सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
नईदिल्ली,18 फरवरी 2025(ए)। सुप्रीम कोर्ट मुख्य चुनाव आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने नियुक्तियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के 2023 के फैसले का पालन नहीं किया, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश को शामिल करने वाले पैनल की आवश्यकता थी। यह सुनवाई 19 फरवरी को प्राथमिकता के आधार पर होगी। सरकार ने नए कानून के तहत तीन नियुक्तियां की हैं।
19 फरवरी को प्राथमिकता आधार पर होर्गी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह सीईसी और ईसी की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 19 फरवरी को प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता, एक गैर-सरकारी संगठन , का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया कि सरकार ने 2023 के संविधान पीठ के फैसले की अवहेलना की है। इस फैसले में कहा गया था कि सीईसी और ईसी की नियुक्तियां एक पैनल द्वारा की जानी चाहिए जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हों।
प्रशांत भूषण ने नियुक्तियों पर उठाए सवाल
प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार ने सीजेआई को शामिल नहीं करके लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है। उन्होंने अदालत से मामले पर तत्काल विचार करने का आग्रह किया क्योंकि सरकार ने संविधान पीठ के फैसले की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि यह मामला 19 फरवरी के लिए सूचीबद्ध है लेकिन इसे ‘आइटम नंबर’ 41 के रूप में लिस्ट किया गया है। सरकार ने संविधान पीठ के दृष्टिकोण की अनदेखी करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की है। कृपया इसे पहले उठाएं क्योंकि मामले पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है।
क्यों सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
एक अन्य याचिकाकर्ता, जया ठाकुर के वकील, वरुण ठाकुर ने बताया कि सरकार ने नए कानून के तहत तीन नियुक्तियां की हैं, जिन सभी को चुनौती दी गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सभी पक्षों को आश्वासन दिया कि वे कुछ जरूरी मामलों के बाद 19 फरवरी को याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे। सरकार ने सोमवार को ज्ञानेश कुमार को अगला चुनाव आयुक्त नियुक्त किया। वह राजीव कुमार के मंगलवार शाम को सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद 26वें चुनाव आयक्त के रूप में शपथ लेंगे।
सीईसी और ईसी की नियुक्ति में सीजेआई शामिल क्यों नहीं
यह नियुक्ति संविधान पीठ के फैसले के बाद हुई है, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि नियुक्ति प्रक्रिया में ष्टछ्वढ्ढ को शामिल न करके सरकार ने कानून का उल्लंघन किया है और लोकतंत्र को कमजोर किया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है।
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