से जिला पंचायत अध्यक्ष रही भाजपा समर्थित रेणुका सिंह और क्षेत्र क्रमांक 10 से जनपद अध्यक्ष रही भाजपा समर्थित सोनमति उर्रे को हार का सामना करना पड़ा जो भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में भाजपा ने नवीन जिले के नगरीय निकाय चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया और भाजपा ने नगर निगम सहित अधिकाशं पालिकाएं जीत लीं। एकमात्र नगरीय क्षेत्र में भाजपा के अध्यक्ष पद प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा वहीं निगम के चुनाव में तो पूर्व विधायक को ही भाजपा ने पछाड़ दिया घर बैठा दिया। शहर सरकार को लेकर जहां भाजपा के जीत का प्रदर्शन अच्छा रहा वहीं ग्रामीण क्षेत्रों का प्रदर्शन भाजपा का अच्छा नहीं रहा प्रारंभिक तौर पर। अब जिला पंचायत के लिए बचे 8 क्षेत्रों में से भाजपा को कम से कम 6 जितनी है तब जाकर वह जिला पंचायत की सरकार के लिए पात्र हो सकेंगे। वैसे देखने वाली बात यह होगी कि अब क्या रणनीति भाजपा और स्वास्थ्य मंत्री अपनाते हैं जिससे जिला पंचायत में उनकी सरकार बन सके। जनपद पंचायत में भी खड़गवां में भाजपा की सरकार नहीं बनने जा रही है अधिकांश जनपद सदस्य भाजपा समर्थित प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं और यहां भी जनपद क्षेत्र में भी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई है। कुल मिलाकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अब तक भाजपा का प्रदर्शन नवीन जिला एमसीबी में अच्छा नहीं है और आगे के बचे चुनाव में क्या होता है यह देखने वाली बात होगी जो दो विकासखंड और बचे जिला पंचायत क्षेत्र के लिए होने वाले चुनाव हैं।
खड़गवां जनपद पंचायत क्षेत्र के 12 में से 5 सीटों पर ही जीत सके भाजपा समर्थित प्रत्याशी
खड़गवां जनपद पंचायत अंतर्गत कुल 12 क्षेत्रों में से भाजपा समर्थित कुल 5 ही प्रत्याशी जीत सके। अन्य 7 जगहों पर जितने वाले या तो कांग्रेस समर्थित लोग हैं या बिना समर्थन प्राप्त अपने बल पर जितने वाले। भाजपा का जनपद सदस्यों के मामले में चुनाव अच्छा नहीं रहा। अब ऐसा क्यों हुआ क्यों भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की हार हुई यह भाजपा के लिए विचारणीय है।
स्वास्थ्य मंत्री के खास और प्रदेश कार्य समिति सदस्य धनंजय पाण्डेय चुनाव हार गए…
स्वास्थ्य मंत्री के सबसे खास और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा धनंजय पाण्डेय चुनाव हार गए। बता दें कि यह सबसे बड़ी हार मानी जा रही है क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री के साथ रहने वाले और उनके नौ रत्नों में से एक थे धन्नजय पाण्डेय।धनंजय पाण्डेय की हार की वजह को लेकर कई बाते सामने आ रही हैं जिसमें कुछ बातें खुद उन्हीं से जुड़ी सामने हैं।
पांच सदस्यों के साथ भी भाजपा बना सकती है जनपद में अपनी सरकार
वैसे सूत्रों की माने तो पांच सदस्यों के जीतकर आने के बाद भी भाजपा अपनी सरकार खड़गवां जनपद पंचायत में बना सकती है। बता दें कि जनपद सदस्यों की कुल संख्या 12 है और 7 बहुमत के लिए आवश्यक हैं और वह आकंड़ा भाजपा ने मंत्री श्याम बिहारी के नेतृत्व में जुटा लिया है। अब देखना है कि इस बात में कितनी सच्चाई है और क्या ऐसा संभव हो पाता है और भाजपा जनपद में सरकार बना पाती है।
जिला पंचायत के लिए भाजपा समर्थित दो प्रत्याशियों की हार उनकी ही विरोधी लहर की वजह से,चर्चा
भाजपा समर्थित दो जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी खुद चुनाव हार गए। वैसे यह हार मंत्री के लिए भी गिनी जा रही है उनकी लोकप्रियता पर भी प्रश्न उठ रहे हैं लेकिन बताया जा रहा और चर्चा भी है कि दोनों प्रत्याशियों की हार की वजह वह खुद हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष रेणुका सिंह खुद के विरोधी लहर में चुनाव हार गईं उनके ऊपर जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए क्षेत्र में नहीं रहना बराबर यह आरोप था वहीं जनपद अध्यक्ष रही सोनमति उर्रे पर भी इसी तरह का आरोप था कि वह जनपद में रहते हुए लोगों से दूर थीं।


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